दानिश सिद्दीक़ी: अफ़ग़ानिस्तान में मारे गए भारतीय फ़ोटो पत्रकार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दफ़नाया गया: प्रेस रिव्यू

दानिश सिद्दीक़ी

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अफ़ग़ानिस्तान में पाकिस्तान से लगी सीमा पर अफ़ग़ान सुरक्षाबलों और तालिबान लड़ाकों के बीच संघर्ष में मारे गए भारत के वरिष्ठ फ़ोटो पत्रकार दानिश सिद्दीक़ी को दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया के क़ब्रिस्तान में दफ़नाया गया.

द हिंदू अख़बार लिखता है कि पीड़ित परिवार का अनुरोध था कि दानिश को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दफ़नाया जाए.

अफ़ग़ान सुरक्षा बलों और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर करते हुए अफ़ग़ानिस्तान में मारे गए भारत के फ़ोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीक़ी का पार्थिव शरीर रविवार की शाम यानी 18 जुलाई को दिल्ली पहुंचा.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति नज़मा अख़्तर ने सिद्दीक़ी के परिवार के अनुरोध को स्वीकार करते हुए उनके पार्थिव शरीर को जामिया क़ब्रिस्तान में दफ़नाने की अनुमति दी.

हालांकि ये क़ब्रिस्तान विशेष रूप से विश्वविद्यालय के कर्मचारियों, उनके जीवनसाथी और नाबालिग बच्चों के लिए है.

दानिश सिद्दीक़ी

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दानिश सिद्दीक़ी साल 2005-2007 के बीच एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर (एमसीआरसी) में एक छात्र थे. उनके पिता प्रोफ़ेसर अख़्तर सिद्दीक़ी जामिया के शिक्षा संकाय में डीन के पद से सेवानिवृत्त हुए थे.

काबुल में भारतीय दूतावास के जारी किए गए मृत्यु प्रमाण पत्र में कहा गया है कि सिद्दीक़ी की मृत्यु 16 जुलाई को स्पिन बोल्डक, कंधार, अफ़ग़ानिस्तान में हुई.

सिद्दीक़ी न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के साथ जुड़े हुए थे और अफ़ग़ानिस्तान में जारी संघर्ष की रिपोर्टिंग के लिए गए थे.

पेगासस

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पेगासस स्पाईवेयर: मॉनसून सत्र के पहले दिन क्या उठेगा मुद्दा?

देश के चर्चित लोगों के फ़ोन की कथित जासूसी से जुड़ी रिपोर्ट सामने आने के बाद विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनिया भर में सैकड़ों पत्रकारों और दूसरे चर्चित लोगों के फ़ोन टैप किए गए हैं. इनमें भारत के भी कई लोग शामिल हैं.

विपक्ष के कई नेताओं ने रविवार को कहा कि पेगासस स्पाईवेयर की मदद से भारतीयों के मोबाइल नंबर की कथित जासूसी का ये काफ़ी गंभीर मामला है. विपक्ष का कहना है कि ये संवैधानिक अधिकारों और किसी व्यक्ति की निजता पर हमला भी है.

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कुछ नेताओं का कहना है कि यह मामला संसद में उठाया जाएगा.

इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि विपक्षी दल संयुक्त रूप से सोमवार सुबह इस पर अंतिम फ़ैसला लेंगे कि क्या मानसून सत्र के उद्घाटन के दिन ही इस मुद्दे को उठाया जाए या उन राजनेताओं और अन्य लोगों के नामों की प्रतीक्षा की जाए जिन्हें इसके तहत या तो निशाना बनाया गया या बनाए जाने का प्रयास किया गया.

राज्यसभा में कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "यह मामला उठाया जाना चाहिए. यह राज्य की जासूसी से जुड़ा मामला है. यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है. यह संवैधानिक लोकतंत्र की प्रणाली और निजता से समझौता है. सरकार यह कहकर बच नहीं सकती कि उन्हें वेरिफ़ाई करना है या और कुछ...कौन सी एजेंसियां हैं, जिन्हें मैलवेयर मिला है? पेगासस को ख़रीदने वाली एजेंसियां कौन सी हैं?"

उन्होंने कहा कि सरकार इन सवालों से भाग नहीं सकती है.

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संसद का मॉनसून सत्र आज से

संसद का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. इस बात की पूरी उम्मीद जताई जा रही है कि संसद का मॉनसून सत्र इस बार काफी हंगामेदार हो सकता है. कोविड महामारी के बाद पहली बार हो रहे इस अधिवेशन में 17 नए चेहरे होंगे.

बिज़नेस स्टैंडर्ड की ख़बर के अनुसार, सत्र की शुरूआत के एक दिन पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष की बैठक हुई. इससे इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही इसे कितनी गंभीरता से ले रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत से पहले रविवार को एनडीए नेताओं के साथ बैठक की. मीटिंग में पीएम मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे.

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के कई घटक दलों के नेताओं ने इस मीटिंग में हिस्सा लिया. मीटिंग का एजेंडा संसद के मॉनसून सत्र के दौरान एनडीए की रणनीति को अंतिम रूप देना था. सोमवार से शुरू हो रहा मॉनसून सत्र 13 अगस्त तक जारी रहेगा.

कुछ प्रमुख विधेयक जो मानसून सत्र में पेश हो सकते हैं:

  • फैक्टरिंग नियमन संशोधन विधयक 2020
  • डीएनए तकनीक प्रयोग एवं अनुप्रयोग नियमन विधेयक 2019
  • माता-पिता एवं वरिष्ट नागरिक भरण-पोषण एवं कल्याण संशोधन विधेयक 2019
  • किशोर न्यया संशोधन विधेयक 2019
  • सरोगेसी नियमन विधेयक 2019
  • नौवहन समुद्री सहायता विधेयक 2021

इसके अतिरिक्त बिजली संशोधन विधेयक, पेट्रोलियम एवं खनिज पाइपलाइन संशोधन विधेयक जैसे कई महत्वपूर्ण विधेयक इस सत्र के दौरान पेश किए जा सकते हैं.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर

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प्रधानमंत्री मोदी के कारण पाकिस्तान एफ़एटीएफ़ की ग्रे लिस्ट में: एस. जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के प्रयासों के कारण ही पाकिस्तान फ़ाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (एफ़एटीएफ़) की ग्रे लिस्ट में शामिल हुआ.

पाकिस्तान जब तक एफ़एटीएफ़ के छह मापदंड़ों को पूरा नहीं करता वो ग्रे लिस्ट में बना रहेगा. उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने दुनिया को यह बता दिया है कि भारत अब चीन के दबाव में नहीं आएगा.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया में प्रकाशित ख़बर के अनुसार, विदेश मंत्री ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंधों के लिए भी केंद्र सरकार के प्रयासों को श्रेय दिया.

इस संबोधन का उद्देश्य भाजपा के संसद सदस्यों को मॉनसून सत्र से पूर्व केंद्र सरकार की विदेश नीति के बारे में सूचित करना था.

एस जयशंकर ने कहा कि सरकार ने पड़ोसी देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने का भी प्रयास किया है.केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जी-7, जी-20 जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों के माध्यम से आतंकवाद को वैश्विक चिंता का विषय बनाया है.

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