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साहित्य का नोबेल एल्फ़्रीदा येलिनीक को | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
ऑस्ट्रिया की एल्फ़्रीदा येलिनीक को इस साल के नोबेल साहित्य पुरस्कार के लिए चुना गया है. पहली बार ऑस्ट्रिया के किसी साहित्यकार को यह पुरस्कार मिला है. स्टॉकहोम में पुरस्कार की घोषणा करते हुए निर्णायक समिति ने येलिनीक के लेखन में भाषा के संगीतमय प्रवाह का ज़िक्र किया. येलिनीक अपने उपन्यासों और नाटकों में महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा, महिलाओं के यौन व्यवहार और यूरोप में दक्षिणपंथी राजनीति को विषय बनाती रही हैं. लेकिन 57 वर्षीया एल्फ़्रीदा येलिनीक सबसे ज़्यादा चर्चित हुईं अपने उपन्यास 'पियानो टीचर' के लिए. इस उपन्यास पर 2001 में एक सफल फ़िल्म भी बन चुकी है. ऑस्ट्रियाई निर्देशक माइकल हैनीकी की इस फ़िल्म में मुख्य चरित्र एरिका कोहुत नामक एक महिला पियानो शिक्षक का है. उपन्यास में कोहुत की यौन भावनाओं का खुलकर चित्रण किया गया है. येलिनीक नोबेल साहित्य पुरस्कार पाने वाली नौवीं महिला हैं. उन्होंने वियना में समाचार एजेंसी एपी से कहा कि सबसे बड़े पुरस्कार को पाकर वह बहुत ही ख़ुश हैं, लेकिन बीमार होने की वज़ह से शायद दिसंबर में पुरस्कार लेने स्टॉकहोम नहीं जा सकेंगी. |
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