अररिया गैंग रेप केस: रेप सर्वाइवर के दो सहयोगियों को सुप्रीम कोर्ट से मिली ज़मानत

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- Author, सीटू तिवारी
- पदनाम, पटना से, बीबीसी हिंदी के लिए
सामूहिक दुष्कर्म की सर्वाइवर के दो सहयोगियों को उच्चतम न्यायालय ने ज़मानत दे दी है. जस्टिस अरूण मिश्रा की बेंच ने जन जागरण शक्ति संगठन के कार्यकर्ता तन्मय और कल्याणी को ज़मानत दे दी है.
इससे पहले बीती 17 जुलाई को बिहार की अररिया कोर्ट ने विशेष सुनवाई करते हुए रेप सर्वाइवर को ज़मानत दे दी थी. लेकिन उनके दो साथियों तन्मय और कल्याणी को ज़मानत नहीं दी थी. जस्टिस मिश्रा ने इस मामले और रेप सर्वाइवर को जेल भेजने के फ़ैसले को 'इम्परमिसिबल' (अस्वीकार्य) बताया.
दोनो कार्यकर्ताओं की वकील वृंदा ग्रोवर ने बीबीसी को बताया, "सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को ज़मानत दे दी है और हमारी रिट पिटीशन जिसमें दूसरे अन्य पक्षों को भी उठाया गया है, उस पर आगे सुनवाई होगी."
वहीं जन जागरण शक्ति संगठन के रंजीत पासवान ने बीबीसी से कहा, "इस मामले में देश भर में जो हमें समर्थन मिला, उसके लिए हम सबके शुक्रगुज़ार हैं. फ़िलहाल हमें अपने दो कार्यकर्ताओं कल्याणी और तन्मय का बेसब्री से इंतज़ार है. हमारा क़ानूनी और ज़मीनी संघर्ष आगे भी जारी रहेगा."

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क्या है पूरा मामला?
बीती छह जुलाई को एक महिला के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म हुआ. जिसकी रिपोर्ट रेप सर्वाइवर ने अररिया महिला थाना में सात जुलाई को की. महिला थाने में कांड संख्या 59/2020, भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (डी) के तहत दर्ज इस एफ़आईआर में ज़िक्र है कि मोटरसाइकिल सिखाने के बहाने उसको साहिल नाम के एक परिचित लड़के ने बुलाया. साहिल, रेप सर्वाइवर को एक सुनसान जगह ले गया. वहां पहले से मौजूद चार अज्ञात पुरूषों ने उनके साथ दुष्कर्म किया. एफ़आईआर के मुताबिक़ रेप सर्वाइवर ने साहिल से मदद माँगी, लेकिन साहिल वहां से भाग गया.
घबराई रेप सर्वाइवर, अररिया में काम करने वाले जन जागरण शक्ति संगठन (जे.जे.एस.एस) के सदस्यों की मदद से अपने घर पहुँची. लेकिन जब उन्हें अपने घर में भी असहज लगा तो रेप सर्वाइवर अपना घर छोड़कर जन जागरण शक्ति संगठन के सदस्यों के साथ ही रहने लगीं. सात और आठ जुलाई को उसकी मेडिकल जाँच हुई. जिसके बाद 10 जुलाई को 164 का बयान दर्ज कराने के लिए रेप सर्वाइवर को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट मुस्तफ़ा शाही के कोर्ट में ले जाया गया.
न्यायिक दंडाधिकारी के साथ अभद्रता का आरोप

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जन जागरण शक्ति संगठन ध्दारा जारी प्रेस रिलीज़ के मुताबिक़, रेप सर्वाइवर और जन जागरण शक्ति संगठन के कार्यकर्ता 10 जुलाई को तक़रीबन एक बजे कोर्ट पहुँचे. वहां इन लोगों ने कॉरीडोर में इंतज़ार किया जहां बैठने और पंखे की कोई व्यवस्था नहीं थी. उस वक़्त केस का एक अभियुक्त भी वहीं मौजूद था. तक़रीबन चार घंटे के इंतज़ार के बाद रेप सर्वाइवर का बयान दर्ज हुआ.
रिलीज़ के मुताबिक़, "164 के बयान के बाद जब उन्हें न्यायिक दंडाधिकारी ने बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा, तो वो (रेप सर्वाइवर) उत्तेजित हो गईं. उन्होंने उत्तेजना में कहा कि मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है. आप क्या पढ़ रहे हैं, मेरी कल्याणी दीदी को बुलाइए."
बाद में, केस की जाँच अधिकारी को बुलाया गया, तब रेप सर्वावइवर ने बयान पर हस्ताक्षर किए. बाहर आकर रेप सर्वावइवर ने जेजे एसएस के दो सहयोगियों तन्मय निवेदिता और कल्याणी बडोला से तेज़ आवाज़ में पूछा कि 'तब आप लोग कहां थे, जब मुझे आपकी ज़रूरत थी."
बाहर से आ रही तेज़ आवाज़ों के बीच ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने कल्याणी को अंदर बुलाया. कल्याणी ने रेप सर्वावइवर का बयान पढ़कर सुनाए जाने की माँग की. जिसके बाद वहां हालात तल्ख़ होते चले गए. तक़रीबन शाम पाँच बजे कल्याणी, तन्मय और रेप सर्वाइवर को हिरासत में लिया गया और 11 जुलाई को जेल भेज दिया गया था.
महिला संगठनों, वकीलों ने की थी रिहाई की माँग

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इस घटना के सामने आने के बाद बिहार के महिला संगठनों ने रेप सर्वाइवर और जन जागरण शक्ति संगठन के कार्यकर्ताओं को रिहा करने की माँग की है. इसके अलावा देश भर के वकीलों और 63 संस्थाओं ने पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर रेप सर्वाइवर और उनके दो सहयोगियों को रिहा करने की माँग की थी. पत्र में रेप सर्वावइवर के दुष्कर्म मामले में भी न्यायिक प्रक्रिया को तेज़ करने की माँग की थी.
जिसके बाद पटना उच्च न्यायालय ने मामले का संज्ञान लेते हुए 17 जुलाई को सुनवाई की तारीख़ रखी थी. लेकिन बाद में अररिया सीजेएम आनंद कुमार सिंह की कोर्ट ने इस मामले में विशेष सुनवाई करते हुए रेप सर्वाइवर को पीआर बॉन्ड पर ज़मानत दे दी थी.
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