कश्मीर में क़ानून व्यवस्था बिगड़ने के 280 मामले, 80 लोग पैलेट से घायल: पुलिस रिपोर्ट - प्रेस रिव्यू

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद के तीन हफ़्तों में भारत प्रशासित कश्मीर के 10 ज़िलों में क़ानून व्यवस्था की क़रीब 280 घटनाएं हुई हैं. इनमें से 160 घटनाएं सिर्फ़ श्रीनगर में हुई हैं.

इंडियन एक्सप्रेस ने ये जानकारी जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक आंतरिक रिपोर्ट के हवाले से छापी है.

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इन घटनाओं में कम से कम 80 आम नागरिक पेलेट गन से ज़ख्मी हुए हैं.

इनमें से दो लोगों का इलाज फ़िलहाल अस्पताल में चल रहा है.

एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक लॉ एंड ऑर्डर की घटना में किसी भी ऐसी घटना को गिना जाता है जिसमें किसी शख्स ने क़ानून का उल्लंघन किया हो.

इनमें कई तरह की घटनाओं को शामिल किया जाता है, चाहे युवाओं के एक समूह ने अपने इलाके में रास्ते बंद कर दिए हों या फिर उन्होंने किसी आम नागरिक से झगड़ा किया हो.

LoC पर तैयारियों की समीक्षा करने पहुंचे सेना प्रमुख

भारत-पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को पहली बार कश्मीर घाटी का दौरा किया.

सेना प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर की अपनी दो दिवसीय यात्रा के पहले दिन शुक्रवार को नियंत्रण रेखा पर सैन्य बलों की तैयारियों की समीक्षा की.

इस दौरान जनरल रावत ने सैन्य अधिकारियों के साथ नियंत्रण रेखा की स्थितियों पर बातचीत भी की.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सेना प्रमुख ने सुरक्षाबलों को किसी भी हालात के लिए तैयार रहने को कहा.

सुप्रीम कोर्ट के संरक्षण में रहेगी पीड़ित छात्रा

बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली छात्रा शुक्रवार को राजस्थान में मिली. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें तुरंत अदालत में पेश करने को कहा.

छात्रा ने डर की आशंका जताई तो शीर्ष अदालत ने उन्हें राजधानी दिल्ली में अपने संरक्षण में रखने का आदेश दिया.

हिंदुस्तान टाइम्स में ये ख़बर है. वो अगले चार दिनों तक दिल्ली में ही रहेंगी. इस दौरान शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री उनकी सुरक्षा करेगी.

छात्रा से न्यायाधीशों ने बंद कमरे में बात की.

जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने खुली अदालत में कहा, "लड़की अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश नहीं जाएगी."

अदालत मामले में दो सितंबर को सुनवाई करेगी. तबतक लड़की माता-पिता के अलावा किसी से बात नहीं करेगी.

विवादित ज़मीन का तिहाई हिस्सा हिंदुओं को देने को तैयार

शिया वक्फ़ बोर्ड ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वो अयोध्या में 2.77 एकड़ का विवादित ज़मीन का तिहाई हिस्सा मंदिर निर्माण के लिए हिंदुओं को देने को तैयार हैं, जो इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम संगठनों को आबंटित किया था.

जनसत्ता अखबार के मुताबिक प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने हिंदू पक्ष की दलीलों पर सुनवाई पूरी की.

इसके बाद शिया बोर्ड ने पीठ से कहा कि बाबर का कमांडर मीर बकी शिया मुस्लिम था और बाबरी मस्ज़िद का पहला मुतवल्ली (देखभाल करने वाला) था.

शिया वक्फ़ बोर्ड की ओर से वकील एमसी धींगरा ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्ज़िद भूमि विवाद मामले में 16वें दिन की सुवाई पर पीठ से कहा, मैं हिंदू पक्ष का समर्थक हूं.

भारत-पाकिस्तान सार्क आयोजन में होंगे शामिल

द हिंदू के मुताबिक भारत और पाकिस्तान 26 सितंबर को न्यू यॉर्क में होने वाली विदेश मंत्री स्तर की सार्क बैठक में हिस्सा ले सकते हैं.

अख़बार ने ये ख़बर एक राजनयिक सूत्र के हवाले से छापी है. दोनों देशों में जारी तनाव के बीच बैठक में हिस्सा ना लेने को लेकर अबतक कोई बात नहीं की गई है.

सूत्रों के मुताबिक, "हमने भारत और पाकिस्तान दोनों से ही औपचारिक और अनऔपचारिक तौर पर पूछा है कि क्या वो 26 सितंबर को होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे. दोनों ने ही कहा है कि पहले से तय योजना में कोई बदलाव नहीं किया गया है."

ये बैठक संयुक्त राष्ट्र आम सभा के सत्र के इतर हर साल होती है. पांच अगस्त के बाद ये पहली बार होगा जब विदेश मंत्री एक साथ एक जगह पर नज़र आएंगे.

बैठक से जुड़े एक शख्स ने बताया कि भारत ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के हिस्सा लेने की पुष्टी की है. गुरुवार को उन्होंने पाकिस्तान से कहा था कि वो अपना सुर नीचे रखे और एक "सामान्य पड़ोसी" की तरह व्यवहार करे.

इस्लामाबाद में होने वाला पिछला सम्मेलन भारत में चरमपंथी हमलों को देखते हुए रद्द कर दिया गया था.

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