कोरोना वायरस: डर के बीच उम्मीद की कुछ किरणें

    • Author, फ़ैसल मोहम्मद अली
    • पदनाम, बीबीसी संवाददाता, दिल्ली

जहाँ 'थाली बजाने' की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर समर्थकों और विरोधियों में सोशल मीडिया पर लाठी-लठौवल जारी है वहीं चारों तरफ़ फैले निराशा के माहौल में उम्मीद की कुछ नई किरणें भी दिख रही हैं.

पाकिस्तान से दिल के इलाज के लिए भारत आये और वाघा-अटारी बॉर्डर पर फंसे नन्हें शिराज़ को अमृतसर के रविंदर सिंह रॉबिन ने अपने घर पनाह दी और भारत और पाकिस्तान की हुक़ूमत ने एकजुट होकर उन सबके देश लौटने का इंतज़ाम किया.

ये उस समय हुआ जब भारत के कुछ टीवी चैनल 'अब कोरोना की मौत मरेगा पाकिस्तान' जैसा कार्यक्रम चला रहे हैं.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे शिराज़ के परिवार के एक वीडियो में पाकिस्तान में 35 कश्मीरी लड़कियों के फंसे होने की बात भी कही जा रही है.

जहाँ विश्व पर आये इस बड़े संकट के बीच कुछ लोग गौ-मूत्र पार्टी का निमंत्रण भेजकर और उसे पीकर कोरोना वायरस को दूर करने की बात कह रहे थे, वहीं यह बहस भी छिड़ी है कि शायद ऐसे वक़्त में लोग रूढ़िवादी नज़रिये से परे हटकर वैज्ञानिक सोच-समझ विकसित करेंगे, जिसका उल्लेख भारतीय संविधान में भी किया गया है.

14वीं सदी के ब्लैक डेथ (प्लेग) में एक अनुमान के मुताबिक़ लाखों की मौत हुई थी. इस घटना ने यूरोप की हुक़ूमतों पर से चर्च के प्रभाव को कम किया था और वहाँ से नए युग की शुरुआत हुई थी.

किसी भी जगह अधिक लोगों के जमा ना होने की अपील के बीच योगी प्रशासन ने लोगों से रामनवमी के अवसर पर हिंदुओं के देवता राम के जन्म-स्थान पर होने वाले आयोजन में ना जाने की अपील की है.

वहीं शुक्रवार को होने वाली मुसलमानों की सामूहिक नमाज़ को भी कैंसिल करने की अपील मुसलमानों के बीच से उठ रही है. हालांकि मस्जिद कमेटियों की तरफ़ से ऐसी कोई अपील नहीं की गई है.

जबकि कोरोना वायरस फैलने की वजह से सऊदी अरब ने साल भर चलने वाली मक्का-मदीने की धार्मिक यात्रा को जिसे उमरा भी कहा जाता है, रद्द कर दिया है.

धार्मिक-स्थलों की जगह अस्पतालों को चंदे देने की अपील भी लोगों के बीच से उठ रही है.

बड़े पैमाने पर लोग हुक़ूमत और एक-दूसरे से अपील कर रहे हैं कि दिहाड़ी मज़दूरों और घर पर रोज़मर्रा के काम के लिए रखे जाने वाले कामगारों के बारे में भी सोचें और ग़ैर-हाज़िरी पर उनके पैसे ना काटें.

सरकार से इस बाबत किसी तरह के दिशा-निर्देश की बात पर भी लोगों के बीच चर्चा है.

कहा जा रहा है कि इन मज़दूरों के पास वर्क फ़्रॉम होम की सुविधा नहीं है इसलिए इस पर जल्द से जल्द फ़ैसला होना चाहिए.

चीन में गुरुवार के बाद से कोरोना वायरस के किसी नए मामले की ख़बर नहीं है, ये एक उम्मीद की किरण है. लेकिन कहा ये भी जा रहा है कि 39 ऐसे मामले वहाँ सामने आए हैं जो लोग विदेश से चीन वापस आए हैं.

इस बीच भारत में कोरोना वायरस की वजह से मरने वालों की संख्या चार हो गई है, जबकि समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ देश में कुल संभावित केसों की संख्या 223 है.

जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरुवार शाम के भाषण पर बहस जारी है वहीं उन्होंने शुक्रवार दोपहर बाद देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेसिंग के ज़रिए बातचीत की जिसमें दोनों ओर से विचारों का आदान-प्रदान हुआ.

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