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सोमवार, 13 अक्तूबर, 2003 को 13:52 GMT तक के समाचार
 
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डब्लूएलएल मोबाइल पर फ़ैसला लागू होगा
 
डब्लूएलएल कंपनियाँ सस्ती सेवा देती हैं
डब्लूएलएल सेवा देने वाली कंपनियाँ पर आरोप लगे थे

केंद्र सरकार ने कहा है कि वह दूरसंचार पंचाट के उस फ़ैसले को लागू करेगी कि सीमित क्षेत्र में मोबाइल सेवा यानी डब्लूएलएल को सिर्फ़ स्थानीय कॉल एरिया तक ही सीमित रखा जाए.

जानकारों का कहना है कि सरकार के इस फ़ैसले से रियालंस इन्फ़ोकॉम, टाटा और दो सरकारी कंपनियों पर असर पड़ सकता है.

हालाँकि टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने इसका खंडन किया है कि सरकार के इस फ़ैसले से उनकी कंपनी पर कोई असर पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी सरकार के फ़ैसले से बँधी हुई है.

सरकार ने डब्लूएलएल सेवा देने वाली कंपनियों को सस्ती मोबाइल सेवा देने की छूट दे रखी है.

शर्त

लेकिन इस सेवा के साथ सेवा शर्ते हैं और उनसे कहा गया है कि उनकी सेवा एक शहर तक ही सीमित रहेगी.

इन्हें एसडीसीए यानी शॉर्ट डिस्टेंस कॉलिंग एरिया पर काम करने की अनुमति है. इसके तहत उन्हें आम तौर पर 25 किलोमीटर तक सेवा देने की छूट है.

सस्ती सेवा के कारण लोग आकर्षित हुए हैं

जबकि दूसरी मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियाँ जीएसएम यानी ग्लोबल सिस्टम फ़ॉर मोबाइल पर काम करती हैं.

यानी इन कंपनियों की सेवा एक इलाक़े तक सीमित नहीं.

डब्लूएलएल कंपनियाँ अपनी सस्ती सेवा का फ़ायदा उठाकर ग्राहकों को आकर्षित तो कर ही रही थीं, साथ में दूसरे शहरों में भी अपनी सेवा का विस्तार कर रही थी.

इसके लिए वे ग्राहकों को दूसरे शहर के लिए अलग नंबर दे देते थे और पुराने नंबर पर दूसरे जगह की कॉल भी रिसीव करने की सुविधा दे दी जाती थी.

इस कारण मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियाँ नाराज़ थी और उनका कहना था कि डब्लूएलएल कंपनियाँ उनके सेवा क्षेत्र में दखल दे रही हैं.

पिछले दिनों दूरसंचार पंचाट ने यह स्पष्ट कर दिया था कि डब्लूएलएल सेवा एक सीमित क्षेत्र में ही लागू होनी चाहिए.

अब सरकार ने इसे लागू करने का फ़ैसला कर लिया है.

भारत में मोबाइल सेवा का बाज़ार दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है और अभी वहाँ क़रीब एक करोड़ 83 लाख उपभोक्ता हैं, जिनके वर्ष 2008 तक 10 करोड़ तक बढ़ जाने की संभावना है.

 
 
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