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इंडिगो संकट से हुई लोगों की परेशानियों का सही मुआवज़ा क्या है? - द लेंस
बीते दिनों टेलीविज़न से लेकर अख़बार और सोशल मीडिया पर उड़ानों पर लगे ब्रेक की कहानी छाई रही. देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की फ्लाइट्स की उड़ानें अचानक रुक गईं.
इसकी हज़ारों फ़्लाइट्स रद्द हुईं. एयरपोर्ट पर फँसे, लंबी क़तारों में लगे और इंडिगो के स्टाफ़ से बहस और सवाल-जवाब करते परेशान यात्रियों के वीडियो सोशल मीडिया पर देखने को मिले.
इन परेशानियों के बीच इंडिगो ने माफ़ी मांगी, लोगों ने ग़ुस्सा निकाला, शासन-प्रशासन की तत्परता सवालों के घेरे में आई. इसी से जुड़े कई सवाल भी हैं. इंडिगो के इस संकट से सिस्टम की किस तरह की ख़ामियों का पता चला? इस संकट का आभास पहले से कैसे नहीं हुआ? एविएशन पर निगरानी रखने वाले डीजीसीए को किस तरह के सुधारों को प्राथमिकता देनी चाहिए? लोगों को हुई परेशानियों का सही मुआवज़ा क्या है और कैसे मिले?
द लेंस के आज के एपिसोड में इन सभी सवालों पर चर्चा की गई. इस चर्चा में कलेक्टिव न्यूज़रूम के डायरेक्टर ऑफ़ जर्नलिज़म मुकेश शर्मा के साथ शामिल हुए पूर्व डीजीसीए एमआर शिवरामन, द हिंदू की पत्रकार जागृति चन्द्रा और फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन पायलट्स के अध्यक्ष कैप्टन सी एस रंधावा.
प्रोड्यूसरः शिल्पा ठाकुर / सईदुज़्जमान
गेस्ट कोऑर्डिनेटरः संगीता यादव
वीडियो एडिटिंगः जमशेद अली
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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