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मैडोना के कार्यक्रम पर नज़र रखी जाएगी | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
जर्मनी में अधिकारियों ने पॉप स्टार मैडोना के कार्यक्रम पर नज़र रखने का फ़ैसला किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्या सलीब पर टँगने की उनकी अदा से लोगों की धार्मिक भावनाओं का अनादर होता है. अपने विवादास्पद शो में मैडोना एक बड़े क्रॉस या सलीब पर टँगी हुई दिखती हैं. उनके सिर पर काँटों का ताज भी होता है. रविवार को जर्मनी के शहर डुसेलडोर्फ़ में मैडोना का शो आयोजित किया जाएगा. अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि कार्यक्रम पर नज़र रखने के लिए किसी सरकारी पर्यवेक्षक को तैनात नहीं किया जाएगा, बल्कि मीडिया रिपोर्टों के सहारे कोई फ़ैसला किया जाएगा. धार्मिक नेताओं ने मैडोना के शो में सलीब और काँटों के ताज वाले दृश्यों पर आपत्ति जताई है. आलोचनाओं के जवाब में 47 वर्षीया अमरीकी पॉप स्टार का कहना है कि उनके शो में सूली वाला दृश्य दर्शकों को एड्स के ख़िलाफ़ काम करने वाली संस्थाओं को दान देने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से रखा गया है. आलोचना इससे पहले मैडोना को अपने मौजूदा कन्फ़ेशन वर्ल्ड टूर के शो के लिए अमरीका में भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. उन पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाया गया था. रोम में शो से पहले उन्हें ईसाई ही नहीं, बल्कि मुस्लिम और यहूदी धार्मिक नेताओं की आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था. वैटिकन के कार्डिनल एरसिलो तोनीनो ने मैडोना के सलीब वाले शो को आपत्तिजनक करार देते हुए इसे धार्मिक आस्था वाले लोगों के लिए चुनौती बताया है. पोप की स्वीकृति से दिए गए अपने बयान में उन्होंने मैडोना के धार्मिक बहिष्कार की भी माँग की. उल्लेखनीय है कि मैडोना का लालन-पालन एक कैथोलिक ईसाई के तौर पर हुआ है. मैडोना लंदन में भी कई शो करेंगी. |
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