पीएम मोदी की इस घोषणा पर पाकिस्तान से कड़ी प्रतिक्रिया

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाए जाने के फ़ैसले की पाकिस्तान में कड़ी आलोचना हो रही है.

14 अगस्त को पाकिस्तान अपना आज़ादी दिवस मनाता है.

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस फ़ैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे शर्मनाक बताया है. वहीं कई दूसरे लोगों ने भी इसकी आलोचना की है. भारत में भी कई लोगों ने इस फ़ैसला का स्वागत किया है, तो कई इससे सहमत नहीं नज़र आ रहे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त के दिन ट्वीट कर कहा था कि देश के विभाजन के दर्द से गुज़रने वाले लोगों की याद में 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' मनाया जाएगा. यही बात प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर लाल क़िले से देश को संबोधित करते हुए भी दोहराई.

पीएम ने अपने भाषण में भी किया ज़िक्र

स्वतंत्रता दिवस के भाषण में भी पीएम ने इस फ़ैसले का ज़िक्र किया. उन्होंने कहा, "हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बँटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है. यह पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है. कल ही देश ने भावुक निर्णय लिया है. अब से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा."

"जो लोग विभाजन के समय अमानवीय हालात से गुज़रे, अत्याचार सहे, जिन्हें सम्मान के साथ अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हुआ, उन लोगों का हमारे स्मृतियों में रहना ज़रूरी है. "

"आज़ादी के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का तय होना ऐसे लोगों को हर भारतवासी की तरफ़ से आदरपूर्वक श्रद्धांजलि है."

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने शनिवाार को बयान जारी कर कहा, "भारतीय प्रधानमंत्री ने साल 1947 की घटनाओं के बारे में जो ट्वीट किया है, उससे यह साबित होता है कि कोई भी आधुनिक देश अपने आप से ऐसे विरोधाभास ज़ाहिर नहीं करता जैसा कि तथाकथित 'दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र'.

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "यह शर्मनाक है कि 'हिंदुत्व' विचारधारा को मानने वाले, नफ़रत और हिंसा को बढ़ावा देने वाले अब पाखंडपूर्ण ढंग से 1947 में आज़ादी के दौरान हुए भारी विस्थापन और त्रासदीपूर्ण घटनाओं को इतने एकतरफ़ा तरीके से उठा रहे हैं."

पाकिस्तानी पक्ष ने कहा, "इतिहास को ग़लत तरीके से पेश करना और सांप्रदायिकता को भड़काना आरएसएस-बीजेपी शासन की दक्षता है. जख़्मों पर मरहम लगाने की बजाय वो चुनावी फ़ायदे के लिए वो किसी भी हद तक जा सकते हैं."

बयान में कहा गया कि "हमें विश्वास है कि भारत में लोगों की सद्भावना इस राजनीतिक स्टंट को ख़ारिज कर देगी."

पाकिस्तान के कई दूसरे ट्विटर यूज़र्स ने भी पीएम मोदी की आलोचना की. इमरान जटाला नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा, "आप 14 अगस्त को विभाजन दिवस और 15 को स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे, वाह. जिन्ना का समर्थन करने के लिए धन्यवाद. पाकिस्तान में हमारा उद्धार, रक्षा और सम्मान निहित है."

लंदन की रहने वालीं उज़मा अशरफ़ ने लिखा, "अगर पाकिस्तान 15 अगस्त को काला दिवस मनाने लगे, तो क्या आपको अच्छा लगेगा?

"विभाजन की एक अलग बहस है, लेकिन किसी देश को नीचा दिखाने पर मैं सवाल उठा रही हूं."

अली शबाज़ नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा कि पूरी दुनिया नरेंद्र मोदी का असली चेहरा देख रही है.

भारतीयों की प्रतिक्रिया

कई भारतीयों ने पीएम मोदी के इस फ़ैसला का स्वागत किया और विभाजन के समय के अपने परिवार के दुखों को भी साझा किया. हालांकि कइयों ने आलोचना भी की.

फिल्म निर्देशक शेखर कपूर ने लिखा, "मैं विभाजन के दौरान का बच्चा हूँ. मेरे पिता जब तक ज़िदा थे, इसके भय से उभर नहीं पाए थे. उम्मीद करता हूँ कि हम याद रखेंगे कि हमने ख़ुद पर शासन करने वालों को क्या करने दिया. हम कभी न भूलें. शुक्रिया."

जम्मू-कश्मीर वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष मीर जुनैद ने लिखा, "14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाना ख़ुद को याद दिलाने का सबसे अच्छा तरीक़ा है कि सांप्रदायिकता से क्या हो सकता है. विभाजन के समय जो हुआ, वो एक सीख है कि हमें हर तरह के भेदभाव से बचना चाहिए, जाति के आधार पर, धर्म और समुदाय पर."

वहीं कुछ लोगों का मानना है कि पीएम का ये फ़ैसला सही नहीं है.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के सहयोगी रहे सुधींद्र कुलकर्णी ने लिखा, "ये सही है कि विभाजन के दर्द को नहीं भुलाना चाहिए. लेकिन 14 अगस्त को पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है. पाकिस्तान एक सच्चाई है, जिससे भाग नहीं सकते. आप भारत के प्रधानमंत्री है, आपका कर्तव्य है कि आप अपने पड़ोसी को इस दिन पर बधाई दें."

पीएम मोदी ने ट्वीट में क्या लिखा

पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा था, ''देश के बँटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता. नफ़रत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी. उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है.''

उन्होंने लिखा था, ''यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को ख़त्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मज़बूत होंगी.''

सरकार ने जारी किया गज़ेट नोटिफ़िकेशन

पीएम मोदी के ट्वीट करने के बाद सरकार की ओर से इस बारे में गैज़ेट नोटिफ़िकेशन भी जारी किया गया.

नोटिफ़िकेशन में लिखा गया, " भारत सरकार ने विभाजन के दौरान भारत के लोगों के दर्द और कष्टों के बारे में भारतीयों की वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों को याद दिलाने के लिए 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' घोषित किया है.

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