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मंगलवार, 19 सितंबर, 2006 को 14:38 GMT तक के समाचार

आईएमएफ़ में हुए बदलावों पर नाराज़गी

भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) की मतदान प्रणाली में हुए बदलावों की आलोचना की है. इस बदलाव के कारण भारत के मतदान अधिकारों में कमी हुई है.

सोमवार को आईएमएफ़ के 184 सदस्य देश इस पर सहमत हो गए थे कि उभर रही अर्थव्यवस्था वाले देशों को ज़्यादा मतदान अधिकार दिए जाएँगे.

इस फ़ैसले के बाद चीन, दक्षिण कोरिया, तुर्की और मैक्सिको के मतदान अधिकारों में बढ़ोत्तरी होगी लेकिन भारत का मतदान अधिकार कम हो जाएगा.

भारत का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में हुए सुधारों को 'निराशाजनक रूप से बिगाड़' दिया गया है. आईएमएफ़ ने वादा किया है कि वह अपनी मतदान प्रणाली को वर्ष 2008 तक दुरुस्त कर लेगा.

वादा

भारत के वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि वे आईएमएफ़ से कहेंगे कि वह दो वर्षों के अंदर अपनी मतदान प्रणाली में पूरी तरह सुधार लाने के अपने वादे को पूरा करे.

उन्होंने कहा, "हो सकता है कि हम मतदान हार गए हों लेकिन हम अपना तर्क नहीं हारे हैं." सोमवार को सिंगापुर में आईएमएफ़ की वार्षिक बैठक में अस्थायी सुधारों पर सहमति हुई है.

इस सहमति के मुताबिक़ भारत का मतदान हिस्सा 1.95 फ़ीसदी से घटकर 1.91 हो जाएगा. पी चिदंबरम ने कहा कि सोमवार को हुए बदलावों के लिए जिस फ़ॉर्मूले का इस्तेमाल किया गया उससे भारत जैसी उभरती हुई अर्थव्यवस्था की मज़बूती का अंदाज़ा नहीं हो सकता.

भारत चाहता है कि अगली बार जब विकासशील अर्थव्यवस्था के बारे में विचार किया जाए, तो किसानों के हितों की रक्षा और फल-फूल रहे उद्योगों को विदेशी प्रतियोगिता से बचाने की बात का भी ख़्याल रखा जाए.