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सोमवार, 18 दिसंबर, 2006 को 14:07 GMT तक के समाचार
 
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केयर्न भारतीय बाज़ार से पूँजी उगाहेगी
 
केयर्न एनर्जी
केयर्न एनर्जी भारत में कारोबार फैलान की योजना बना रही है
ऊर्जा क्षेत्र की ब्रितानी कंपनी केयर्न भारतीय शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध होने के लिए तैयार है. इसके शेयर की कीमत 160 रूपए तय की गई है.

केयर्न अपनी सहयोगी कंपनी 'केयर्न इंडिया' के ज़रिए भारत में कारोबार कर रही है.

इसने दो मुख्य भारतीय शेयर बाज़ारों बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के लिए आरंभिक पब्लिक इश्यू यानी आईपीओ जारी किया था.

एडिनबरा स्थित कंपनी ने आईपीओ के तहत लगभग 53 करोड़ शेयरों के लिए बोली मँगाई थी. एक शेयर की कीमत न्यूनतम 160 रूपए और अधिकतम 190 रूपए थी.

 यह भारतीय शेयर बाज़ारों में अब तक के सबसे बड़े आईपीओ में से एक है. यह केयर्न के लिए स्वाभाविक विकास की तरह है जो दक्षिण एशिया में पिछले एक दशक की कारोबारी सफलता से झलकता है
 
सीईओ सर बिल गैमल

शनिवार को बीएसई ने बताया कि जितने शेयर कंपनी ने बिक्री के लिए जारी किए थे उससे लगभग डेढ़ गुना शेयरों के लिए आवेदन प्राप्त हुए.

आवेदन की अंतिम तारीख़ ख़त्म होने के बाद केयर्न इंडिया ने अपने एक शेयर की कीमत निचले स्तर यानी 160 रूपए तय की है.

अगर इस हिसाब से भी देखा जाए तो कंपनी को लगभग एक अरब 30 करोड़ डॉलर मिलेंगे.

कंपनी का आईपीओ अगले साल बीएसई और एनएसई में सूचीबद्ध होगा. तब कारोबार के दौरान इसके शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव हो सकता है.

कामकाज

केयर्न इंडिया अपना पूरा ध्यान राजस्थान के तेल और गैस क्षेत्र में लगा रही है जहाँ उसे उत्पादन का ठेका मिला हुआ है.

केयर्न के मुख्य कार्यकारी सर बिल गैमल ने आईपीओ के बारे में कहा, "यह भारतीय शेयर बाज़ारों में अब तक के सबसे बड़े आईपीओ में से एक है. यह केयर्न के लिए स्वाभाविक विकास की तरह है जो दक्षिण एशिया में पिछले एक दशक की कारोबारी सफलता से झलकता है."

कंपनी को उम्मीद है कि इस दशक के अंत तक उत्पादन के मौजूदा स्तर में पाँचगुना वृद्धि होगी.

शेयर बाज़ार में उतरने से कंपनी को भारत में अपना कारोबारी दायरा बढ़ाने में मदद मिलेगी.

इसी साल जुलाई में केयर्न ने एक दर्जन से भी अधिक बैंकों के साथ राजस्थान बेसिन के मंगला, एश्वर्या, सरस्वती और रागेश्वरी तेल क्षेत्र में उत्पादन शुरू करने के लिए एक अरब डॉलर का समझौता किया था.

कंपनी के आकलन के हिसाब से इन तेल क्षेत्रों में साढ़े तीन अरब बैरल के बराबर का तेल भंडार है.

 
 
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