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भारत-चीन विवाद पर राजनाथ सिंह ने कहा, कहाँ तक हल होगा, इसकी गारंटी नहीं दे सकता
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत और चीन सीमा विवाद सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि विवाद का हल निकल जाना चाहिए.
लद्दाख़ में भारतीय सैनिकों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, "जो कुछ भी अब तक बातचीत की प्रगति हुई है, उससे मामला हल होना चाहिए. कहाँ तक हल होगा इसकी गारंटी नहीं दे सकता. लेकिन इतना यक़ीन मैं ज़रूर दिलाना चाहता हूँ कि भारत की एक इंच ज़मीन भी दुनिया की कोई ताक़त छू नहीं सकती, उस पर कोई कब्ज़ा नहीं कर सकता."
15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच संघर्ष में भारत के 20 सैनिकों की मौत हो गई थी. चीन ने हताहतों के बारे में आधिकारिक रूप से अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है.
राजनाथ सिंह ने लद्दाख़ पहुँच कर सीमावर्ती इलाक़ों का दौरा किया और फिर लुकुंग चौकी पर जाकर भारतीय सेना के जवानों और अधिकारियों से मुलाक़ात की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरावणे और चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ बिपिन रावत भी मौजूद थे.
15 जून की घटना के बाद भारत और चीन के बीच कई स्तर पर बातचीत हुई है. दोनों देशों की सेनाएं कई इलाक़ों से पीछे भी हटी हैं, लेकिन अब भी कुछ इलाक़ों को लेकर दोनों देशों में बातचीत जारी है.
'बर्दाश्त नहीं करेगा भारत'
सैनिकों और अधिकारियों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, "भारत दुनिया का इकलौता देश है जिसने सारे विश्व को शांति का संदेश दिया है. हमने किसी भी देश पर कभी आक्रमण नहीं किया है और न ही किसी देश की ज़मीन पर हमने क़ब्ज़ा किया है. भारत ने वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया है."
उन्होंने कहा- हम अशांति नहीं चाहते हम शांति चाहते हैं. हमारा चरित्र रहा है कि हमने किसी भी देश के स्वाभिमान पर चोट मारने की कभी कोशिश नहीं की है. भारत के स्वाभिमान पर यदि चोट पहुँचाने की कोशिश की गई तो हम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे और मुंहतोड़ जवाब देंगे.
राजनाथ सिंह के ट्विटर अकाउंट से कई तस्वीरें भी पोस्ट की गई हैं, जिनमें वे सैन्य अभ्यास देखते नज़र आ रहे हैं.
दरअसल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन जुलाई को ही लद्दाख़ का दौरा करने वाले थे. लेकिन वो रद्द कर दिया गया. फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एकाएक लद्दाख़ पहुँच गए और सैनिक अधिकारियों और जवानों से मुलाक़ात की.
उस समय नरेंद्र मोदी ने कहा था कि विस्तारवाद का समय ख़त्म हो गया है.
नरेंद्र मोदी ने कहा था, "विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है और अब विकासवाद का दौर है. तेज़ी से बदल रहे समय में विकासवाद ही प्रासंगिक है. बीती सदी में विस्तारवाद ने ही मानव जाति का विनाश किया. अगर किसी पर विस्तारवाद की ज़िद सवार हो तो हमेशा वह विश्व शांति के लिए ख़तरा होता है."
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