You’re viewing a text-only version of this website that uses less data. View the main version of the website including all images and videos.
कोरोना वायरस: आरोग्य सेतु ऐप के बारे में ये जानते हैं आप? क्या है ये ऐप और डाउनलोड कैसे करें?
- Author, नितिन श्रीवास्तव
- पदनाम, बीबीसी संवाददाता, दिल्ली
भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला इसी वर्ष जनवरी के आख़िरी हफ़्ते में दर्ज किया और केस केरल राज्य का था.
उसके बाद से इस महामारी से निबटने के कई तरीक़े अपनाए गए हैं, जिनमें से एक है आरोग्य सेतु (ArogyaSetu) नामक मोबाइल ऐप का लॉन्च होना.
केंद्र सरकार का दावा है कि ये ऐप लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण के ख़तरों से आगाह करने में मदद करता है.
दावा इस बात का भी है कि अगर आपके मोबाइल में ये ऐप है तो आप इससे अपने इर्द-गिर्द के कोरोना पॉज़िटिव लोगों के बारे में भी पता कर सकते हैं.
भारत में लॉकडाउन की शुरुआत 24 मार्च से हुई और 3 अप्रैल को इस ऐप को लॉन्च किया गया.
आरोग्य सेतु ऐप सभी आईओएस/IOS और एंड्रॉयड/Android उपकरणों पर डाउनलोड किया जा सकता है और ये एक फ़्री ऐप है.
आरोग्य सेतु ऐप कैसे काम करता है?
केंद्र सरकार की पहल पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत लॉन्च किए इस ऐप में सबसे पहले यूज़र को ख़ुद का मूल्यांकन करना होता है.
ज़ाहिर है, इस ऐप में रजिस्टर करने के लिए आपको अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा और फिर उसी नंबर पर आए ओटीपी (OTP) से आप इसका इस्तेमाल कर पाएँगे.
जैसे-जैसे आप ऐप में आगे बढ़ते जाएँगे आपका जेंडर, उम्र, विदेश यात्रा का इतिहास और सर्दी, खाँसी और ज़ुकाम जैसी चीज़ों के बारे में हाँ या ना जैसे कुछ सवाल आते रहेंगे.
ऐप आपसे डायबिटीज़ (मधुमेह) या हाइपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) के किसी इतिहास के बारे में भी जानकारी जुटाएगा.
यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस: सरकार का आरोग्य सेतु ऐप कितना सुरक्षित
ऐप में कई दफ़ा आपको सही जानकारी देने की बात दोहराई जाती रहेगी.
इससे जुड़ा एक वाजिब सवाल ये भी है कि अगर किसी एक व्यक्ति या कई व्यक्तियों ने दर्ज करते समय कोई जानकारी छुपा ली तब उसकी पड़ताल कैसे और कौन करेगा.
बहरहाल, ऐप में सोशल डिस्टेंसिंग के मायने और तरीक़ों की विस्तृत जानकारी के अलावा कोविड-19 से जुड़े सभी ताज़ा अपडेट्स भी आते रहते हैं.
ख़ास बात ये है कि आरोग्य सेतु ऐप ब्लूटूथ तकनीक और जीपीएस (GPS) के ज़रिए आपकी मौजूदा लोकेशन का इस्तेमाल करने के बाद ही ये ट्रैक कर सकता है कि कहीं आप किसी कोरोना-संक्रमित मरीज़ या कोरोना संक्रमण के शक़ वाले मरीज़ के पास तो नहीं हैं.
साथ ही अगर आप ज़रूरत के समय में वॉलंटियर या स्वयंसेवक बनना चाहते हैं तो आप ऐप में ये जानकारी भी दर्ज कर सकते हैं.
निजी डेटा की सुरक्षा का क्या?
भारत सरकार का कहना है कि इस ऐप के ज़रिए कोरोना संक्रमित लोगों और होम क्वारंटीन पर रखे गए लोगों पर नज़र रखी जा रही है और ये ऐप यूजर्स की निजता को ध्यान में रखकर बनाया गया है.
विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस जैसी महामारी की आपात स्थिति से निपटने के लिए भले ही सरकार का यह क़दम एक हद तक सही लग रहा हो लेकिन अगर लोगों की निजता की बात की जाए और जो जानकारी सरकार इकट्ठा कर रही है उसका इस्तेमाल कब तक होगा और कैसे होगा इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है जो चिंता का विषय है.
साइबर क़ानून एक्सपर्ट पवन दुग्गल के मुताबिक़, "एक तरफ़ ये ऐप आपके कोविड-19 स्टेटस को अपडेट करता रहता है, वहीं चौबीस घंटे आपकी लोकेशन पर भी नज़र बनाए रहता है. दूसरी बात, ये जो सारा डेटा एकत्रित हो रहा है आख़िर ये जा किस एजेंसी के पास रहा है, इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है. तीसरा, इस ऐप के ज़रिए आपका निजी मेडिकल डेटा एकत्रित होकर कहीं जा तो रहा है पर आपको अभी ये नहीं पता कि आख़िर ये सब किस साइबर क़ानून के अंतर्गत आता है."
पवन दुग्गल यह भी कहते हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से लोग डरे हुए हैं इसलिए फ़िलहाल वो निजता के हनन का मुद्दा नहीं उठा रहे हैं.
इंटरनेट फ्रीडम फ़ाउंडेशन के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अपार गुप्ता भी इस बात से सहमत नज़र आते हैं और उनके मुताबिक़, "ये डेटा जो सरकार ले रही है वो बिना किसी क़ानून के दायरे में ले रही है और आगे चल कर इस पर सवाल उठेंगे ही."
हालाँकि सरकार का दावा रहा है कि इस ऐप के ज़रिए जुटाए जा रहे निजी डेटा में एक ख़ास तरह का इनक्रिप्शन (इंटरनेट सुरक्षा से जुड़ा कोड) है जो आपके निजी डेटा को आपके मोबाइल में ही रखेगा.
भारत सरकार के वैज्ञानिक मामलों के प्रमुख सलाहकार के विजयराघवन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड अख़बार को बताया, "इस ऐप से होने वाले हर कम्युनिकेशन को अज्ञात और सुरक्षित रखा जाता है और इसे नामचीन शोधकर्ताओं और इंडस्ट्री जानकारों ने परख रखा है."
- कोरोना महामारी, देश-दुनिया सतर्क
- कोरोना वायरस के क्या हैं लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव
- कोरोना वायरस का बढ़ता ख़तरा, कैसे करें बचाव
- कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क पहनना क्यों ज़रूरी है?
- कोरोना: मास्क और सेनेटाइज़र अचानक कहां चले गए?
- अंडे, चिकन खाने से फैलेगा कोरोना वायरस?
- कोरोना वायरस: बच्चों को कोविड-19 के बारे में कैसे बताएं?
- कोरोना वायरस: संक्रमण के बाद बचने की कितनी संभावना है
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)