कौन हैं संभाजी भिडे जिन पर है भीमा-कोरेगांव हिंसा के आरोप

संभाजी भिडे

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इमेज कैप्शन, 80 साल के संभाजी भिडे चर्चा के केंद्र में हैं

भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा मामले में श्री शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान के संस्थापक संभाजी भिडे और हिंदू एकता अघाड़ी मिलिंद एकबोटे पर पुणे के पिंपरी पुलिस स्टेशन में केस दायर किया गया है.

इस वजह से संभाजी भिडे का नाम चर्चा में आया है. तो जानिए कौन हैं संभाजी भिडे.

1. संभाजी भिडे सांगली ज़िले के रहने वाले हैं.

2. बीबीसी मराठी को वरिष्ठ पत्रकार गणेश जोशी ने बताया कि भिडे की उम्र 80 वर्ष है और उनका असली नाम मनोहर है. उनका पैतृक गांव सतारा ज़िले का सबनिसवाड़ी है. सांगली में एक ज़माने में आरएसएस के बड़े कार्यकर्ता बाबाराव भिड़े थे.

संभाजी उनके भतीजे हैं जो 1980 के दशक में ख़ुद आरएसएस में थे और इनकी शिक्षा एमएससी तक हुई है. जोशी बताते हैं कि संभाजी भिडे ने वहां आरएसएस का संगठन स्तर पर काम शुरू किया था लेकिन कुछ विवाद की वजह से उनका तबादला कर दिया गया लेकिन उन्होंने वह स्वीकार नहीं किया और सांगली में एक समानांतर आरएसएस का गठन किया.

विजयदशमी पर होने वाली आरएसएस की रैली के जवाब में संभाजी ने दुर्गा माता दौड़ शुरू की थी. बाद में जब रामजन्मभूमि आंदोलन शुरू हुआ तब इनके संगठन को ज़्यादा समर्थन मिलना शुरू हुआ. हिंदुत्ववादी शक्तियां जिस तरह से छत्रपति शिवाजी और छत्रपति संभाजी का इतिहास पेश करती हैं उसी तरीके से भिड़े भी पेश करते हैं.

जोशी बताते हैं कि राजनीति क्षेत्र में जिन अलग-अलग समूहों के लोगों को प्रतिष्ठा चाहिए उन्होंने इस संगठन का दामन थाम लिया.

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3. भिडे सांगली के गावभाग इलाके में रहते हैं. उनके पड़ोसी मोहन नवले बीबीसी मराठी को बताते हैं कि भिडे काफ़ी साधारण तरीके से जीवन बिताते हैं. उनके खाने और रहने का इंतज़ाम उनके कार्यकर्ताओं के ज़िम्मे रहता है. वह सफ़ेद रंग का धोती-कुर्ता पहनते हैं और चप्पल नहीं पहनते हैं.

4. सांगली ज़िले से भिडे के संगठन के दो कार्यकर्ता हर रोज़ रायगढ़ क़िले में शिवाजी की पूजा के लिए जाते हैं.

5. शिव प्रतिष्ठान की वेबसाइट पर बताया गया है कि उनके संगठन की स्थापना 1984 में हुई है.

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6. इसमें संगठन का उद्देश्य बताया गया है कि उनका लक्ष्य हिंदुओं को शिवाजी और संभाजी के ब्लड ग्रुप का बनाना है.

7. रायगढ़ क़िले पर इन्होंने सोने का सिंहासन बनाने का संकल्प किया है जिसमें करीब 144 किलोग्राम सोना इस्तेमाल होगा. धर्मवीर संभाजी महाराज बलिदान मास, दुर्गा माता दौड़, धारातीर्थ यात्रा ऐसे कार्यक्रम यह संगठन आयोजन करता है.

8. 2009 में इस संगठन ने दूसरे संगठनों के साथ मिलकर जोधा-अकबर फ़िल्म का विरोध किया था. जिसके बाद सांगली, सतारा, कोल्हापुर ज़िलों में काफ़ी हिंसा हुई थी.

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9. 2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी और भिडे की मुलाक़ात रायगढ़ क़िले पर हुई थी.

10. पंढरपुर के विट्ठल की यात्रा को महाराष्ट्र में काफ़ी महत्वपूर्ण माना जाता है. पुणे में जून 2017 में इन पर इस यात्रा को अवरुद्ध करने का आरोप लगा था.

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