चीन पर राजनाथ सिंह के बयान में अंदरूनी क्षेत्रों का मतलब क्या है

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि चीन ने एलएसी यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास और उसके भीतरी इलाक़ों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है और भारी मात्रा में गोला बारूद भी जमा किए हुए है.
राजनाथ सिंह ने इस बात को स्वीकार किया कि भारत लद्दाख में चीन की चुनौती का सामना कर रहा है. हालांकि इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जून में महीने में कहा था कि सब कुछ ठीक है और चीन भारत के इलाक़े में नहीं हैं.
राजनाथ सिंह ने संसद में कहा, "अभी की स्थिति के अनुसार चीन ने एलएसी और अंदरूनी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियों और गोला-बारूद जमा किए हैं."
राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में टकराव के कुछ केंद्र हैं, जिनमें गोराग, कोंगका ला और पैंगोंग लेक के उत्तरी-पूर्वी तट हैं.
राजनाथ सिंह ने कहा, "मुझे इस गरिमामयी संसद में यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि हम लद्दाख में चीन की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं."
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प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान से अलग है, जो उन्होंने 19 जून को सर्वदलीय बैठक में दिया था. प्रधानमंत्री मोदी ने गलवान घाटी में 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 सैनिकों की मौत के बाद 19 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी.
इसमें प्रधानमंत्री ने कहा था, "न तो कोई भारतीय इलाक़े में घुसा है और न ही अभी कोई है. किसी ने हमारी कोई चौकी भी अपने नियंत्रण में नहीं लिया है."
प्रधानमंत्री भारत-चीन तनाव को लेकर बहुत मुखर नहीं रहे हैं. यहाँ तक कि वो चीन का नाम लेने से भी बचते रहे हैं, जबकि सीमा पर दशकों बाद भारत को चीन के इतने आक्रामक रुख़ का सामना करना पड़ रहा है.
इससे पहले पीएम इस बात की भी तारीफ़ करते रहे हैं कि भारत और चीन में सीमा विवाद भले है, लेकिन दोनों देशों के बीच दशकों से सीमा पर एक गोली तक नहीं चली. हालाँकि ये बात भी इस बार नहीं रही और सरहद पर गोलीबारी भी हुई है. सोमवार को भी पीएम मोदी ने संसद को संबोधित किया तो चीन का नाम नहीं लिया.
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विपक्ष के सवाल

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हालांकि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के चीन के मुद्दे पर दिए गए बयान के बावजूद विपक्ष की ओर से सवालों के उठने का सिलसिला रुका नहीं है.
राहुल गांधी ने बुधवार को एक बार फिर चीन पर सवाल किया. उन्होंने कहा, "आप क्रोनोलॉजी समझिए: PM बोले कि कोई सीमा में नहीं घुसा. फिर चीन-स्थित बैंक से भारी क़र्ज़ा लिया. फिर रक्षामंत्री ने कहा चीन ने देश में अतिक्रमण किया. अब गृह राज्य मंत्री ने कहा अतिक्रमण नहीं हुआ. मोदी सरकार भारतीय सेना के साथ है या चीन के साथ? इतना डर किस बात का?"
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इससे पहले गृह मंत्रालय ने राज्य सभा में कहा कि पिछले छह महीने में चीन की तरफ़ से कोई घुसपैठ नहीं हुई है.
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एलएसी का अंदरूनी इलाक़ा

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राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद में कहा, "मैं इस सदन से आग्रह करता हूँ कि यहाँ से एक प्रस्ताव पास किया जाए. इस प्रस्ताव से यह संदेश जाएगा कि पूरा सदन मातृभूमि की सुरक्षा में लगे सैनिकों के साथ खड़ा है. हमारे सैनिक विपरीत मौसम में भी सीमा की सुरक्षा में तत्पर हैं."
हालांकि राजनाथ सिंह ने यह स्पष्ट नहीं किया कि एलएसी के अंदरूनी इलाक़ों का मतलब क्या है? क्या यह अंदरूनी इलाक़ा भारत के हिस्से का है?
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राजनाथ सिंह के संबोधन के बाद सवाल पूछने की अनुमति नहीं दी. राजनाथ सिंह ने कोई सवाल नहीं लिया और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस इसके विरोध में सदन से बाहर चली गई.
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राजनाथ सिंह के बयान से जो पाँच चीज़ें स्पष्ट नहीं हो पाईं

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1. राजनाथ सिंह ने इस बात का ज़िक्र नहीं किया कि एलएसी पर यथास्थिति बहाल करनी होगी. हालाँकि उन्होंने सैनिकों के पीछे हटने और शांति बहाल करने की बात कही. लेकिन रक्षा मंत्री ने अप्रैल के पहले वाली यथास्थिति बहाल करने की बात नहीं कही, जिसकी मांग भारत मई महीने से कर रहा था.
2. राजनाथ सिंह ने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि भारत का किन इलाक़ों पर दावा और चीन ने किन-किन इलाक़ों पर अपना नियंत्रण किया है. द हिंदू अख़बार ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में ख़ुफ़िया सूचना के आधार पर कहा था कि चीनी सेना पीएलए ने 1000 वर्ग किलोमीटर भारतीय इलाक़े को अपने कब्ज़े में ले लिया है.
3. रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री के उस बयान को भी लेकर रुख़ स्पष्ट नहीं किया किया कोई नहीं घुसा है का मतलब क्या था.
4. राजनाथ सिंह ने यह भी नहीं बताया कि 15 जून की रात असल में हुआ क्या था, जिसमें 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी.
रक्षा मंत्री ने यह भी नहीं बताया कि मॉस्को में पिछले हफ़्ते जब भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वागं यी की मुलाक़ात हुई, तो क्या भारत ने पूर्वी लद्दाख में यथास्थिति बहाल करने की मांग की थी.
5. राजनाथ सिंह ने सात सितंबर को लद्दाख में हुई गोलीबारी को लेकर भी कुछ नहीं कहा.
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यथास्थिति बदलने की चीन की कोशिश

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि चीन एलएसी पर एतकरफ़ा यथास्थिति बदलने की कोशिश कर रहा है और उसने अतीत के सभी समझौतों का उल्लंघन किया है.
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना किसी भी हालात से निपटने और देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि चीन के जवाब में भारत ने भी सरहद पर अपनी तैयारी और तैनाती पूरी रखी है.
राजनाथ सिंह ने कहा, "सदन को पता है कि चीन ने लद्दाख में अवैध रूप से 38 हज़ार वर्ग किलोमीटर इलाक़े पर कब्ज़ा कर रखा है. 1963 में पाकिस्तान ने अपने कब्ज़े वाले कश्मीर का 5,180 वर्ग किलोमीटर इलाक़ा चीन को दे दिया था. चीन की नज़र अरुणाचल प्रदेश पर भी है."
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