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अम्मा के निधन वाली रात शशिकला क्यों नहीं बनीं सीएम?
अन्नाद्रमुक की महासचिव शशिकला ने सोमवार को बताया कि क्यों वो उस रात ही मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनीं जब जयललिता का निधन हुआ था.
उन्होंने कहा कि ओ पनीरसेल्वम सहित पूरी पार्टी चाहती थी कि वो उस रात ही मुख्यमंत्री बन जाएं जिस रात जयललिता का निधन हुआ था.
शशिकला ने पोएस गार्डेन निवास के बाहर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, "मैंने तब मना कर दिया था. उस वक़्त मेरे लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी अहम नहीं थी. मैं आप लोगों को ये इसलिए बता रही हूं कि क्योंकि आपको ये मालूम होना चाहिए. मैं उस वक़्त अम्मा के शव के पास रहना चाहती थी."
'पनीरसेल्वम भरोसेमंद नहीं'
शशिकला ने ये भी कहा कि उन्होंने अब तक पनीरसेल्वम जैसे हज़ारों कार्यकर्ताओं को देखा है.
शशिकला ने कहा, "पनीरसेल्वम को जयललिता ने ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. लेकिन अब वह पार्टी को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने साबित किया है कि वे कभी भरोसेमंद नहीं थे."
शशिकला ने कहा कि पांच दिसंबर को जयललिता के निधन के दिन भी पार्टी को तोड़ने की कोशिश हुई थी.
शशिकला ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, "उस रात दुख के पलों में भी मैंने पांच मंत्रियों को फ़ोन किया, पनीरसेल्वम को भी फ़ोन करके चार्ज लेने को कहा. दूसरे मंत्रियों से कहा कि पनीरसेल्वम मुख्यमंत्री बनेंगे और बाक़ी लोग अपने-अपने पद पर रहेंगे."
शशिकला ने एकबार फिर से भरोसा दिलाया कि उनके पास पार्टी के 129 विधायकों का समर्थन हासिल है और वो सरकार बनाएंगी.