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गुड़गांव: नमाज़ पर नहीं थमा विवाद, वॉलीबॉल कोर्ट बनाने की मांग - प्रेस रिव्यू
दिल्ली से सटे गुड़गांव में सार्वजनिक स्थलों पर नमाज़ को लेकर विवाद और एक वर्ग के लोगों का विरोध थमता नज़र नहीं आ रहा है. सरहौल के एक पार्क में नमाज़ पढ़े जाने को लेकर 80 से अधिक लोगों ने विरोध किया. यह जगह नमाज़ पढ़ने के लिए पूर्व निर्धारित जगहों में से एक है.
पुलिस ने बताया कि विरोध के बाद इस पार्क में होने वाले नमाज़ किसी अन्य जगह पर पढ़ी गई.
अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़, गुड़गांव के सेक्टर 12A में, 20 से अधिक लोगों ने नमाज़ के लिए निर्धारित जगह पर कब्ज़ा कर लिया, और दावा किया कि इस जगह पर वॉलीबॉल का कोर्ट बनाया जाएगा. इनमें से कई लोगों को 15 दिन पहले पुलिस ने नमाज़ में दख़ल पैदा करने के आरोप में गिरफ़्तार भी किया था.
पिछले सप्ताह यहां संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति ने गोवर्धन पूजा का आयोजन किया था. इस समिति में 22 स्थानीय दक्षिणपंथी संगठन शामिल हैं जो नमाज़ के खिलाफ़ किए जा रहे विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं.
अख़बार को पुलिस सूत्रों के मिली जानकारी के अनुसार, दोपहर करीब 12.30 बजे, सरहौल गांव के कुछ लोग और 'मानवता संगठन' नाम के एक समूह से जुड़े लोगों ने पार्क पर कब्ज़ा कर लिया. यह पार्क की जगह साल 2018 में नमाज़ के लिए सहमति से तय की गई जगहों में से एक है.
सेक्टर 17/18 पुलिस स्टेशन के एसएचओ सुधीर कुमार ने कहा, "ज़्यादातर प्रदर्शनकारी सरहौल गांव के थे और उन्होंने कहा कि पार्क में नमाज़ नहीं पढ़ी जानी चाहिए. उनका कहना था कि उन्होंने डिप्टी कमिश्नर को एक आवेदन दिया है और प्रार्थना करने आए लोगों से कहीं और जाने का अनुरोध किया. मुस्लिम समुदाय के लोग इसके बाद वहां से चले गए. स्थिति शांतिपूर्ण थी और कानून-व्यवस्था के कोई हालात पैदा नहीं हुए. हमने प्रदर्शनकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस मुद्दे पर बनी कमेटी के सामने अपनी मांगें रखें."
पुलिस सूत्रों ने बताया कि बीते शुक्रवार को इस समूह ने इसी इलाके में एक डायग्नोस्टिक लैब के पास एक अन्य जगह पर नमाज़ अदा करने पर विरोध किया था.
मानवता संगठन का अध्यक्ष होने का दावा करने वाले प्रवीण यादव ने कहा, "अगर उन्हें (मुसलमानों को) किसी पार्क में नमाज़ करने का अधिकार है, तो हमें भी वहां विरोध करने का अधिकार है, हमारा मानना है कि इबादत सिर्फ़ इबादतगाहों में या घर पर की जानी चाहिए या वक़्फ़ बोर्ड की संपत्तियों पर ही की जानी चाहिए. इस मामले पर एक घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई, जिसके बाद वे चले गए."
यादव कहा कि पार्क में एक साल से अधिक समय से शुक्रवार की नमाज़ अदा की जा रही थी और ये भी दावा किया कि वे किसी भी राजनीतिक दल या अन्य संगठन से नहीं जुड़े हैं.
इस संगठन के उपाध्यक्ष सचिन यादव ने कहा कि उन्होंने तीन सप्ताह पहले 'सामाजिक संगठन' बनाया. नमाज़ से 'स्थानीय लोग और कुछ निजी कंपनी के कर्मचारी परेशान थे, इसलिए हमने ये मुद्दा उठाया."
वीर यादव सेक्टर 12 से गिरफ़्तार किए गए लोगों में से एक थे. उन्होंने कहा, "हम यहां (नमाज़ के लिए निर्धारित जगह पर) वॉलीबॉल कोर्ट बनाएंगे. हम यहां नेट लगाने और रोशनी की व्यवस्था करने आए हैं. जल्द ही यहां एक टूर्नामेंट का आयोजन किया जाएगा. हम सार्वजनिक स्थानों पर यहां या शहर में कहीं भी नमाज़ नहीं होने देंगे.''
वहीं इस मामले पर मुस्लिम समूहों ने कहा कि उन्होंने डिप्टी कमिश्नर के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की और सेक्टर 12A चौक पर नमाज़ नहीं पढ़ने का फ़ैसला किया है.
मुस्लिम एकता मंच के अध्यक्ष शहज़ाद ख़ान ने कहा, "अगले सप्ताह हम अधिकारियों और हिंदू समूहों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे. जब तक कोई हल नहीं निकलता, हमने सेक्टर 12A में नमाज़ नहीं पढ़ने का फैसला किया है. इलाके के लोगों ने आज शीतला माता मंदिर के पास एक मस्जिद में नमाज़ अदा की."
सपा-बसपा-कांग्रेस मिलकर भी बीजेपी को नहीं हरा सकतीं- अमित शाह
इंडियन एक्सप्रेस में छपी ख़बर के मुताबिक़, अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए अपनी पार्टी की तैयारियों की शुरुआत करते हुए, शुक्रवार को वाराणसी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य के बीजेपी पदाधिकारियों को संबोधित किया.
इस बैठक में शामिल होने वाले एक नेता ने अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि शाह ने इस बैठक में कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा मिलकर भी बीजेपी को हरा नहीं पाएंगी.
एक सूत्र के मुताबिक़, अमित शाह ने राज्य में क़ानून व्यवस्था, माफियाओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई और कोरोना के दौरान स्वास्थ्य प्रबंधनों को लेकर योगी सरकार की तारीफ़ की.
अमित शाह ने ये भी कहा कि जहां हर सरकार सत्ता-विरोधी लहर का सामना करती है, वहीं योगी आदित्यनाथ सरकार के समर्थन में लोगों का मूड कहीं ज़्यादा मज़बूत है.
सूत्रों के अनुसार, शाह ने सभा में कहा कि यूपी चुनाव के परिणाम 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए महत्वपूर्ण होंगे, सभी की निगाहें यूपी पर हैं. शाह ने पार्टी की राज्य इकाई से बड़ी जीत हालिस करने की दिशा में काम करने को कहा.
कहा जाता है कि दिल्ली में जीत का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुज़रता है. साल 2017 में बीजेपी और उसके सहयोगियों ने विधानसभा चुनाव में 325 सीटें जीती थीं.
भारत दौरे पर आ सकते हैं व्लादिमीर पुतिन
दिसंबर में एक वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत यात्रा पर आ सकते हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि उनका ये दौरा एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों के पहले बैच की डिलीवरी के समय होगा और यह दोनों देशों के लिए आने वाले समय में सैन्य-तकनीकी सहयोग का एक नया मंच तैयार करेगा.
अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स में छपी ख़बर के अनुसार, पुतिन की यात्रा से पहले मॉस्को में भारत और रूस के रक्षा और विदेश मंत्रियों की 2+2 वार्ता का होगी. नाम ना ज़ाहिर करने की शर्त पर इस मामले से परिचित एक शख़्स ने बताया, ये बैठक ही दोनों नेताओं की सम्मेलन में होने वाली मुलाकात की पृष्ठभूमि तैयार करेगी.
एस-400 सिस्टम के पहले बैच की डिलीवरी दिसंबर तक होने की उम्मीद है. ऐसे में माना जा रहा है कि दिसंबर के दूसरे सप्ताह में पुतिन वार्षिक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी से मिल सकते हैं. दोनों पक्षों की ओर से 6 दिसंबर को इस मुलाकात के लिए संभावित तारीख़ मानी जा रही है.
कंगना के 'आज़ादी' वाले बयान को बीजेपी नेता ने बताया सरासर ग़लत
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़, महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने शुक्रवार को अभिनेत्री कंगना रनौत के उस बयान को पूरी तरह ग़लत बताया है जिसमें उन्होंने कहा था कि 'देश को 1947 में मिली आज़ादी भीख़ थी.'
एक न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में कंगना रनौत ने कहा था कि भारत को असली आज़ादी 2014 में मिली है, इस बयान को लेकर कंगना की ख़ूब आलोचना की जा रही है.
साल 2014 में देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने. ये बयान इसी संदर्भ में दिया गया था.
पत्रकारों से बात करते हुए पाटिल के कहा, ''देश की आज़ादी की लड़ाई पर कंगना रनौत की टिप्पणी पूरी तरह से ग़लत है. किसी को भी स्वतंत्रता आंदोलन पर नकारात्मक टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है.''
हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें नहीं पता की अभिनेत्री ने किस तरह की 'भावनाओं' के कारण ये बयान दिया.
पाटिल ने इसके साथ ही दावा किया, ''2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आम आदमी को सच्ची आज़ादी का अनुभव हो रहा है. अब देश में ऐसा कोई नहीं बचा है जो दो वक़्त का खाना न खा सके. केंद्र सरकार गरीबों को 105 रुपये में 35 किलो अनाज दे रही है.''
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