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निर्माताओं के ख़िलाफ़ बॉलीवुड हड़ताल पर
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मुंबई में फ़ेडरेशन ऑफ़ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज़ की अनिश्चितकालीन हड़ताल से बुधवार को बॉलीवुड में कामकाज ठप्प हो गया
है.
फ़ेडरेशन ने यह हड़ताल फ़िल्म निर्माताओं की ओर से उनकी कुछ माँगें न माने जाने के ख़िलाफ़ की है. एम्प्लॉइज़ फ़ेडरेशन बॉलीवुड का सबसे मज़बूत संगठन है. अभिनेता, अभिनेत्री और निर्देशकों से लेकर मेकअप मैन, लाइटमैन तक इसके सदस्य हैं. नहीं होगी शूटिंग हड़ताल के कारण बॉलीवुड में बुधवार को किसी तरह की शूटिंग नहीं हो रही है. शाहरुख़ ख़ान से लेकर मल्लिका शेरावत तक ने अपनी शूटिंग रद्द कर दी है. ऐसा वे इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वे फ़ेडरेशन ऑफ़ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज़ के सदस्य हैं. फ़ेडरेशन का कहना है कि निर्माता किसी भी मज़दूर को चाहे वह लाइटमैन हो या मैकअपमैन या फिर सेट पर काम करने वाला कोई और मज़दूर किसी को भी समय पर मज़दूरी नहीं दे रहे हैं. उनसे तयशुदा समय से ज़्यादा काम लिया जा रहा है. संगठन का कहना है कि निर्माताओं की ज़्यादितियों के कारण ये मज़दूर धीरे-धीरे भुखमरी की कगार पर पहुंचते जा रहे हैं.
फ़ेडरेशन के महासचिव दिनेश चतुर्वेदी ने बीबीसी को बताया कि करीब डेढ़ साल पहले फ़ेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज़ और चारों प्रोड्यूसर्स यूनियनों के बीच एक समझौता हुआ था. इसके तहत इन मजदूरों की मज़दूरी, काम की अवधि और शर्तों पर सहमति बनी थी लेकिन आज डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी इस समझौते को लागू नहीं किया जा सका है. कलाकारों की बदहाली उनका कहना है, "इसका परिणाम यह हुआ कि हमारे कई साथी भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. निर्माता किसी का भी भुगतान समय पर नहीं कर रहे हैं." चतुर्वेदी ने बताया, "हमने एक सितंबर को चारों प्रोडयूसर्स एसोसिएशनों को नोटिस भेजकर बताया था कि अगर समझौते को ज़ल्द से ज़ल्द लागू नहीं किया गया तो हम एक अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे." उन्होंने बताया कि पिछले एक महीने में चारों प्रोडयूसर्स एसोसिएशनों ने हमें कोई जवाब नहीं भेजा है इसलिए एम्प्लॉइज़ यूनियन बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहा है. फ़िल्मी कलाकारों के हड़ताल में शामिल होने के सवाल पर चतुर्वेदी ने कहा, "हमें बेहद ख़ुशी है कि शाहरुख़ ख़ान और मल्लिका शेरावत भी हमारे साथ हैं. उन्होंने अपनी-अपनी शूटिंग रद्द कर दी हैं. हम उनके इस फ़ैसले का स्वागत करते हैं." उधर, इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईएमपीपीए) की वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुषमा शिरोमणि ने बीबीसी को बताया कि मंगलवार को हमने फ़ेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज़ के साथ बैठकर इस समस्या को सुलझाने का प्रयास किया था. लेकिन कोई नतीज़ा नहीं निकल सका था. उन्होंने कहा कि हड़ताल से प्रोड्यूसर्स के साथ-साथ अन्य लोगों को भी नुक़सान होगा. सबसे अधिक नुक़सान उन लोगों का है जो दिहाड़ी मज़दूर है. हड़ताल से ऐसे लोगों को बहुत नुक़सान उठाना पड़ेगा. शिरोमणि ने बताया कि आगे की रणनीति बनाने के लिए आईएमपीपीए की एक बैठक गुरुवार को बुलाई गई है. |
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