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छोटी कारों के बड़े बाज़ार में मार | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारत के छोटी कार बाज़ार में इन दिनों व्यावसायिक मार शुरू हो गई है. इस बार ख़ास तौर पर मारुति और ह्युंडाई मोटर्स आमने-सामने हैं. दोनों के बीच नई कारों के लॉन्च और उनके दामों को लेकर प्रतिस्पर्धा अचानक तेज़ हो गई है. पहले मारुति ने अपने ‘जेन-नेक्स्ट’ मॉडल ‘स्विफ्ट’ लॉंच कर ह्युंडई के ‘सैंट्रो’ मॉडलों को सीधी चुनौती दी तो करीब दो हफ्ते भी नहीं बीते थे कि ह्युंडई ने अपने कमाऊ पूत सैंट्रो ‘ज़िंग’ के दाम गिरा दिए. मारुति की 'स्विफ्ट' के साथ ही उसके लिए बाज़ार में खासी मारामारी शुरु हो गई थी. इस मुकाबले में दो हफ्ते तक तहलका मचाने के बाद 'स्विफ्ट' की कीमत में मारुति ने आठ से दस हज़ार रुपए की बढ़ोत्तरी का ऐलान कर दिया. नौ जून से ये बढ़ोत्तरी लागू भी हो गई. कड़ी प्रतिस्पर्धा ऑटो बाज़ार विशेषज्ञ मानते हैं कि बढ़ी कीमतों पर भी मारुति को उम्मीद थी कि 'स्विफ्ट' के लिए करीब 40 हज़ार कारों की बुकिंग और मिल जाएगी जो कंपनी के लिए जनवरी तक काफी होंगे.
लेकिन मारुति के इस कदम के साथ ही ह्युंडई ने सैंट्रो के ‘ज़िंग’ सहित कई मॉडलों के दाम घटाकर और नए तथा सस्ते माडल लॉंन्च करने का ऐलान करके नहले पर दहला जड़ दिया. भारत में छोटी कारों के बाज़ार में इन्हीं दोनो कंपनियों की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है. मारुति- 800, ऑल्टो, ज़ेन और वैगन आर जैसी मध्य वर्ग की जेब को भाने वाली मारुति कंपनी की कारों को ह्युंडई की सैंट्रो के मॉडल सीधा और काफी कड़ा मुकाबला देते रहे हैं. ह्युंडई लगातार अपने मॉडलों में सुधार भी करती रही है और उसकी नवीनता कार खरीदारों को भाती रही है. लेकिन मारुति से अब भी वह काफी पीछे ही है. कुछ महीनों पहले वह ‘गेट्ज़’ नाम से सैंट्रो से थोड़ा महंगा और ज्यादा ताकतवर कार बाज़ार में लाई. गेट्ज़ को टाटा की ‘इंडिका’ और ‘फिएट’ की पैलियो के मुकाबले रखा जा रहा रहा था. टाटा की इंडिका भी कारों के इस बाज़ार में अच्छी पैठ रखती है. लेकिन ‘गेट्ज़’ अभी तक कार के शौकीनों को भाती नहीं दिख रही. स्टाइल और दाम कारों की खरीद बिक्री के व्यापार में 20 साल से लगे मुंबई के अमित सिधवानी कहते हैं कि "छोटी और मंझोली कारों के बीच के बर्ग में अच्छी लेकिन स्टाइलिश कारों की जरूरत काफी समय से महसूस की जा रही थी.
गेट्ज़ ने इस सेगमेंट में पहल की और मारुति ने इस सेगमेंट पर पूरे कब्ज़े के इरादे के साथ बाज़ार का थोड़ा और अध्ययन करके 'स्विफ्ट' उतार दी." इससे निपटने के लिए ही ह्युंडई ने सैंट्रो ज़िंग के तीन नए मॉडल और उसके दामों में 16 हजार से करीब 20 हजार रुपए तक की कमी का ऐलान कर दिया. सैंट्रो के दोनो नए मॉडल के दाम साढ़े तीन लाख रुपए से नीचे आ गए हैं. ये दाम मारुति के ज़ेन और वैगन-आर मॉडलों से सीधे टक्कर लेंगे. इतना ही नहीं, उसने सैंट्रो का एक बिना एसी वाला भी मॉडल उतार दिया है जो 2.79 लाख रुपए कीमत का होगा. कार व्पापारियों का मानना है कि अब अगला कदम मारुति का ही होगा. वे उम्मीद कर रहे हैं कि ज़ेन और वैगन आर के दामों से कंपनी थोड़ा खेल सकती है, चाहे ये थोड़े समय के लिए ही क्यों न हो. इसके साथ ही बाजार का एक तबका टाटा से भी कुछ उम्मीदें लगाने लगा है. |
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