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गुरुवार, 23 अक्तूबर, 2008 को 12:12 GMT तक के समाचार

भारत समेत कई शेयर बाज़ारों में खलबली

एशियाई शेयर बाज़ारों में गुरुवार को भारी गिरावट आई और शुरुआती दौर में यूरोपीय बाज़ार में शेयरों की कीमत भी गिरी है. भारतीय शेयर बाज़ार में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज 398 अंक गिरकर 9771 पर बंद हुआ है.

विश्व के वित्तीय बाज़ार में संकट के कारण एशियाई शेयर बाज़ार लगातार दूसरे दिन भी गिरे. दक्षिण कोरिया के शेयर बाज़ार में लगभग आठ प्रतिशत की गिरावट देखी गई और ऐसी ही गिरावट उसकी मुद्रा में भी देखी गई.

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जापान में निक्केई भी इससे अछूता नहीं रहा और दिन के कारोबार में एक बार तो पाँच साल में सबसे निचले स्तर पर पहुँच गया. जब कारोबार ख़त्म हुआ तब निक्केई बुधवार के मुकाबले में 2.5 प्रतिशत नीचे बंद हुआ.

हॉंगकॉंग का शेयर बाज़ार 4.7 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया का शेयर बाज़ार 4.4 प्रतिशत नीचे बंद हुआ.

विश्व के वित्तीय संकट पर बीबीसी हिंदी विशेष

लंदन और अन्य यूरोपीय शेयर बाज़ारों में बुधवार को ख़ासी गिरावट आई थी. गुरुवार को उतनी ज़्यादा गिरावट तो नहीं आई है लेकिन शुरुआती कारोबार में लंदन, पेरिस और जर्मनी के शेयर बाज़ार में मंदी का दौर रहा.

भारत का बाज़ार गिरा

एशिया के अन्य बाज़ारों की तरह भारतीय शेयर बाज़ारों में भी शुरुआती दौर में तेज़ गिरावट आई और सेंसेक्स चार फ़ीसदी नीचे गिरा. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स दस हज़ार से नीचे जा पहुँचा.

तेल की क़ीमतों में भारी गिरावट

शुरुआती दो घंटों में यह 9700 के स्तर पर आ गया. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक निफ़्टी जुलाई 2006 के बाद पहली बार तीन हज़ार के स्तर से नीचे पहुँच गया.

तेल मार्केटिंग कंपनियों को छोड़ कर लगभग सभी क्षेत्रों की कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई.

लेकिन भारत के वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बाज़ार को आश्वस्त करने की कोशिश की और उनके आश्वासन के बाद भारतीय बाज़ार कुछ सुधरा.

लेकिन कारोबार बंद होने तक गिरावट फिर शुरु हो गई और बीएसई सूचकांक 398 अंक लुढक गया और लगभग चार प्रतिशत की गिरावट के साथ 9771 अंक पर बंद हुआ.

उधर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ़्टी सूचकांक भी कारोबार बंद होने तक चार प्रतिशत गिर गया था और 2943 पर पहुँच गया.