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सबरीमला मंदिर में दो महिलाओं का प्रवेश, मंदिर शुद्धीकरण के बाद खुला
- Author, इमरान क़ुरैशी
- पदनाम, बीबीसी हिंदी के लिए
केरल के सबरीमला मंदिर में बुधवार सुबह 50 साल से कम उम्र की दो महिलाएं भीतर जाने में कामयाब रहीं. इन महिलाओं ने इससे पहले भी भीतर जाने की नाकाम कोशिश की थी.
रिपोर्टों के अनुसार, बुधवार को दूसरे प्रयास में दोनों महिलाएं सादे कपड़े में पुलिसकर्मियों और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा में स्वामी अयप्पा के मंदिर में प्रवेश करने में सफल रहीं.
मुख्यमंत्री पी. विजयन ने महिलाओं के मंदिर में दाख़िल होने की पुष्टि की है और उन्होंने कहा, "हां, हमने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई."
पेरिनथलमन्ना की बिंदू और कन्नूर की कनकदुर्गा ने पिछले महीने मंदिर में घुसने का प्रयास किया था लेकिन वह इसमें सफल नहीं है पाई थी क्योंकि उन्हें कथित तौर पर दक्षिणपंथी संगठनों के एक बड़े समूह ने रोक दिया था.
28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं को स्वामी अयप्पा के मंदिर परिसर में जाने की अनुमति दे दी थी. ऐसी प्रथा है कि स्वामी अयप्पा ब्रह्मचारी हैं और माहवारी की आयु की महिलाएं अंदर नहीं जा सकती हैं.
ये दोनों महिलाएं उन 10 महिलाओं के समूह में शामिल थीं जो मंदिर में प्रवेश करने में असफल हो चुकी थीं.
बीजेपी और उसके सहयोगी संगठनों ने महिलाओं को मंदिर में घुसने से रोकने और 'परंपरा' को बरक़रार रखने के लिए अभियान चलाया है. इसके मद्देनज़र पूरे राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
मंदिर फिर खोला गया
मंदिर में महिलाओं के दाख़िल होने के बाद मुख्य पुजारी ने मंदिर को बंद कर दिया था लेकिन इसको वापस खोल दिया गया है.
मुख्य पुजारी ने पुलिस से कहा था कि मंदिर के शुद्धीकरण के लिए इसे बंद किया गया है.
दलित लेखक और कार्यकर्ता सन्नी कप्पिकड ने बीबीसी हिंदी से कहा, "हां बिलकुल, उन्होंने सुबह पौने चार बजे के क़रीब में मंदिर में प्रवेश किया. प्रदर्शनकारियों ने पिछले महीने मंदिर के दरवाज़े पर उन्हें रोक दिया था. सबरीमला दलित और आदिवासी काउंसिल के सदस्यों ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई थी."
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हालांकि, सबरीमला में मौजूद एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि कौन श्रद्धालु आया और कौन गया यह कोई कैसे बता सकता है.
बिंदु ने एक मलयाली टीवी चैनल से कहा है कि उन्होंने सुबह पौने चार बजे मंदिर में प्रवेश किया और स्वामी अयप्पा के दर्शन किए.
उन्होंने रात डेढ़ बजे 6.1 किलोमीटर लंबे ट्रेक पर चढ़ना शुरू किया. इससे जुड़े टीवी चैनलों के वीडियो में देखा जा सकता है महिलाओं को सादे कपड़े में पुरुष सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं.
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