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प्रेस रिव्यूः कितने रसूखदार हैं बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर
उत्तर प्रदेश के बांगरमऊ से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर गैंगरेप के आरोप के कारण प्रदेश की योगी सरकार तीखी आलोचना झेल रही है.
इंडियन एक्सप्रेस अख़बार के अनुसार कुलदीप सिंह सेंगर की पहचान एक दलबदलू नेता की है. अख़बार ने लिखा है कि चार बार से विधायक रहे सेंगर ने कई बार पार्टी और विधानसभा क्षेत्र बदला है.
अख़बार के अनुसार सेंगर ब्राह्मण बहुल ज़िला उन्नाव के प्रभावी ठाकुर नेता हैं. 51 साल के सेंगर ने 2002 में राजनीति में क़दम रखा. तब सेंगर बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर उन्नाव सदर से विधायक चुने गए थे. 2007 में सेंगर विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए.
कुलदीप सिंह सेंगर ने बांगरमऊ से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की. इसके बाद 2012 में वो समाजवादी पार्टी के टिकट पर भगवंत नगर विधानसभा क्षेत्र से चुवाव लड़े और यहां भी जीत मिली.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार 2017 में कुलदीप सिंह सेंगर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और पार्टी ने उन्हें बांगरमऊ से उम्मीदवार बनाया. बीजेपी ने उनकी सीट भगवंत नगर से बदलकर बांगरमऊ कर दी थी और भगवंत नगर से हृदय नारायण दीक्षित को उम्मीदवार बनाया गया था.
जब कुलदीप सिंह सेंगर समाजवादी पार्टी में थे तो उनकी पत्नी संगीता ज़िला पंचायत चेयरपर्सन चुनी गई थीं. सेंगर के भाई मनोज ब्लॉक प्रमुख रहे हैं.
अख़बार ने एक बीजेपी नेता के हवाले से लिखा है कि कुलदीप सिंह सेंगर को कुंडा के निर्दलीय विधायक राजा भैया का ख़ास क़रीबी माना जाता है.
उन्नाव के एक बीजेपी नेता के हवाले से अख़बार ने लिखा है, ''सेंगर को मुसलमानों का भी वोट मिलता रहा है. वो ज़िले के सबसे प्रभावी ठाकुर नेता हैं. ठाकुर, मुस्लिम और अन्य सवर्णों के वोट से सेंगर चुनाव जीतते रहे हैं. हालांकि ब्राह्मणों का वोट यहां बँट जाता है पर सेंगर ठाकुरों को अपने साथ लामबंद करने में कामयाब रहते हैं. ऐसे में सेंगर के लिए चुनाव जीतना आसान हो जाता है.''
अख़बार ने लिखा है, ''उन्नाव ज़िले के हर विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण मतदाता 20 से 22 फ़ीसदी हैं. इसके बाद मुस्लिम मतदाता हैं और तीसरे नंबर पर ठाकुर हैं. सेंगर की पहचान स्थानीय लोगों को आर्थिक मदद पहुंचाने के रूप में भी बताई जाती है.'' इंडियन एक्सप्रेस ने एक अन्य बीजेपी नेता के हवाले से लिखा है कि सेंगर अपने विधानसभा क्षेत्र में लड़कियों की शादी में कम से कम 10 हज़ार रुपए की मदद करते हैं.
रेप के आरोपों पर सेंगर का कहना है कि यह राजनीतिक रूप से प्रेरित है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है.
सीलिंग पर फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और अन्य निकायों से कहा कि अवैध निर्माण को लेकर कोई राजनीति न हो और न ही वित्तीय हित आड़े लाएं, वर्ना हम मानेंगे कि आप मोहम्मद बिन तुग़लक की तरह राजधानी को कहीं और शिफ़्ट करना चाहते हैं.
दैनिक भास्कर में प्रकाशित इस ख़बर मे लिखा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता ने केंद्र सरकार की दलीलें सुनने के बाद यह बात कही.
केंद्र ने बताया था कि अवैध निर्माण और अतिक्रमण संबंधी सभी मुद्दों की निगरानी के लिए उन्होंने एक एसआईटी गठित करने का प्रस्ताव पास किया है.
अख़बार लिखता है कि जस्टिस दीपक ने कहा कि अगर कोई अवैध निर्माण होता है तो उसे तुरंत गिराएं और जो वैध है उसे बचाएं.
कावेरी जल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा है कि कावेरी जल विवाद पर उसके फ़ैसले को लागू कराने के संबंध में अपनी योजना मसौदा तीन मई तक पेश करे.
इंडियन में प्रकाशित ख़बर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ जिसका नेतृत्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा कर रहे थे ने केंद्र की उस अपील को ख़ारिज कर दिया, जिसमें उसने कावेरी जल विवाद निपटाने के लिए तीन महीने का वक़्त मांगा था.
मुख्य न्यायाधीश ने साथ ही तमिलनाडु और कर्नाटक से भी इस मुद्दे पर शांति स्थापित करने की बात कही.
कोचर के भविष्य पर आईसीआईसीआई में मतभेद
वीडियोकॉन को लोन देने के मामले में आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर के भविष्य का फैसला अगले हफ़्ते तक हो सकता है.
हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित ख़बर के अनुसार आईसीआईसीआई बैंक की हालिया बैठक में कोचर को सीईओ के पद से हटाए जाने को लेकर मतभेद उभरने लगे.
अख़बार लिखता है कि ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक़ बोर्ड की बैठक में बाहरी निदेशकों ने कोचर के पद पर रहने पर सवाल उठाए गए, लेकिन कोई आमराय नहीं बन सकी. संकेत मिले हैं कि आने वाले हफ़्ते में फिर से बोर्ड की बैठक हो सकती है, जिसमें ठोस फैसला हो सकता है.
दिल्ली की फैक्ट्री में आग, 4 मरे
दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाक़े में एक घर में चल रही अवैध फैक्ट्री में आग लगने से चार मजदूरों की मौत हो गई और कई मजदूर घायल हो गए.
नवभारत टाइम्स में प्रकाशित ख़बर के अनुसार सुल्तानपुरी के राज पार्क स्थित रिहायशी इलाक़े में चल रही एक सिलाई फैक्ट्री में सोमवार को अचानक आग लग गई जिसमें दो सगे भाइयों समेत चार मजदूरों की मौत हो गईं.
फैक्ट्री में फंसे 21 मजदूर बाहर निकलने में कामयाब हो गए वहीं पुलिस ने लापरवाही से मौत की धाराओं में मामला दर्ज कर फैक्ट्री मालिक विजेश गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है.
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