You’re viewing a text-only version of this website that uses less data. View the main version of the website including all images and videos.
जयपुर में भी बंद होंगे अवैध बूचड़खाने
- Author, आभा शर्मा
- पदनाम, जयपुर से बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए
उत्तर प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड के हरिद्वार के बाद अब जयपुर में भी अवैध बूचड़खानों और मीट की दुकानों पर कार्रवाई होगी.
जयपुर नगर निगम अगले महीने से शहर में सर्वे करवाएगा और बिना लाइसेंस चलने वाले बूचड़खानों और मीट की दुकानों को चिन्हित
कर के कार्रवाई करेगा.
शहर के मेयर अशोक लाहोटी ने संबंधित अधिकारियों को इसकी रूपरेखा बनाने के निर्देश दिए हैं.
जयपुर नगर निगम के उपायुक्त धारासिंह ने बीबीसी को बताया कि मीट की दुकानों को बकरा, मेंढा, पाड़ा आदि के वध की अनुमति नहीं है. यह काम सिर्फ नगर निगम की ओर से संचालित चैनपुरा स्लॉटर हाउस में होता है. निजी मीट की दुकानों को सिर्फ चिकन का लाइसेंस होता है.
उनके मुताबिक़ 1946 के नियमों के हिसाब से अभी तक बहुत ही मामूली लाइसेंस दस रुपये सालाना की फी चल रही थी. अब बोर्ड में प्रस्ताव लेकर इसे 1,000 रुपये सालाना किया गया है.
गज़ट नोटिफिकेशन होते ही मेयर के निर्देश पर लाइसेंस नवीनीकरण का कार्य और नए आवेदन लेने का काम अगले महीने से शुरू किया जाएगा.
31 मार्च 2016 से नए लाइसेंस नहीं दिए गए हैं और नवीनीकरण भी नहीं हुआ है. इस लिहाज से शहर में किसी भी निजी बूचड़खाने के पास लाइसेंस नहीं है.
जयपुर के दो इलाकों के मीट हाउस संचालकों राजेश सामरिया और शहाबुद्दीन ने कहा कि नगर निगम की तरफ से मीट की दुकानों को कोई नोटिस मिलने की सूचना नहीं है.
उधर अवैध बूचड़खानों और मीट की दुकानों को बंद करवाने की मुहिम में संत-महंत भी जुड़ने वाले हैं. शहर के लक्ष्मी नारायण मंदिर में 30 मार्च को उनकी भी एक बैठक होने जा रही है.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने योगी सरकार की बूचड़खानों पर कार्रवाई पर कहा है,"कोई अवैध काम करता है, चाहे बूचड़खाने हों या कोई अन्य अवैध गतिविधि, उन्हें रोकने से उनको कौन रोक सकता है. पर उसकी आड़ में अन्याय करेंगे तो लोग उठ खड़े होंगे."
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)