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ओएनजीसी नंबर वन भारतीय कंपनी | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अमरीकी पत्रिका फ़ोर्ब्स ने दुनिया की दो हज़ार बड़ी कंपनियों की सूची तैयार की है. इस सूची में शामिल भारत की 34 कंपनियों में नंबर वन पर है ओएनजीसी. ग्लोबल-2000 नाम की इस सूची में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम यानि ओएनजीसी 239वें स्थान पर है. इस सूची को कंपनियों के विक्रय लाभ, कुल सम्पति और शेयर बाज़ार में उनकी हैसियत के आधार पर तैयार किया गया है. बैंकों का बोलबाला फ़ोर्ब्स की इस सूची में शामिल भारतीय कंपनियों में से अधिकतर बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ीं हैं. इसके अलावा पाँच तेल और गैस कंपनियां, चार सॉफ्टवेयर, तीन मैटीरियल और कैपिटल गुड्स और एक-एक कंपनी खाद्य पदार्थ, उपभोक्ता वस्तुओं और टेलीकॉम क्षेत्र से जुड़ीं हैं.
इस सूची में केवल भारतीय कंपनियों को ही देखा जाए तो ओएनजीसी के बाद दूसरे स्थान पर है मुकेश अंबानी की अध्यक्षता वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज और तीसरे स्थान पर है भारतीय स्टेट बैंक. इसके बाद इंडियन ऑयल का स्थान है जो ग्लोबल-2000 में में 399वें स्थान पर है. भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सबसे ऊपर है, इसके बाद इंफोसिस, विप्रो और सत्यम कंप्यूटर है. इस सूची में भारतीय टेलीकॉम के क्षेत्र में सिर्फ़ भारती एअरटेल को स्थान मिल पाया है. भारतीय बैंकों में स्टेट बैंक के अलावा आईसीआईसीआई,एचडीएफसी, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, आईडीबीआई, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, सिंडीकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और ओरियंटल बैंक ऑफ़ कॉमर्स भी इस सूची में स्थान पाने में सफल रहे हैं. इनके अलावा एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, भारतीय गैस प्राधिकरण यानि गैल, भारत हैवी इलेक्ट्रीकल्स, भारत पेट्रोलियम, एलएंडटी, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और बजाज ऑटो ने भी इस सूची में जगह बनाई है. अमरीकी दबदबा अगर पूरी सूची पर नज़र दौड़ाएँ तो पहले सात स्थानों पर अमरीकी कंपनियों का कब्ज़ा है. दुनिया की दस सबसे बड़ी कंपनियों में दो नीदरलैंड और स्विटज़रलैंड की एक कंपनी शामिल है.
फोरब्स की इस सूची में सबसे ऊपर है अमेरिकी कंपनी सिटीग्रुप, उसके बाद बैंक ऑफ़ अमेरिका, एचएसबीसी होल्डिंग्स, जनरल इलेक्ट्रिक, और जेपी मॉर्गन चेज़ का स्थान है. नीदरलैंड की रॉयल डच शैल आठवें, स्विटज़रलैंड की यूबीएस नौवें और नीदरलैंड की आईएनजी दसवें स्थान पर है. फोर्ब्स के अनुसार दो हज़ार सात की रैंकिंग दर्शाती है कि वैश्वीकरण व्यापार के फलने-फूलने की आवश्यक प्रक्रिया है. इस सूची में चीन की सोलह नई कंपनियाँ हैं और पिछली सूची की तुलना में अमरीका की चौतीस कंपनियाँ कम हैं. साथ ही अर्जेंटीना की कोई कंपनी पहली बार फोर्ब्स ग्लोबल 2000 में शामिल हुई हैं. इस लिस्ट के विश्लेषण से एक दिलचस्प जानकारी ये सामने आई है कि स्विटज़रलैंड में मुख्यालय वाली कंपनियों का राजस्व उस देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से अधिक है. | इससे जुड़ी ख़बरें 'जापानियों से अधिक भारतीय अरबपति' 09 मार्च, 2007 | कारोबार चीन के धनी लोगों की संपत्ति में वृद्धि03 नवंबर, 2006 | कारोबार अमीर शासकों में महारानी और कास्त्रो05 मई, 2006 | कारोबार किस मोड़ पर है भारतीय अर्थव्यवस्था?10 अप्रैल, 2006 | कारोबार 'आर्सेलर को ख़रीदने में कामयाब होंगे'20 मार्च, 2006 | कारोबार अमरीका, जर्मनी के बाद अब रूसी22 अप्रैल, 2005 | कारोबार अरबपतियों की सूची में नौ भारतीय27 फ़रवरी, 2004 | कारोबार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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