ब्योमकेश पार्ट 2 बनाने की है तमन्ना: दिबाकर

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- Author, मधु पाल
- पदनाम, मुंबई से बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए
बॉलीवुड के जानेमाने निर्देशक दिबाकर बनर्जी जल्द ही अपनी फ़िल्म 'ब्योमकेश बक्शी' ले कर आ रहे हैं.
यह कहानी बंगाली लेखक शरदिंदु बंदोपाध्याय की किताब पर आधारित है.
मुख्य क़िरदार में नज़र आएंगे अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत, जो इस फ़िल्म में ब्योमकेश बक्शी की भूमिका को जीवंत कर रहे हैं.
बीबीसी से दिबाकर ने फ़िल्म से जुड़ी कई बातों पर खुल कर चर्चा की.
एक और 'पीरीयड' फ़िल्म?

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दिबाकर इस फ़िल्म के मार्फ़त 1940 और 1943 का भारत दिखाना चाहते हैं, साथ ही ब्योमकेश की कहानियों को रोचक ढंग से परोसना चाहते हैं.
क्या ये एक और पीरीयड फ़िल्म है इस बारे में दिबाकर कहते हैं, ''तक़रीबन 30 साल पहले इस क़िरदार को परदे पर उतारने का ख़्याल आया. उस वक़्त मेरी उम्र महज़ 12 साल ही रही होगी. तब मैं किताबें चुराकर पढ़ा करता था. दरअसल, इसे वयस्क किताब माना जाता था, सो बच्चों की पहुंच से दूर रखा जाता था.''
वो आगे जोड़ते हैं कि वो अपनी पहली फ़िल्म 'खोसला का घोंसला' के बाद से ही वो इसका निर्माण करना चाहते थे.
हालांकि फ़िल्म बनाने में उन्हें वक़्त लगा, लेकिन वो खुश हैं कि वो पहले से ज़्यादा अनुभव के साथ इस फ़िल्म को बना पाए. वो मानते हैं कि वक़्त के साथ वो बेहतर हुए हैं.
विवादित बयान पर सवाल

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कुछ दिनों पहले दिबाकर ने एक बयान देकर कई बड़े सितारों की नाराज़गी मोल ले ली थी.
दिबाकर ने एक प्रेस कांफ़्रेंस के दौरान कहा था कि बॉलीवुड में बड़े नाम वाले अभिनेताओं की उम्र हो गई है.
इस बयान के बाद कई सितारों के ख़फ़ा होने की ख़बरें आईं.
लेकिन दिबाकर ने अपने बयान पर सफ़ाई देते हुए कहा, ''नहीं, मैंने ऐसा कुछ भी नहीं कहा था. दरअसल, पत्रकारों ने मुझसे पूछा था कि क्या लोग जासूसी फ़िल्में देखेंगे, तो उसके जवाब में मैंने कहा कि एक ही ढर्रे की फ़िल्में जब दर्शकों को लुभा रहीं हैं, जिनमें एक अभिनेता ख़ुद से कम उम्र का क़िरदार निभा रहा है और रोमांस कर रहा है, तो ऐसे में जासूसी नॉवेल पर बनी फिल्म को भी लोग ज़रूर पसंद करेंगे.''
दिबाकर ने इस सफ़ाई के साथ ही बड़े सितारों के साथ काम करने की अपनी ख़्वाहिश को भी ज़ाहिर कर दिया, लेकिन शर्त रखते हुए कहा की क़िरदार और कहानी उनकी होगी.
सीक्वल और रीमेक का खेल

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जब दिबाकर से पूछा गया कि क्या वे 'ब्योमकेश बक्शी' का सीक्वल बनाएंगे, तो उनका कहना था, ''हम इसकी अगली कड़ी ज़रूर बनाना चाहेंगे, लेकिन दर्शकों की प्रतिक्रिया लेने के बाद ही इस पर कोई फ़ैसला हो सकता है.''
अगर दर्शकों को यह फ़िल्म पसंद आई या बॉक्स ऑफ़िस पर फ़िल्म ने कमाई की तो वे 'ब्योमकेश बक्शी 2' का निर्माण ज़रूर करेंगे.
इन दिनों दक्षिण भारतीय फ़िल्मों की रीमेक भी खूब बनाई जा रही हैं और वे सफ़ल भी हो रही हैं.
ऐसे में दिबाकर बॉलीवुड के इस नए ट्रेंड से दूर क्यों हैं ?
वो कहते हैं, ''मुझे उस तरह का काम आता नहीं है! रीमेक की डगर मेरे लिए नई है और इस नए रास्ते पर फिसलने का ख़तरा ज़्यादा है. 100-200 करोड़ की कमाई वाली फ़िल्म बनाने की कला शायद अभी तक आई नहीं है और न ही मेरी रुचि इसमें जगी है.''
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