श्रीनगर : शुजात बुखारी हत्या मामले में एक गिरफ़्तार

इमेज स्रोत, @bukharishujaat
वरिष्ठ पत्रकार और राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या के मामले में श्रीनगर पुलिस ने शुक्रवार को एक संदिग्ध को गिरफ़्तार किया है.
स्थानीय पत्रकार माजिद जहांगीर के मुताबिक पुलिस गिरफ़्तार संदिग्ध से पूछताछ कर रही है. हत्या के मामले को सुलझाने के लिए एक विशेष जांच दल का भी गठन किया गया है. इस जांच दल की अगुवाई सेंट्रल कश्मीर के डीआईजी करेंगे.
इसके पहले कश्मीर ज़ोन पुलिस ने तीन संदिग्ध हमलावरों की तस्वीरें जारी की थी. शुक्रवार को गिरफ़्तार संदिग्ध की तस्वीर और वीडियो भी पुलिस ने जारी किया था.
शुजात बुखारी की गुरुवार को भारत प्रशासित कश्मीर के श्रीनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक करीब 50 साल के बुखारी श्रीनगर में लाल चौक सिटी सेंटर स्थित अपने ऑफिस प्रेस एन्क्लेव से निकलकर एक इफ़्तार पार्टी में जा रहे थे तभी उन पर हमला हुआ.

इमेज स्रोत, Faizan Altaf
इस हमले में शुजात बुखारी के साथ उनके पीएसओ की भी मौत हो गई है.
किसी भी संगठन या गुट ने इस हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है.

इमेज स्रोत, Twitter
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती समेत कई नेताओं और पत्रकारों ने शुजात बुखारी की हत्या पर शोक जताया.
महबूबा मुफ़्ती ने ट्वीट कर कहा, ''शुजात बुखारी का मारा जाना आतंकवाद का जघन्य कृत्य है. वो भी ईद के ठीक पहले यह हमला किया गया है. हमें उन लोगों के ख़िलाफ़ एकजुट होने की ज़रूरत है जो शांति बहाली की कोशिशों को नाकाम करना चाहते हैं.''
इस लेख में X से मिली सामग्री शामिल है. कुछ भी लोड होने से पहले हम आपकी इजाज़त मांगते हैं क्योंकि उनमें कुकीज़ और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. आप स्वीकार करने से पहले X cookie policy और को पढ़ना चाहेंगे. इस सामग्री को देखने के लिए 'अनुमति देंऔर जारी रखें' को चुनें.
पोस्ट X समाप्त, 1
शुजात बुखारी राइजिंग कश्मीर के संपादक बनने से पहले 1997 से 2012 तक कश्मीर में 'द हिन्दू' अख़बार के संवाददाता थे.
पत्रकार होने के साथ-साथ वे कश्मीर की स्थानीय भाषाओं को ज़िंदा रखने के लिए भी अभियान चला रहे थे.

इमेज स्रोत, Faizan Altaf
शुजात बुखारी पर साल 2000 में भी हमला हुआ था और तब से उन्हें पुलिस सुरक्षा मिली हुई थी. कश्मीर में शांति बहाल करने को लेकर शुजात बुखारी लंबे समय से सक्रिय रहे थे.
शुजात दुनिया भर में शांति और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर आयोजित होने वाले सम्मेलनों में हिस्सा लेने के लिए अक्सर जाते रहते थे.
14 जून के अपने आख़िरी ट्वीट में बुखारी ने लिखा था, ''कश्मीर में हमने गर्व के साथ पत्रकारिता की है और यहां पर जो भी हो रहा है उसे लोगों के सामने लाते रहेंगे.
इस लेख में X से मिली सामग्री शामिल है. कुछ भी लोड होने से पहले हम आपकी इजाज़त मांगते हैं क्योंकि उनमें कुकीज़ और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. आप स्वीकार करने से पहले X cookie policy और को पढ़ना चाहेंगे. इस सामग्री को देखने के लिए 'अनुमति देंऔर जारी रखें' को चुनें.
पोस्ट X समाप्त, 2
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)













