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कर्नाटक: कुमारस्वामी की ताजपोशी या विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन
- Author, इमरान कुरैशी
- पदनाम, बेंगलुरु से, बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए
कर्नाटक में जनता दल सेक्युलर के नेता कुमारास्वामी बुधवार को अपनी कैबिनेट के साथ शपथ ले ली है.
बेंगलुरु में हुए इस शपथ ग्रहण समारोह में ग़ैर-भाजपा दलों के नेता शामिल हुए. बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफ़े और कर्नाटक में बीजेपी का परचम लहराने से रोकने के बाद ग़ैर-भाजपा दलों के लिए ये जश्न का मौका है.
कुमारास्वामी के साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर जी परमेश्वर को भी राज्यपाल वजुभाई वाला ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई.
देश के पूर्व प्रधानमंत्री और राज्य के भावी मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी के पिता एचडी देवगौड़ा ने इससे पहले कहा था कि "शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी दलों के नेता उपस्थित होंगे."
एचडी देवगौड़ा ने साल 1996 में कांग्रेस की मदद से केंद्र में सरकार बनाई थी.
शपथ ग्रहण में पहुंचे मेहमानों की लिस्ट
एचडी कुमारास्वामी ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और मौजूदा अध्यक्ष राहुल गांधी को समारोह में शामिल होने के लिए खुद आमंत्रित किया था. और दोनों इस मौक़े का गवाह बनने कर्नाटक पहुंचे.
जब कुमारस्वामी सरकार के स्वरूप के विषय पर बात करने के लिए दिल्ली गए थे, उन्होंने सोनिया गांधी के पैर भी छुए थे.
समारोह में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और आंध्रप्रदेश से चंद्रबाबू नायडू भी शामिल हुए.
क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों की नेता मायावती, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, सीताराम येचुरी, अजीत सिंह और कमल हासन भी समारोह के गवाह बनने पहुंचे.
यह समरोह शाम 4.30 बजे विधानसभा में हुआ.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव कुछ ज़रूरी कारणों से समारोह में शामिल नहीं हो पाए.
अध्यक्ष उपाध्यक्ष कौन होंगे
विपक्षी दलों के एक साथ आने का संदेश देने वाले इस समारोह में मंत्रिमंडल के स्वरूप से परदा उठेगा. ये तय हो चुका है कि सरकार में उप-मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष कौन होंगे.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर जी परमेश्वर ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है.
कुमारास्वामी ने कहा, "हमलोग 24 मई को विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चयन किया जाएगा."
अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की तरफ से केआर रमेश कुमार का नाम सुझाया गया था. रमेश कुमार साल 1994 में विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं, जब एचडी देवगौड़ा मुख्यमंत्री निर्वाचित हुए थे.
लिंगायतों का मुद्दा
उपाध्यक्ष पद पर जनता दल सेक्युलर के किसी नेता को चुना जाएगा. कांग्रेस ने दो उपमुख्यमंत्री होने की बात कही थी, जिसे जनता दल सेक्युलर ने अस्वीकार कर दिया है.
कांग्रेस दूसरे उपमुख्यमंत्री पद पर लिंगायत समुदाय के नेता को बिठाना चाहती थी. कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार ने लिंगायत समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की बात कही थी, जिसके ख़िलाफ़ भाजपा ने चुनाव के दौरान प्रचार किया था.
भाजपा का आरोप था कि सिद्धारमैया ऐसा करके हिंदू समाज को बांटने की साजिश कर रहे हैं.
कर्नाटक में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, "34 मंत्रियों के मंत्रिमंडल में कांग्रेस के 22 और जनता दल सेक्युलर के 12 नेता होंगे."
"विभागों का बंटवारा फ्लोर टेस्ट के बाद होगा. हम लोग एक से दो दिन में को-ऑर्डिनेशन कमिटी की घोषणा करेंगे."
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