चीन ने श्रीलंका के सरकारी बैंक को किया ब्लैकलिस्ट- प्रेस रिव्यू

राष्ट्रपति शी जिनपिंग

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चीन ने श्रीलंका में जैविक खाद का एक ऑर्डर रद्द होने के बाद श्रीलंका के एक बैंक को ब्लैकलिस्ट कर दिया है.

अंग्रेज़ी अख़बार 'द हिंदू' के मुताबिक चीन ने जैविक खाद के एक ऑर्डर के संबंध में "दुर्भावनापूर्ण" लेटर ऑफ क्रेडिट "डिफ़ॉल्ट" का हवाला देते हुए श्रीलंका के एक शीर्ष सरकारी बैंक को ब्लैकलिस्ट कर दिया.

श्रीलंका ने हाल ही में चीन की एक कंपनी को जैविक खाद का ऑर्डर दिया था लेकिन खाद के दूषित पाए जाने पर श्रीलंकाई अधिकारियों ने चीन से आई खेप को वापस कर दिया. वहीं, लेटर ऑफ़ क्रेडिट देने वाले बैंक ने कंपनी को भुगतान करने से मना कर दिया था.

चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि इस "डिफॉल्ट" के कारण श्रीलंका के साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार में चीन के उद्योगों को ''बड़ा नुक़सान'' हुआ है.

चीन के इस फ़ैसले को लेकर श्रीलंका स्थित चीनी दूतावास के एक ट्वीटर के जवाब में श्रीलंका पीपल्स बैंक ने कहा कि वह केवल अदालत के आदेश का पालन कर रहा था. इस आदेश में बैंक को चीनी कंपनी को भुगतान करने से रोका गया था.

बैंक ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा, "क़ानूनी रोक हट जाने पर सामान्य व्यापारिक तरीक़ों से लेटर ऑफ़ क्रेडिट भुगतान तुरंत प्रभावी हो जाएगा."

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पिछले हफ़्ते श्रीलंका ने जैविक खाद लाने वाले एक चीनी जहाज पर रोक लगा दी थी. इसमें कुछ हानिकारक बैक्टीरिया पाए गए थे.

समाचार एजेंसी एएफ़पी ने बताया कि एक वाणिज्यिक उच्च न्यायालय ने चिंगदाओ सीविन बायोटेक ग्रुप कंपनी लिमिटेड को 96,000 टन खाद के लिए किसी भी भुगतान पर प्रतिबंध लगा दिया था.

दोनों देशों के बीच चल रहे इस विवाद के बीच श्रीलंका में कृषि संकंट पैदा हो सकता है. पिछले साल मार्च में ही श्रीलंका ने अचानक से रासायनिक खाद के बजाय जैविक खाद का इस्तेमाल करने का फ़ैसला लिया था.

किसान आंदोलन

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पुलिस का बैरिकेड हटाना हमारी बात की पुष्टि: किसान नेता

किसान आंदोलन के चलते 11 महीनों से बंद गाज़ीपुर और टिकरी बॉर्डर से शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड हटाने शुरू कर दिए हैं.

अंग्रेज़ी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार दिल्ली पुलिस बैरिकेड हटाने पर किसान नेताओं का कहना है कि इससे उनकी बात की पुष्टि होती है कि किसानों ने रास्ता बंद नहीं किया है.

हालांकि, किसान संगठनों ने ये भी कहा कि उनकी बीजेपी के अगले कदम पर नज़र बनी हुई है.

संयुक्त किसान मोर्चा अगले महीने दो नवंबर की बैठक में इस मामले पर चर्चा करेगा.

किसान नेताओं ने कहा कि विरोध प्रदर्शन की जगह को पूरी तरह खाली करने का कोई भी फ़ैसला संयुक्त किसान मोर्चा लेगा.

सुप्रीम कोर्ट में आंदोलन के कारण सड़क बंद होने से हो रही परेशानी को लेकर एक याचिका डाली गई थी.

याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कर दिया था कि विरोध प्रदर्शन किसानों का अधिकार है लेकिन सड़कों को नहीं रोका जा सकता.

लेकिन, किसान संगठनों का कहना था कि सड़के आंदलोनकारी किसानों ने नहीं बल्कि पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोकी हैं. इसके बाद पुलिस ने बैरिकेड हटाने शुरू कर दिए.

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मंदिर जाने पर दलित परिवार पर हमला

दैनिक अख़बार हिंदुस्तान में ख़बर है कि गुजरात के कच्छ ज़िले के गांधीधाम शहर के पास एक गांव में मंदिर जाने वाले एक दलित परिवार के छह सदस्यों पर हमला किया गया. उन पर करीब 20 लोगों ने हमला करके मारपीट की.

अख़बार ने पुलिस उपाधीक्षक किशोर सिंह के हवाले से लिखा है कि ये घटना 26 अक्टूबर की है जब गोविंद वाघेला और उनके परिवार पर हमला किया गया. मामले में एफ़आईआर दर्ज कर ली गई है. लेकिन अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है. अपराधियों को पकड़ने के लिए आठ टीमों का गठन किया गया है.

एफ़आईआर के अनुसार हमाले करने वाले लोग इस बात से गुस्सा थे कि गोविंद वाघेला और उनका परिवार 20 अक्टूबर को नेर गांव के राम मंदिर में पूजा करने के लिए गए थे.

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