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बाबरी मस्जिद विवाद में अब कोर्ट ने क्या कहा?
अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने सुनवाई शुरू हुई.
अदालत ने कहा कि इस मामले में सुनवाई से पहले मामले से जुड़े कागज़ात का अनुवाद किया जाए.
इस घटनाक्रम की पूरी कहानी:
- अदालत ने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई पांच दिसंबर को होगी.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सुनवाई पूरी करने के लिए जो टाइम फ्रेम तय किया गया है उसमें कोई फ़र्क नहीं किया जाएगा और सुनवाई टाली नहीं जा सकेगी.
- सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद से जुड़े दस्तावेज़ के अनुवाद के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को दस हफ्तों का समय दिया है.
- अदालत ने कहा है कि आठ भाषाओं में मौजूद संबंधित कागजातों का अंग्रेजी में अनुवाद होना चाहिए. ये कागज़ात आठ भाषाओं में हैं, इसके लिए अदालत ने तीन महीने का समय दिया है.
इसी साल सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद मामले में दोनों पक्षों को समझौते का रास्ता निकालने को कहा था.
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर कर मांग की थी कि इस विवाद पर अदालत में हररोज़ सुनवाई हो. उस वक्त ये सवाल उठाया गया था कि सुब्रमण्यम स्वामी इस विवाद में पक्षकार नहीं हैं.
भारत के मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर ने कहा था कि ये मामले अदालतों से बाहर निपटाए जाने चाहिए. उन्होंने पेशकश की थी कि अगर दोनों पक्ष चाहें तो खुद मुख्य न्यायाधीश उनके चुने पंचों के साथ बैठने को तैयार हैं.
अगर पक्ष उनके नाम पर तैयार न हों तो किसी और बिरादर न्यायमूर्ति का नाम खोजा जा सकता है.
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