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गुरुवार, 05 अप्रैल, 2007 को 12:57 GMT तक के समाचार
 
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चीन में समलैंगिकता पर टीवी कार्यक्रम
 
चीन में इंटरनेट
चीन में बहुत से समलैंगिक सिर्फ़ इंटरनेट का सहारा लेते हैं
चीन में एक ऐसा टेलीविज़न कार्यक्रम शुरू किया है जिसके बारे में कहा गया है कि उसमें सिर्फ़ समलैंगिकों से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

यह कार्यक्रम फिलहाल इंटरनेट के ज़रिए दिखाया जा रहा है और इसमें भाग लेने वाले सभी लोग समलैंगिक होंगे जो चीन में इस समुदाय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

यह कार्यक्रम शुरू करने वालों ने उम्मीद जताई है कि इससे चीनी समाज में समलैंगिकता के मुद्दे पर सहिष्णुता बढ़ाने में मदद मिलेगी क्योंकि चीनी समाज में समलैंगिकता अब भी एक ऐसा मुद्दा है जिस पर सार्वजनिक रूप से बात करना अच्छा नहीं समझा जाता है.

चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की ही सत्ता रही है इसलिए वहाँ समलैंगिकों पर अक्सर मुक़दमे चलाए गए हैं और उन्हें जेल भेजा गया है, कुछ मामलों में तो समलैंगिकों को मौत की सज़ा भी दी गई है.

वर्ष 2001 तक चीन में अधिकारियों ने समलैंगिकता को मानसिक रोग की श्रेणी में रखा हुआ था.

खंडन नहीं

इस कार्यक्रम के निर्माता गैंग गैंग ने बताया कि बारह कड़ियों वाला यह कार्यक्रम हाँगकाँग की एक बड़ी कंपनी फ़ीनिक्स सेटेलाइट टेलीविज़न कंपनी ने बनाया है जो इंटरनेट के ज़रिए लाखों लोगों को उपलब्ध होगा.

गैंग गैंग ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "यह समलैंगिक लोगों के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा और उन्हें इस कार्यक्रम के ज़रिए एक दूसरे से संपर्क साधने में भी मदद करेगा."

उन्होंने कहा, "चीन के बहुत से शहरों में समलैंगिक लोग खेलों, तैराकी जैसी प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे हैं, सामान्य कामकाज कर रहे हैं और तमाम तरह की गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं."

चीन की राजधानी बेजिंग में बीबीसी संवाददाता डैन ग्रिफ़िथ्स का कहना है कि इस कार्यक्रम से यह संदेश जाता है कि समलैंगिक लोगों के प्रति नज़रिए में बदलाव आ रहा है.

कार्यक्रम के निर्माता गैंग गैंग का कहना है कि चीन में समलैंगिकों को काफ़ी दबाव का सामना करना पड़ा है क्योंकि लोगों में इस मामले में इस नज़रिए की कमी देखी गई है कि वे समलैंगिकों की स्थिति को भी समझ सकें.

गैंग गैंग ने कहा, "हमें उम्मीद है कि इस कार्यक्रम को दिखाए जाने के बाद समलैंगिकता कोई मुद्दा नहीं रहेगा और समाज में इस मुद्दे पर ज़्यादा सहिष्णुता और समझ पैदा होगी."

 
 
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