मनोज को राष्ट्रीय पुरस्कारों पर यक़ीन नहीं

इमेज स्रोत, Raindrop PR

    • Author, सुप्रिया सोगले
    • पदनाम, मुंबई से, बीबीसी हिन्दी डॉट कॉम के लिए

अभिनेता मनोज बाजपेयी को राष्ट्रीय पुरस्कारों पर विश्वास नहीं है.

उन्होंने ये बात अपनी आनेवाली फ़िल्म 'बुधिया सिंह बॉर्न टू रन' के सिलसिले में बीबीसी से हुई मुलाक़ात में दी.

वास्तविक कहानी पर आधारित इस फ़िल्म को इसी साल बाल फ़िल्म श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाज़ा गया.

लेकिन मनोज राष्ट्रीय पुरस्कारों की निष्पक्षता पर संदेह जताते हुए कहते हैं, "पुरस्कार मायने नहीं रखते, यहां तक कि अब तो राष्ट्रीय पुरस्कार भी सवालों के घेरे में हैं."

इमेज स्रोत, Raindrop PR

वे कहते हैं, "यदि पुरस्कार सवालों के घेरे में आ जाते हैं, तो मेरा उन पुरस्कारों से भरोसा ख़त्म हो जाता है."

वो कहते हैं पुरस्कार दर्शकों को थिएटर तक नहीं लाते हैं. उनके मुताबिक़ विषयवस्तु लोगा को सिनेमा-हॉल तक लाती है.

अपनी बात आगे बढ़ाते हुए वो कहते हैं कि "बॉक्स ऑफ़िस पर कारोबार करने वाली फ़िल्म 'अच्छी' हो यह ज़रूरी नहीं है. मेरी फ़िल्म 'अलीगढ़' ने अच्छा कारोबार नहीं किया."

इमेज स्रोत, Raindrop PR

साल 2006 में पुरी से भुवनेश्वर तक 65 किलोमीटर रिकॉर्ड ब्रेकिंग दौड़ लगाने वाले चार वर्षीय बुधिया सिंह और उसके कोच बिरंची दास पर बनी फ़िल्म में मनोज मुख्य भूमिका निभा रहे हैं.

ग़ौरतलब है कि 'मैराथन बॉय' के नाम से मशहूर बुधिया को उसकी मां ने कोच बिरंची दास को महज आठ सौ रुपए में बेच दिया था. जूड़ो कोच बिरंची ने बुधिया को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया.

लेकिन फिर बिरंची पर बाल शोषण के आरोप लगाए गए और बुधिया को उनसे दूर कर दिया गया. सितंबर 2007 में सरकार ने बुधिया की मैराथन पर बैन लगा दिया और उसे हॉस्टल भेज दिया. साल 2008 में बिरंची दास की हत्या कर दी गई.

इमेज स्रोत, Raindrop PR

बुधिया सिंह के जीवन पर टिपण्णी करते हुए मनोज ने कहा, " बिरंची दास होते तो बुधिया पर बहुत ध्यान देते. उनके न होने की वजह से बुधिया उपेक्षित रह गया."

देश में खेल की स्थिति पर कहते हैं, "हमारे देश में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है, लेकिन उन्हें खोजने की नियत और ढांचा दोनों ही नहीं है. ज़िम्मेदार लोग अपने एयर कंडीशन दफ़्तरों में बैठ रहते हैं."

वो ये भी नहीं मानते कि फ़िल्मों से खेल जगत में बदलाव हो रहा है. उनका कहना है कि फ़िल्में सिर्फ़ मनोरंजन के लिए होती हैं और वो मनोरंजन ही कर रही हैं.

वो कहते हैं, "बिरंची दास के किरदार को लोग लम्बे समय तक याद रखेंगे."

सौमेंद्र पाधी के निर्देशन में बनी फ़िल्म 'बुधिया सिंह बॉर्न टू रन' अगस्त 5 को रिलीज़ होगी.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए <link type="page"><caption> यहां क्लिक</caption><url href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi" platform="highweb"/></link> करें. आप हमें <link type="page"><caption> फ़ेसबुक</caption><url href="https://www.facebook.com/bbchindi" platform="highweb"/></link> और <link type="page"><caption> ट्विटर</caption><url href="https://twitter.com/BBCHindi" platform="highweb"/></link> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)