बुधवार, 26 दिसंबर, 2007 को 11:59 GMT तक के समाचार
हिंदी फ़िल्मों के जानेमाने फ़िल्मकार जीपी सिप्पी का मंगलवार की रात को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वह 93 साल के थे.
जीपी सिप्पी ने शोले, सीता और गीता, शान, सागर और राजू बन गया जेंटलमैन जैसी फ़िल्मों का निर्माण किया था.
सन् 1975 में शोले जब रिलीज़ हुई तो उसने बॉक्स ऑफ़िस के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे.
इस फ़िल्म के हर कलाकार और हर चरित्र ने लोगों के मन में अमिट छाप छोड़ी थी.
चाहे जय और वीरू की जोड़ी हो, धन्नो की मालकिन और कम बोलने का दावा करने वाली बसंती हो, सूरमा भोपाली हों, या फिर 50-50 कोस तक बच्चों के मन में डर पैदा करने वाला गब्बर सिंह, हर किरदार एक यादगार छाप छोड़ने वाला था.
इस फ़िल्म का निर्देशन उनके बेटे रमेश सिप्पी ने किया था.
जीपी सिप्पी ने अपना करियर 1955 में 'मरीन ड्राइव' के निर्देशक के रूप में शुरू किया था.
उन्होंने कुल 16 फिल्में बनाईं और पाँच का निर्देशन किया जिनमें भाई-बहन, श्रीमती 420 और मिस्टर इंडिया जैसी फ़िल्में शामिल हैं.
सिप्पी का जन्म हैदराबाद में 14 सितंबर, 1915 को हुआ था. उनका पूरा नाम गोपालदास प्रेमानंद सिप्पी था.
सन् 2000 में मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में उन्हें लाइफ़ टाइम अचीममेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था.
निर्माता के तौर पर उनकी आख़िरी फ़िल्म 'हमेशा' थी जो वर्ष 1997 में आई थी.