शुक्रवार, 28 अप्रैल, 2006 को 06:21 GMT तक के समाचार
सेबी के कुछ प्रमुख शेयर दलालों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश के बाद शुक्रवार को मुंबई शेयर बाज़ार के शुरुआती कारोबार में भारी गिरावट आई और सेंसेक्स 490 अंकों तक लुढ़क गया.
लेकिन बाद में सेबी के आश्वासन के बाद कि उसके क़दम से ख़ुदरा कारोबारियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, सेंसेक्स में सुधार आया और इसने गिरावट की भरपाई कर ली.
लेकिन सेंसेक्स गुरुवार के स्तर से 62 अंक नीचे चल रहा था.
इस दौरान रिलायंस इंडस्ट्री, रिलायंस एनर्जी, लार्सन ऐंड टुर्बो, टाटा कंसलटेंसी, ग्रासिम और टाटा स्टील जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई.
हालांकि पिछले कुछ दिनों से शेयर बाज़ार में भारी उतार-चढ़ाव चल रहा है और गुरुवार को भी वह 103 अंक गिरा था.
शेयर विश्लेषक पहले से ही आशंका व्यक्त कर रहे थे कि सेबी के आदेश के बाद शुक्रवार को बाज़ार गिर सकता है.
सेबी का आदेश
ग़ौरतलब है कि पब्लिक इश्यू घोटाले पर कार्रवाई करते हुए प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 24 महत्वपूर्ण शेयर दलालों को शेयर बाज़ार में कार्रवाई में हिस्सा न लेने का आदेश दिया था.
इसमें कार्वी और इंडिया बुल्स जैसे बड़े शेयर दलाल शामिल हैं. साथ ही सेबी ने रिजर्व बैंक, सीबीआई और आयकर विभाग से भी कहा है कि वे इस मामले में कार्रवाई करें.
सेबी ने 12 बैंकिंग संस्थाओं को नए डीमैट खाते खोलने पर भी पाबंदी लगा दी है. इन्हीं खातों के जरिए शेयरों की ख़रीद फरोख्त की जाती है.
दरअसल सेबी सन 2003 और 2005 के बीच आए 105 पब्लिक इश्यू की जाँच कर रही है.
आरोप हैं कि इन इश्यू में बेनामी डीमैट खातों के जरिए बड़े पैमाने पर शेयरों की ख़रीद फरोख्त की गई.
हाल ही में शेयर बाज़ार ने नया रिकॉर्ड बनाया था और सिर्फ़ 16 कार्यदिवसों में ही 11 हज़ार से 12 हज़ार तक की ऊँचाई प्राप्त कर ली थी.