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भारत की राजनीति का मेरिट और विकास से कोई लेना देना नहीं: रूडी
- Author, रजनीश
- पदनाम, बीबीसी संवाददाता, सारण से
बीजेपी नेता और बिहार के सारण संसदीय क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे राजीव प्रताप रूडी का कहना है कि भारत में चुनाव में योग्यताओं की बजाय, जाति के समीकरण अधिक काम करते हैं.
बीबीसी से बात करते हुए रूडी ने कहा, "मैं पेशे से पॉयलट हूं, वकील हूं, प्रोफ़ेसर हूं लेकिन लोगों के लिए ये सब नकारात्मक हो जाएगा क्योंकि वे सोचते हैं कि इतना सबके बावजूद मैं छपरा से कैसे जीतता हूं."
उनके मुताबिक़, ''ये भारत की राजनीति की सच्चाई है. ये जाति की राजनीति है. इन जातीय समीकरणों को मेरिट और विकास से कोई लेना देना नहीं है.''
वो कहते हैं कि इतनी योग्यता रखना राजनीति के लिए 'निगेटिव' है, "जो मेरी योग्यताएं हैं उनका कब इस्तेमाल हो पाएगा ये मैं नहीं जानता लेकिन जब भी अपने क्षेत्र में मौक़ा मिलता है उस मानक तक काम को ले जाने की कोशिश करता हूं."
इतनी योग्यता रखने के बावजूद मोदी मंत्रिमंडल से उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा. इसके बाद वो राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाए गए, लेकिन वहां भी उनकी उपस्थिति कुछ ख़ास नहीं दिखती.
पैराशूट उम्मीदवार
क्या प्रधानमंत्री और पार्टी ने उनकी योग्यता को समझा नहीं, इस पर रूडी कहते हैं, "किसी को रखना या हटाना ये विशेषाधिकार है, मैंने भारत का पहला कौशल विकास मंत्रालय खड़ा किया, मज़बूती से खड़ा किया. मैंने काम किया है."
राजीव प्रताप रूडी 1990 में पहली बार विधायक बने और तबसे वो इस क्षेत्र से लगातार विधायक या सांसद बनते आए हैं.
क्षेत्र में समस्याओं को लेकर उनका कहना है कि सड़क बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं 50 साल पहले ही उपलब्ध हो जानी चाहिए थीं, लेकिन उनपर आज काम हो रहा है.
वो कहते हैं, "नीतीश कुमार ने राज्य में बहुत अच्छा काम किया है. आने वाले समय में और बेहतर काम किए जाने की कोशिश लगातार जारी है."
पैराशूट कैंडिडेट को अचानक टिकट दिए जाने पर उन्होंने तंज़ भी कसा, "जो लोग न धरने में, न जुलूस में, न ज़िला की बैठकों में शामिल होते हैं और 15 दिन पहले टिकट लेकर ऐसे लोग क्षेत्र में आते हैं और वोट लेने का दावा करते हैं. ये है भारत की राजनीति, जाति की राजनीति, जिसे न तो मेरिट से मतलब है न विकास से."
ग़ौरतलब है कि पिछले दिनों बीजेपी ने कई ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिए जो पार्टी के लिए बिल्कुल नए थे और उनकी कुल योग्यता उनका स्टार होना था.
पीएम ने कभी नहीं कहा...
क्या नरेंद्र मोदी का विरोध करना एंटीनेशनल होना है, इस पर उनका कहना है कि ये सब विपक्ष ने माहौल बनाया है.
वो कहते हैं, "कभी प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं कहा कि उनका विरोध करना एंटीनेशनल होना है, ये तो लोगों का प्रचार है."
गिरिराज सिंह के पाकिस्तान भेजने वाले बयान को लेकर उन्होंने कहा, "ये उनका अपना यूएसपी है, जो वो करते हैं ठीक करते हैं, इस पर टिप्पणी करना ज़रूरी नहीं है."
विवादित बयानों से बचे रहने पर वो कहते हैं, "मेरे लिए पहचान का संकट नहीं है. मैं इन सब चीज़ों में पड़ता ही नहीं. मैं अपने क्षेत्र में रहता हूं, लोगों के बीच काम करता हूं और अपने क्षेत्र में मज़बूती से खड़ा हूं."
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