'बच्चों की मौत योगी सरकार के माथे पर कलंक': पूर्व स्वास्थ्य मंत्री

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उत्तर प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने गोरखपुर के अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसके लिए राज्य की मौजूदा सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है.

बीबीसी से बात करते हुए उन्होंने कहा, "ऑक्सीजन की कमी से बच्चों का मरना दुर्भाग्यपूर्ण है. यह मौजूदा योगी सरकार के माथे पर कलंक है."

दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं. राज्य सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत होने की खबर को भ्रामक बताया था.

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पहले की सरकारें रहती थी सजग

सरकार ने गैस सिलेंडर सप्लायर की भूमिका की जांच के लिए मुख्य सचिव की अगुवाई में जांच समिति बनाई गई है.

ये जांच समिति हफ़्ते भर में अपनी रिपोर्ट देगी. फ़िलहाल, विधान परिषद में विरोधी दल के नेता हसन ने इस घटना को चिकित्सकीय इतिहास का काला दिन बताया है.

उन्होंने कहा, "चिकित्सकीय इतिहास में ऐसी घटना कभी नहीं हुई. यह काला दिन है. इसके बाद सरकार का गैर-जिम्मेदाराना बयान और लीपापोती की साजिश, बहुत ही शर्म की बात है."

उन्होंने अपने कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि समाजवादी सरकार में इस तरह की कोई घटना नहीं हुई. सरकार पहले से इंतजाम करती थी. ज्यादा दवाएं और डॉक्टर भेजे जाते थे.

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार उन मुद्दों पर बात करती है जिनका जनता की भलाई से कोई लेना-देना नहीं होता है.

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20-20 लाख रुपये मिले मुआवजा

हसन ने कहा कि उनकी पार्टी की जब सरकार थी, तब समय पर कंपनियों को भुगतान करती थी और दवाइयों की सप्लाई भी सही समय पर हो, इसका ख़्याल रखती थी.

उन्होंने मृतकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग की.

जब हसन से पूछा गया कि उन्होंने पहले इस विभाग को संभाला है, आखिर चूक कहां हुई होगी?

इस सवाल पर हसन ने कहा कि यह व्यवस्था की चूक का मामला नहीं है, बल्कि भाजपा सरकार ने पूरी व्यवस्था को ही तहस-नहस कर दिया है.

उन्होंने ये भी दावा किया कि समाजावादी सरकार के समय में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज को हज़ार करोड़ रुपए तक की मदद दी गई थी, ताकि वहां कैंसरों के मरीजों का भी इलाज हो सके.

लेकिन मौजूदा सरकार बच्चों के लिए आक्सीजन तक उपलब्ध नहीं करवा पाई. उन्होंने ये भी कहा कि समाजवादी सरकार में कभी भी बकाए और लापरवाही की ऐसी मिसाल नहीं देखी गई.

(उत्तर प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन से बीबीसी संवाददाता प्रदीप कुमार की बातचीत पर आधारित)

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