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बुधवार, 20 अक्तूबर, 2004 को 16:31 GMT तक के समाचार

मारकेज़ के उपन्यास की जाली प्रतियाँ

सुप्रसिद्घ उपन्यासकार ग्रैबियल गार्सिया मारकेज़ के नए उपन्यास की जाली प्रतियाँ बाज़ार में आ जाने से उपन्यास को तय समय से पहले बाज़ार में लाना पड़ा है.

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मारकेज़ ने क़रीब दस साल बाद कोई उपन्यास लिखा है.

उपन्यास को महीने के अंत तक बाज़ार में लाया जाना था लेकिन जाली प्रतियों की बिक्री शुरु हो जाने के बाद प्रकाशकों को मज़बूरन यह उपन्यास जल्दी प्रकाशित करना पड़ा है.

बीबीसी संवाददाता के अनुसार सड़क पर सामान बेचने वालों के हाथों में ये उपन्यास है जिसे वो निर्धारित क़ीमत से आधे दामों में बेच रहे हैं.

मारकेज़ के दीवाने

मारकेज़ की लेखनी के दीवाने दुनिया भर में है, और उनके ताज़ा उपन्यास का इंतज़ार पिछले दस वर्षों से किया जा रहा था. उपन्यास का नाम ही ऐसा है कि लोगों के दिलों में उत्सुकता पैदा करे.

उपन्यास का नाम है 'मेमरीज़ ऑफ माय मेलानकोली व्होर्स' यानी मेरे एकाकीपन के तवायफ़ों की यादें.

यह कहानी एक ऐसे वृद्ध की है जो जीवन में अंतिम बार प्रेम करते समय अपने जीवन में आई सभी महिलाओं को याद करता है.

'वन हंड्रेड ईयर्स ऑफ सॉलीट्यूड' और 'लव इन द टाइम ऑफ कॉलेरा' जैसी कालजयी कृतियों के इस रचनाकार के उपन्यासों का विश्व भर में बेसब्री से इंतज़ार किया जाता है.

मारकेज़ को 1982 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

मारकेज़ के देश कोलम्बिया में उपन्यासों और पुस्तकों की जाली प्रतियाँ बनाना आम बात है. यहाँ कई प्रसिद्ध रचनाओं की जाली प्रतियाँ औने पौने दामों में मिल जाती है.

इसका एक कारण यह भी है कि कोलम्बिया में मनोरंजन के लिए किताबें ही एकमात्र सहारा होती है.