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'दिल्ली में हर आदमी सिगरेट पी रहा है'
- Author, अभिमन्यु कुमार साहा
- पदनाम, बीबीसी संवाददाता, दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने के लिए पटाख़ों की बिक्री पर रोक के अलावा कई क़दम उठाए गए हैं जिसे लेकर कई तरह की बहस जारी है, कुछ में तो पटाख़ा बिक्री पर रोक को सांप्रदायिक रंग तक देने की कोशिश हो रही है.
लेकिन फेफड़ा रोग से जुड़े चिकित्सकों का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि कोई भी नॉन-स्मोकर नहीं बचा - हर आदमी इतनी प्रदूषित हवा ग्रहण कर रहा है जो 20 से 25 सिगरेट पीने के बराबर है.
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के लंग्स सर्जरी डिपार्टमेंट के डॉ. अरविंद कुमार कहते हैं, 'राजधानी की हवा सांस लेने लायक़ नहीं है और अब दिल्ली शहर में कोई भी व्यक्ति नॉन स्मोकर नहीं हैं.'
उन्होंने कहा, 'दिल्ली शहर में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 360 से ऊपर है, जो 20 से 25 सिगरेट पीने के बराबर है.'
डॉ. कुमार ने आगे बताया, 'एक दिन में एक इंसान 25 हज़ार बार सांस लेता है. एक बार में वो 350 से 400 मिलीलीटर हवा अपने अंदर लेता है. ऐसे में हम दिल्ली शहर में लोग रोजाना 10 हजार लीटर प्रदूषित और जहरीली हवा पी रहे हैं. दिवाली के दिन ये मात्रा ज़्यादा होगी'
उन्होंने बताया कि यह धारणा है कि पटाख़े फोड़ना चंद लम्हों का खेल है और अगले दिन सब ठीक हो जाता है, पर यह ग़लत है.
"मैं कहना चाहूंगा कि जो चंद घंटों में भारी मात्रा में जहरीले पदार्थ हम अपने अंदर लेते हैं, उसका असर लंबे तक होता है. ये हमारे फेफड़े में जम जाते हैं, जिसका नुक़सान पूरे जीवन रहता है."
उन्होंने यह भी बताया कि फेफड़े में जमी हुई ज़हरीली परत का कोई इलाज नहीं है.
डॉ. अरविंद कुमार ने प्रदूषित हवाओं से होने वाली परेशानी से बचने के उपाय भी बताएं.
उपाय
- धुआं और धूल से हर संभव बचने की कोशिश करें
- अस्थमा के मरीज निबोलाइजर और इनहेलर हमेशा साथ रखें
- एन-95 मास्क पहनें. ये आपको धूल से होने वाली परेशानी से बचाएगा
- पानी से भीगे रूमाल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं
- आंख और नाक लाल हो तो ठंडे पानी से उसे धोएं
- होंठ की जलन पर उसे धोएं
मौसम विभाग का अलर्ट
भारतीय उष्ण देशीय मौसम विज्ञान संस्थान और भारत मौसम विज्ञान विभाग ने संयुक्त रूप से दिल्ली-एनसीआर में पिछले साल की स्थिति को देखते हुए अलर्ट जारी किए हैं.
पटाखों पर बैन और दिल्ली के आसपास 25 जगहों से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक इस बार के हालात पिछले साल जैसे नहीं होंगे.
अलर्ट के मुताबिक पीएम-10 और पीएम-2.5 का स्तर दिवाली और उसके अगले दिन सुबह 11 बजे से रात के तीन बजे तक अपने उच्चतम स्तर पर होगा.
अलर्ट के मुताबिक़ अगर पिछले साल की तुलना में अगर 50 फीसदी पटाखें भी छोड़े जाते हैं तो दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 'बेहद ख़राब' रहेंगे. विभाग ने इसके मद्देनजर लोगों को सुझाव भी दिए हैं.
सुझाव
- सुबह की सैर और शाम बाहर निकलने से बचें
- लंबे समय तक भारी परिश्रम से बचें
- लंबी सैर की जगह कम दूरी टहलें. इस दौरान कई ब्रेक लें
- सांस से जुड़ी किसी भी तरह की परेशानी होने पर शारीरिक क्रियाएं बंद कर दें
- प्रदूषण ज़्यादा महसूस होने पर घर की खिड़कियां बंद कर दें
- लकड़ी, मोमबत्ती और अगरबत्ती जलाने से परहेज करें
- कमरे में पानी से पोछा लगाएं ताकि धूल-कण कम हो सकें
- बाहर जाने पर एन-95 और पी-100 मास्क का इस्तेमाल करें
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