कोरोना: लॉकडाउन के डर से मनमाना किराया देकर बिहार लौट रहे हैं मज़दूर

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- Author, सत सिंह
- पदनाम, रोहतक से बीबीसी हिंदी के लिए
हरियाणा सरकार ने पिछले दिनों जब से रात के दस बजे के बाद का क़र्फ्यू लगाया है और शाम को छह बजे के बाद सभी दुकानों और बाज़ारों को बंद करने का आदेश दिया है तब से बिहार के प्रवासी मज़दूर अपने घरों की लौटने लगे हैं.
उनकी इस मजबूरी का सबसे ज़्यादा फ़ायदा, प्राइवेट बस ऑपरेटर उठा रहे हैं, जिन्होंने महामारी की इस 'त्रासदी के अंदर अवसर' तलाश लिया है. दस दिन पहले तक जिन प्राइवेट बसों का रोहतक से बिहार तक का किराया हज़ार से बारह सौ रुपये होता था वही किराया अब डबल हो गया है.
संजीव कुमार प्रवासी मज़दूर हैं और भवन निर्माण कामगार यूनियन के नेता हैं.
उनके मुताबिक रोज़ाना क़रीब सौ मज़दूर बिहार की ओर पलायन कर रहे हैं.
संजीव कुमार ने बताया,"कई मज़दूरों से बात हुई जो पिछले दस दिनों में बिहार अपने घर गए हैं. हर बीतते दिन के साथ प्राइवेट बस का किराया हज़ार से बारह सौ, सोलह सौ, अठारह सौ, दो हज़ार या उससे अधिक होता जा रहा है."
संजीव बताते हैं कि रोहतक में चार बस संचालकों ने बिहार बस सर्विस शुरू कर रखी है और इन लोगों ने मज़दूरों की बस्तियों के नज़दीक बड़े बड़े पोस्टर चिपका रखे हैं और बस्तियों में ये अफ़वाह भी फैलाते हैं कि लॉकडाउन लगने वाला है.

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राजन सोमवार को ही रोहतक से बिहार के लिए निकले हैं.
उन्होंने फ़ोन पर बताया कि वो पाइप बिछाने का काम करते हैं और जाना नहीं चाहता थे पर उसके गाँव के सभी मज़दूरों ने लॉकडाउन के बारे में सुनकर रविवार रात को ही यह तय कर लिया कि अब नहीं रुकना है, इसलिए मज़बूरन उन्हें भी निकलना पड़ा.
राजन ने बताया, "मैं एक महीने पहले जब गाँव से आया था तो बस वाले ने हज़ार रुपये लिए थे अब भागदौड़ में टिकट ली तो 1800 रुपये की मिली है. यही सोच कर महंगी टिकट लेनी पड़ी कि कहीं बाद में अकेले पैदल जाना पड़ा तो समस्या हो जाएगी."
डर का माहौल
प्रवासी मज़दूरों की आवाज़ उठाने वाले विनोद कुमार ने बताया कि प्राइवेट बस वाले मज़दूरों की बस्तियों में घूमते रहते हैं और कहते हैं कि लॉकडाउन लगने वाला है.
विनोद कुमार कहते हैं, "सभी के दिमाग़ में ये बात घर कर गयी है कि चुनाव का परिणाम आते ही देश में लॉकडाउन लगेगा और उनको पिछली बार की तरह खाने-पीने की दिक़्क़त आएगी. डरे हुए मज़दूरों से बस वाले महंगा किराया वसूलते हैं."
विनोद ने बताया कि 30 अप्रैल के बाद किराया शायद चार हज़ार तक पहुंच जाए क्योंकि कई सारे मज़दूर इस महीने का हिसाब करके प्राइवेट बसों से निकलेंगे और कई प्राइवेट बस वाले एडवांस बुकिंग करके बैठे हैं.

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प्रशासन की नाक के नीचे
हैरानी इस बात की है कि प्राइवेट बस वाले बिहार जाने वाले मज़दूरों से मनमाना किराया कोई चोरी छिपे नहीं वसूल रहे हैं बल्कि शहर में पोस्टर लगा कर वसूल रहे हैं.
हर रोज़ बस सब्ज़ी मंडी से, सुखपुरा चौक से, दिल्ली बाईपास से, गोहाना चौक से मज़दूरों को बैठाती हैं.
चिनाई का काम करने वाले ठेकेदार रिज़वान ख़ान कहते हैं, "प्राइवेट बस ऑपरेटरों की मनमानी बिना प्रशासन की शह के संभव ही नहीं हैं."
आस मुहम्मद बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले हैं. वो अपनी पत्नी के साथ रोहतक से बिहार के लिए निकल रहे हैं. बात करने पर मुहम्मद ने कहा कि वो घर जाने के लिए दिल्ली से बस पकड़ते थे लेकिन वहाँ लॉकडाउन लगने की वजह से रोहतक से ही बस ली है.
"किराया तो बहुत महँगा हैं पर बस वाले ने मुझसे कहा कि बस का टिकट आज तो 1800 में मिल रहा हैं आने वाले दिनों में चार हज़ार में भी नहीं मिलेगा".
गौतम कुमार रोहतक में बालाजी बस सर्विस का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि उनकी बसें मज़दूरों को बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश छोड़ कर आ रही हैं. रोज़ 100 से अधिक मज़दूर अपने घर को निकल रहे हैं.
गौतम ने बताया कि उनके पास आने वाले दिनों की एडवांस बुकिंग हो चुकी है.
प्रशासन का क्या कहना है
रोहतक के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर महिंदर पाल मानते हैं कि किराए के मामले में मनमानी की बात उनके सुनने में भी आई हैं जो कि हर तरीके से ग़लत हैं.
उन्होंने कहा, "ये जांच का विषय हैं और मैंने इसकी जाँच रोहतक के आरटीओ को सौंप दी हैं और दोषी के ख़िलाफ़ कड़ी कारवाही की जाएगी."
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