ईवीएम टैम्परिंग के लिए चुनाव आयोग की चुनौती

ईवीएम

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इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में गड़बड़ी के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने सर्वदलीय बैठक में कहा है कि जल्द ही सभी राजनीतिक दलों को ईवीएम टैम्परिंग करने की चुनौती दी जाएगी.

शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम ज़ैदी ने कहा कि हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल की गई ईवीएम में टैम्परिंग की चुनौती के साथ-साथ ये साबित करने का भी मौक़ा पार्टियों को मिलेगा कि चुनाव आयोग के ईवीएम में छेड़छाड़ संभव है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगाया था.

इस बीच दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा है कि 'चुनाव आयोग ने 'हैकाथन' करने से मना किया.'

मनीष सिसोदिया ने लिखा है, "मैंने चुनाव आयोग से कहा है कि हमें पिछले चुनाव में इस्तेमाल मशीन दे दें, हम उसे भी टैम्पर करके दिखा देंगे. लेकिन अभी तक आयोग ने माना नहीं है. हैकाथन का मतलब है कि आओ हमारी EVM टैम्पर करके दिखाओ. जबकि चुनाव आयोग चैलेंज देगा कि पिछले चुनाव में मशीन टेम्परिंग होने के सबूत दो."

मनीष सिसोदिया

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विवाद

इसके बाद समाजवादी पार्टी समेत कई पार्टियों ने इसकी जाँच की मांग की थी.

आम आदमी पार्टी ने गड़बड़ी का आरोप लगाया और उसके विधायक सौरभ भारद्वाज ने पिछले दिनों दिल्ली विधानसभा में एक डेमो देकर ये दावा किया कि ईवीएम में छेड़छाड़ संभव है.

हालांकि उन्होंने ईवीएम जैसी मशीन पर ये डेमो दिया, जिसे चुनाव आयोग ने ख़ारिज कर दिया.

शुक्रवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सात राष्ट्रीय पार्टियों और 35 क्षेत्रीय दलों ने हिस्सा लिया.

नसीम ज़ैदी

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'आयोग का कोई पसंदीदा दल नहीं'

मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम ज़ैदी ने बैठक में कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप आधारहीन हैं.

उन्होंने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को ये जानकारी दी कि कैसे चुनाव आयोग की ईवीएम को सुरक्षित बनाया गया है.

उन्होंने कहा कि इसमें सुधार के लिए वे राजनीतिक दलों की सलाह का स्वागत करेंगे.

नसीम ज़ैदी ने बताया कि आने वाले विधानसभा चुनावों में वीवीपैट के इस्तेमाल को सुनिश्चित किया जाएगा.

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि आयोग सभी राजनीतिक पार्टियों से बराबर दूरी बनाकर रहता है और उसका कोई पसंदीदा दल नहीं.

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