असम में NRC के बाद वापस लौट रहे हैं बांग्लादेशी: बीएसएफ़- पांच बड़ी ख़बरें

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ़) ने शुक्रवार को बताया कि भारत में घुस आए कुछ बांग्लादेशी नागरिक असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) लागू होने के बाद अपने देश वापस लौट रहे हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, बीएसएफ़ मेघालय फ़्रंटियर के महानिरीक्षक कुलदीप सैनी ने कहा कि बांग्लादेश में बेहतर होती आर्थिक स्थितियां भी बांग्लादेशी नागरिकों के वापस जाने का एक बड़ा कारण हैं.

सैनी ने कहा कि उन्हें ऐसी सूचना मिली है कि बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत आए लोग वापस जा रहे हैं और उन्हें वहां हिरासत में लिया गया है.

सैनी ने कहा कि ऐसी जानकारी है कि पिछले कुछ महीनों में ऐसी गतिविधियां हुई हैं.

उन्होंने बताया कि बांग्लादेशी मीडिया में भी कुछ ख़बरें देखी गई हैं जिनमें बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने ऐसी गतिविधियों के बारे में बताया है.

बीएसएफ़ के महानिरीक्षक ने कहा है कि यह संभव है कि भारत के अन्य भागों में रहने वाले बांग्लादेशी, असम और त्रिपुरा के रास्ते लौट रहे हों.

उन्होंने कहा कि हालांकि इस विषय पर बीजीबी से कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं मिली है.

'नागरिकता क़ानून लागू करने से पीछे नहीं हटेंगे'

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जोधपुर में एक रैली में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध पर कहा कि मोदी सरकार इस क़ानून को लागू करवाने में एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी.

यह रैली नागरिकता संशोधन क़ानून के लिए 'जागरूकता कार्यक्रम' के तहत की गई थी.

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस और कुछ विपक्षी पार्टियां झूठा अभियान चला रही हैं.

उन्होंने कहा, "अगर ये सभी पार्टियां साथ भी आ जाती हैं तो बीजेपी नागरिकता संशोधन क़ानून पर एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी. आप जितना चाहिए उतना झूठ फैलाइए."

जोधपुर की रैली देशभर में आयोजित की जाने वाली बीजेपी की 30 बड़ी रैलियों की शुरुआत है.

इन रैलियों का उद्देश्य नागरिकता क़ानून, एनआरसी और एनपीआर को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना है.

'हम 80 फ़ीसदी हैं और तुम 17 फ़ीसदी'

कर्नाटक के बीजेपी विधायक जी. सोमशेखर रेड्डी ने शुक्रवार को एक रैली के दौरान नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बहुसंख्यक उनके ख़िलाफ़ हो जाएं तो उनका क्या होगा.

नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में हुई रैली में बेल्लारी सिटी के विधायक रेड्डी ने कहा, "हम 80 फ़ीसदी हैं और तुम (CAA के ख़िलाफ़ प्रदर्शनकारी) सिर्फ़ 17 फ़ीसदी. सोचो अगर हम तुम्हारे ख़िलाफ़ हो जाएं तो तुम्हारा क्या होगा."

उन्होंने कहा कि अगर तुम्हें इस देश में रहना है तो हमारे हिसाब से रहना होगा.

सोमशेखर रेड्डी खनन घोटाले के आरोपी जी. जनार्दन रेड्डी के बड़े भाई हैं. उन पर भी जंगल की ज़मीन पर अवैध खनन कराने का आरोप है. साथ ही सोमशेखर पर अपने भाई की ज़मानत के लिए आंध्र प्रदेश के जज को रिश्वत देने की कोशिश करने का भी आरोप है.

पीएफ़आई को पश्चिम बंगाल में रैली की अनुमति नहीं

कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ़्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफ़आई) को नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रैली करने की अनुमति नहीं मिली है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की है कि 5 जनवरी को प्रस्तावित रैली नहीं होगी.

केरल स्थित संगठन पीएफ़आई के पश्चिम बंगाल के महासचिव मनीरुल शेख़ ने कहा है कि अनुमति न मिलने के बाद कुछ समय के लिए बैठक को स्थगित कर दिया गया है.

हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर राज्य में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में इस संगठन की कथित भूमिका होने के कारण इस पर प्रतिबंध की मांग की थी.

ट्रंप ने कहा, युद्ध रोकने के लिए सुलेमानी को मारा

अमरीकी हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी के मारे जाने पर अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा है कि यह युद्ध रोकने के लिए किया गया, न कि शुरू करने के लिए.

टेलीविज़न पर दिए गए अपने भाषण में ट्रंप ने सुलेमानी को नंबर वन आतंकी बताते हुए कहा कि वो अमरीकी राजनयिकों और सैनिकों पर हमले की योजना बना रहे थे लेकिन उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया.

ट्रंप ने कहा कि उनके दिल में ईरानी लोगों के लिए सम्मान है और वो ईरान में शासन परिवर्तन नहीं चाहते.

इससे पहले ईरान के विदेश मंत्री जव्वाद ज़रीफ़ ने सुलेमानी के मारे जाने को अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद बताया था.

ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने कहा है कि ईरान सही समय और सही जगह पर इसका जवाब देगा.

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