नायक पर भारी 'साइको विलेन'

एक विलेन

इमेज स्रोत, Ek Villain

    • Author, सुप्रिया सोगले
    • पदनाम, मुंबई से बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए

प्यार में पागल हीरो खूब चलता है और कई बार उससे ज़्यादा चलता है पागल विक्षिप्त साइको विलेन.

हाल ही में आई फिल्म<bold><itemMeta overtyped-headline="‘एक विलेन’"><url xml:base="http://www.bbc.co.uk/asset/afe249cc-fdd8-11e3-b5f7-9c913db9bd6e" href="/hindi/entertainment/2014/06/140627_ek_villain_review_pkp"/><assetTypeCode xml:base="http://www.bbc.co.uk/asset/afe249cc-fdd8-11e3-b5f7-9c913db9bd6e">STY</assetTypeCode><headline xml:base="http://www.bbc.co.uk/article/afe25228-fdd8-11e3-b5f7-9c913db9bd6e">फ़िल्म रिव्यू: 'एक विलेन'</headline><shortHeadline xml:base="http://www.bbc.co.uk/article/afe25228-fdd8-11e3-b5f7-9c913db9bd6e">फ़िल्म रिव्यू: 'एक विलेन'</shortHeadline><summary xml:base="http://www.bbc.co.uk/article/afe25228-fdd8-11e3-b5f7-9c913db9bd6e">श्रद्धा कपूर और सिद्धार्थ मल्होत्रा की फ़िल्म 'एक विलेन' पर्दे पर आ गई. फ़िल्म कितनी दमदार है, बता रहे हैं कोमल नाहटा.</summary><section xml:base="http://www.bbc.co.uk/asset/afe249cc-fdd8-11e3-b5f7-9c913db9bd6e" uri="/hindi/entertainment" url-identifier="/hindi/entertainment" name="मनोरंजन" id="entertainment"/><firstCreated xml:base="http://www.bbc.co.uk/asset/afe249cc-fdd8-11e3-b5f7-9c913db9bd6e">2014-06-27T14:24:45+05:30</firstCreated><firstPublished xml:base="http://www.bbc.co.uk/asset/afe249cc-fdd8-11e3-b5f7-9c913db9bd6e">2014-06-27T17:02:47+05:30</firstPublished><lastUpdated xml:base="http://www.bbc.co.uk/asset/afe249cc-fdd8-11e3-b5f7-9c913db9bd6e">2014-06-27T17:02:47+05:30</lastUpdated><lastPublished xml:base="http://www.bbc.co.uk/asset/afe249cc-fdd8-11e3-b5f7-9c913db9bd6e">2014-06-27T19:04:16+05:30</lastPublished><publicationStatus xml:base="http://www.bbc.co.uk/asset/afe249cc-fdd8-11e3-b5f7-9c913db9bd6e">PUBLISHED</publicationStatus><language xml:base="http://www.bbc.co.uk/asset/afe249cc-fdd8-11e3-b5f7-9c913db9bd6e">hi</language><site xml:base="http://www.bbc.co.uk/asset/afe249cc-fdd8-11e3-b5f7-9c913db9bd6e" url-identifier="/hindi" code="hindi" name="BBCHindi.com"/><provider xml:base="http://www.bbc.co.uk/asset/afe249cc-fdd8-11e3-b5f7-9c913db9bd6e">topcat2</provider></itemMeta></bold> में ध्यान हीरो हीरोइन से ज़्यादा साइको विलेन ने खींचा. <bold><link type="page"><caption> रितेश देशमुख</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/entertainment/2010/07/100729_ritesh_deshmukh_pkp.shtml" platform="highweb"/></link></bold> ने ये रोल किया है.

ये अपनी तरह की पहली फिल्म नहीं है.

पुराने ज़माने में विलेन बड़ी-बड़ी मूंछों के साथ ज़्यादातर गंजे हुआ करते थे. फिर दौर आया एंटी हीरो का, जो व्यवस्था के ख़िलाफ़ लड़ता था. अब ज़माना साइको-किलर्स का है.

फ़िल्म 'डर' में शाहरुख़ खान का साइको-लवर का किरदार, परिंदा में नाना पाटेकर या दुश्मन में गोकुल पंडित बने आशुतोष राणा, ये सभी किरदार साइको थे और ये खूब चले.

'एक विलेन' में साइको विलेन की भूमिका निभाने वाले रितेश देशमुख कहते हैं "इस फिल्म में साइको विलेन में एक मानवीय पहलू था, जो असल ज़िन्दगी में हम बर्दाश्त नहीं कर सकते पर परदे पर पसंद आ जाता है.’’

साधारण क्षमता

आशुतोष राणा

इमेज स्रोत, Ashutosh Rana

इमेज कैप्शन, आशुतोष राणा ने 'दुश्मन' और 'संघर्ष' जैसी फ़िल्मों में विक्षिप्त किरदार निभाए हैं.

‘दुश्मन’ और ‘संघर्ष’ में साइको विलेन बने आशुतोष राणा कहते हैं ‘‘अगर ऐसे किरदारों को खूबसूरती से लिखा गया हो तो कोई साधारण अभिनेता इस रोल को अच्छा निभा सकता है, लेकिन जब ऐसा रोल किसी अच्छे अभिनेता को मिलता है तो वो किरदार अमर हो जाता है."

फ़िल्म विशेषज्ञ मयंक शेखर का कहना है कि "अगर किरदार साइको विलेन का है तो उसे निभाना मुश्किल नहीं. उसका चरित्र चित्रण काफ़ी आसान होता है पर अगर उसी किरदार की ज़िन्दगी की कहानी पर जाएंगे तब कुछ पेचीदा हो सकता है."

मयंक शेखर कहते हैं कि पहले अगर कोई हीरो विलेन का किरदार निभाता था तो उसका करियर लगभग ख़त्म माना जाता था.

शेखर के हिसाब से शाहरुख़ खान ने 'डर' में एक बहुत बड़ा रिस्क लिया था, लेकिन अब इन किरदारों में कोई रिस्क नहीं है.

शेखर कहते हैं, ''अब अगर कोई अभिनेता अपनी इमेज से अलग ऐसा किरदार निभाता है तो दर्शक उसे ज़्यादा पसंद करते हैं."

लोगों पर असर

'डर'

इमेज स्रोत, Yash Raj Films

इन किरदारों का आम लोगों पर नकारात्मक असर पड़ता है या नहीं, ये बहस का मुद्दा है.

मुंबई के मनोचिकित्सक हरीश शेट्टी की राय है कि ‘‘हर आदमी में एक साइको होता है पर ये काफ़ी दबा होता है.''

शेट्टी आगे कहते हैं ''जब आप ऐसे किरदार बड़े पर्दे पर देखते हैं तो आपके दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं, आप डर जाते हैं और सोचते हैं कि ये किरदार क्या करेगा? ऐसे किरदारों में हम एंटरटेनमेंट पाते है. हमने स्वीकारा है मनुष्य के व्यक्तित्व के कई रंग होते हैं.''

शेट्टी ने ऐसे कई मामले देखे हैं जहाँ लोगों ने फ़िल्में या ख़बरें देख कर जुर्म करते हैं.

लेकिन कोई भी दावे से ऐसा नहीं कह सकता कि निगेटिव किरदार लोगों पर गलत ही प्रभाव डालते हैं.

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