करोड़ों के निवेश से बदलेगी BSNL की तक़दीर?

केंद्र सरकार ने एलान किया है कि सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को बंद नहीं किया जाएगा. बीएसएनएल को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने 29 हज़ार 937 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है.

साथ ही महानगर टेलीफ़ोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के बीएसएनएल में विलय का फ़ैसला भी किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में दोनों कंपनियों के विलय संबंधी निर्णय पर मुहर लगा दी गई. घाटे पर रोक लगाने और ख़र्च में कटौती के मकसद से कर्मचारियों के लिए स्वैच्छि​क सेवानिवृत्ति की घोषणा भी की गई है.

हालांकि, सरकार के इन फ़ैसलों पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं.

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया, "कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि बीएसएनएल को न तो बंद किया जाएगा और ना ही डिसइनवेस्ट किया जाएगा और ना ही किसी निजी कंपनी को बेचा जाएगा."

उन्होंने कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल को 4जी सेवा शुरू करने में मदद की जाएगी. इसके लिए 2016 स्पेक्ट्रम आवंटन दामों पर 4जी स्पेक्ट्रम दिया जाएगा.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि घाटे में चल रही कंपनियों को पटरी पर लाने के लिए सरकार 29,937 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इसके अलावा योजना के तहत 15,000 करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड जारी किए जाएंगे.

राहुल गांधी ने क्या कहा?

बीएसएनएल और एमटीएनएल के मर्जर के कैबिनेट के फै़सले के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया. राहुल गांधी ने ट्वीट में इस फैसले पर तंज कसा है.

राहुल गांधी ने कहा है कि इसके चार चरण हैं. पहला मर्जर, दूसरा कुप्रबंधन, तीसरा भारी नुकसान और चौथा क्रोनी कैपिटलिस्ट को कम दाम पर बेच देना.

अन्य नेताओं ने क्या कहा?

बीएसएनएल और एमटीएमएल के मर्जर संबंधी कैबिनेट के फै़सले का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वागत किया है और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है.

इसके अलावा भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी ट्वीट इस इस फै़सले का स्वागत किया है.

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