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किसानों को मिले भूमि का वाजिब मुआवज़ा | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
विशेष आर्थिक ज़ोन (एसईजेड) के लिए ज़रूरी है कि जहाँ तक हो सके, खेती की उपजाऊ जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाए और बंजर या अनुपयुक्त ज़मीन का इस्तेमाल हो. साथ ही अधिग्रहित ज़मीन के मालिक को उनकी ज़मीन का बाज़ार मूल्य के मुताबिक उचित मुआवज़ा दिया जाना चाहिए. इस मामले पर सभी राजनीतिक दलों में एकराय है और काँग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने दो माह पहले नैनीताल में काँग्रेस मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में भी यही कहा था. इसलिए इस पर कोई विवाद नहीं है. सुनिश्चित ये करना होगा कि इस नीति को व्यवहार में लाया जाए. असहमति भूमि अधिग्रहण के लिए केन्द्रीय नीति बनाए जाने की बात भी व्यावहारिक नहीं है. मैं इससे सहमत नहीं हूँ और मुझे इसका मतलब भी नहीं मालूम. भूमि अधिग्रहण के लिए केन्द्र की मँजूरी से तो और गड़बड़ी होगी. क़ानून के मुताबिक भी ज़मीन का अधिग्रहण राज्य सरकार ही करती है. रही बात केन्द्र सरकार की तो एसईजेड की मँजूरी तो राजस्व मंत्रालय ही देता है और अगर केन्द्र सरकार समझती है कि एसईजेड के लिए निर्धारित शर्तों को पूरा नहीं किया गया है तो सरकार प्रस्ताव अस्वीकृत कर देगी. जहाँ तक एसईजेड के लिए उपजाऊ ज़मीन के अधिग्रहण का सवाल है तो मेरी जानकारी में सभी राज्य सरकारों को इस बाबत दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं, अब ये अलग बात है कि राज्य सरकारें इनका पालन करती हैं कि नहीं.
एसईजेड चीन में भी हैं, हिंदुस्तान में भी आधारभूत ढाँचे के निर्माण के लिए सरकार इसको बढावा दे रही है और ये ठीक भी है. ख़ास बात ये है कि इसमें निजी क्षेत्र को करों में काफ़ी छूट दी जा रही है. निजी क्षेत्र का नुमाइंदा होने के नाते मैं इनका समर्थन करता हूँ. बहस जहाँ तक एसईजेड को लेकर विवाद की बात है तो विवाद कुछेक नियमों को लेकर ही हैं, जिनको लेकर बहस चल रही है. अब चूँकि किसी उद्योगपति के लिए ये संभव नहीं है कि वह ज़मीन के अधिग्रहण के लिए सैकड़ों किसानों को राजी कर सके. एक-दो किसानों के अड़ जाने से भी मामला अधर में लटक सकता है. ऐसे में एसईजेड के लिए ज़मीन तो सरकार को ही अधिग्रहित करनी होगी. दूसरे ये कि जहाँ तक हो सके एसईजेड दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों से दूर बनें ताकि वहां आधारभूत ढाँचा विकसित हो सके. महानगरों में पहले से ही आधारभूत ढाँचा तैयार है और रोज़गार भी है. दूसरी जगहों पर एसईजेड को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. चूँकि एसईजेड की प्राथमिकता रोज़गार और निर्यात तो बढ़ावा देना है, लिहाज़ा निर्यात करने वाली कंपनियों की ज़िम्मेदारी बढानी चाहिए. क्योंकि कंपनियों को कर में भारी भरकम छूट भी दी जा रही है, ऐसे में एसईजेड से कम से कम 60 से 70 फ़ीसदी निर्यात सुनिश्चत किया जाना चाहिए. ज़िम्मेदारी हालाँकि एसईजेड क़ानून में अभी पाँच साल में निर्यात को आयात के बराबर रखने की ही शर्त रखी गई है. लेकिन ये काफ़ी नहीं है और इसे बढ़ाया जाना चाहिए. एसईजेड की तुलना लघु उद्योग इकाइयों के निर्यात से नहीं की जानी चाहिए. आँकडों की मुझे जानकारी नहीं है, लेकिन एसईजेड का बड़ी या छोटी कंपनियों से कोई मतलब नहीं है.
एसईजेड में तो निजी क्षेत्र के डेवलपर आएंगे जो पाँच-हज़ार से 10 हज़ार एकड़ की जमीन लेंगे. उसमें भारत और विदेश की छोटी और बड़ी कंपनियों को जगह दी जाएगी. डेवलपर और एसईजेड में आने वाली कंपनियों को सरकार के नियमों के दायरे में ही काम करना होगा. हां, एक फर्क जरूर है कि चीन में डेवलपर ज़्यादातर सरकार है, जबकि भारत में डेवलपर निजी क्षेत्र का होगा, इसीलिए इन्हें कर में छूट देने की बात की जा रही है. योजना एसईजेड के लिए मेरी भी योजना है और शुरुआती 150 प्रस्तावों में ये योजना शामिल थी. इसे स्वीकृति भी मिल गई है. लेकिन कब तक बनेगी, इस बारे में अभी स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता. औरंगाबाद से 10-12 किलोमीटर दूर वारूद गाँव में 250 एकड़ क्षेत्रफल में दोपहिया और तिपहिया वाहनों की प्रस्तावित इस योजना के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर कोई मुश्किल नहीं है. एसईजेड में श्रम कानूनों को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है. जहाँ तक मेरी राय है एसईजेड में श्रम क़ानून लागू नहीं होने चाहिए. हालाँकि यूपीए को समर्थन दे रहे वामपंथी दल इन्हें लेकर निश्चित रूप से दबाव बनाएंगे. एसईजेड से श्रम क़ानूनों की छुट्टी होनी चाहिए ताकि कंपनियों में वहाँ आने का आकर्षण हो. एक बार जब एसईजेड में श्रम क़ानूनों के नहीं होने का फ़ायदा दिखने लगेगा तो देशभर में लचीले श्रम क़ानून लागू होंगे. (आलोक कुमार के साथ बातचीत पर आधारित) | इससे जुड़ी ख़बरें 'एसईजेड से 15 लाख लोगों को रोज़गार'17 दिसंबर, 2006 | कारोबार खेती के बढ़ते संकट से एसईजेड पर उठे सवाल17 दिसंबर, 2006 | कारोबार असमानता बढ़ाने वाला है एसईजेड17 दिसंबर, 2006 | कारोबार ज़्यादातर प्रस्ताव आईटी क्षेत्र के लिए17 दिसंबर, 2006 | कारोबार एसईजेड के इतिहास पर एक नज़र17 दिसंबर, 2006 | कारोबार सेंसेक्स ने 14000 का आँकड़ा छुआ05 दिसंबर, 2006 | कारोबार बीटी और कर्मचारियों की नियुक्ति करेगा13 नवंबर, 2006 | कारोबार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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