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रविवार, 20 जून, 2004 को 12:16 GMT तक के समाचार

शालिनी जोशी
देहरादून से

कैथरीन चमकेंगी 'किसना' में

अब ऐसा नहीं है कि बॉलीवुड से ऐश्वर्या राय और रानी मुखर्जी जैसी अभिनेत्रियों को ही हॉलीवुड का रूपहला पर्दा लुभा रहा हो.

उल्टी गंगा भी बह रही है और हॉलीवुड के कलाकार यहाँ की फ़िल्मों की तरफ़ रुख़ कर रहे हैं.

हिंदी फ़िल्मों के मशहूर शोमैन फ़िल्मकार सुभाष घई की फ़िल्म ‘किसना’ में नज़र आएँगी हॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्री कैथरीन.

सुभाष घई कहते हैं, “फिर इस फ़िल्म की मांग ही कुछ ऐसी ही थी. ये फ़िल्म मैंने सिर्फ भारतीय दर्शको को ही नहीं बल्कि विदेशी दर्शकों को भी ध्यान में रखकर बनाई है."

"ये एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की फ़िल्म होगी.”

सुभाष घई अपनी फ़िल्म यूनिट के साथ इन दिनों गढ़वाल के दौरे पर हैं और फ़िल्म का क़रीब आधा हिस्सा गढ़वाल में ही फ़िल्माया जा रहा है.

हरिद्वार के गंगा किनारे बसे ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला और परमार्थ निकेतन क्षेत्र में फ़िल्म की शूटिंग की गई है. इसके अलावा देवप्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी नदियों के संगम पर भी शॉट्स लिए गए हैं.

कहानी और किरदार

ख़ास बात ये है कि फ़िल्म में नायक किसना किरदार देवप्रयाग का रहने वाला है.

‘किसना’ की कहानी ब्रिटिश राज के समय में एक ऐसे युवक के इर्दगिर्द घूमती है जो अंग्रेज़ों का सेवक है.

पहाड़ी युवक अंग्रेज़ों को भारतीय संस्कृति और संगीत के गूढ़ रहस्यों और उनके महत्व की जानकारी देता है.

सुभाष घई कहते हैं, "वैसे तो ये मनोरंजक फ़िल्म होगी लेकिन इसमें भारतीय संस्कृति के गंभीर भाव भी नज़र आएंगे. ख़ासतौर पर किसना के चरित्र में भगवान कृष्ण के गुण और गीता की पवित्रता है.”

एक अरब रुपए से ज़्यादा की लागत से बन रही इस फ़िल्म की पृष्ठभूमि एक नज़र में सुपरहिट फ़िल्म ‘लगान’ से मिलती जुलती नज़र आती है.

फ़िल्म में किसना की भूमिका निभा रहे हैं विवेक ऑबराय. नायिका कैथरीन के अलावा घई ने इस फ़िल्म में नई हीरोईन ईशा सरवानी को भी लिया है.

सुभाष घई की ‘सौदागर’ फ़िल्म से सिने दुनिया में क़दम रखने वाले विवेक मुशरान भी इस फ़िल्म में नज़र आएंगे. नया चेहरा ऋषिता भट्ट भी आकर्षण का केंद्र बनेंगी.

सुभाष घई बताते हैं कि किसना फ़िल्म के इस साल के अंत तक रिलीज़ होने की संभावना है.

उत्तराँचल की लोकप्रियता

हाल के दिनों में उत्तरांचल के बहुत से लुभावने स्थानों बड़े फ़िल्मकारों का ध्यान अपनी तरफ़ खींचते रहे हैं.

आर्थिक लिहाज़ से भी ये जगहें विदेशी आकर्षक स्थानों की तुलना में कहीं ज़्यादा माफ़िक बैठती हैं.

राकेश रौशन की सुपरहिट ‘कोई मिल गया’ हो या चुलबुली प्रीति ज़िंटा को नकारात्मक भूमिका में पेश करने वाली हनी ईरानी की फ़िल्म ‘अरमान’, बड़े कास्ट वाली संस्पेंस थ्रिलर ‘बाज़- द बर्ड इन डेंजर’ हो या पुराने ज़माने के मशहूर सिने खलनायकों को लेकर बनी ‘शिकार’ हो या ‘दिल चाहता है’ फेम वाले फ़रहान अख़्तर की ताज़ा फ़िल्म ‘लक्ष्य’ हो, उत्तरांचल फ़िल्मी दुनिया का प्रिय स्थान बनता जा रहा है.

और मसूरी, नैनीताल और देहरादून के अलावा भीमताल, धनोल्टी, देवप्रयाग जैसी जगहें भी फ़िल्मकारों को लुभा रही हैं.