मणिपुर: मैतेई और कुकी विधायकों ने पीएम मोदी से की ये अपील

मणिपुर

इमेज स्रोत, Getty Images

मणिपुर में असम राफइल्स की तैनाती के मामले पर मैतेई-नगा और कुकी समुदाय के विधायक आमने-सामने हैं.

‘द हिंदू’ ने इस मामले पर अपनी विस्तृत रिपोर्ट में लिखा है कि पहले मैतेई और नगा समुदाय के 40 विधायकों ने प्रधानमंत्री से असम राइफल्स की सभी यूनिटों को बदल कर उनकी जगह दूसरे केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की.

इसके बाद कुकी-जोमी समुदाय से जुड़े दस विधायकों ने प्रधानमंत्री कार्यालय को चिट्ठी लिख कर कहा है कि असम राइफल्स की यूनिटों को यहां रहने दिया जाए.

कुकी समुदाय के लोगों का कहना है कि राज्य की पुलिस मैतेई समुदाय के लोगों की ओर से की जा रही हिंसा को दबाने में लापरवाही बरत रही है.

दोनों समुदायों के बीच असम राइफल्स की तैनाती को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है.

कुकी समुदाय से जुड़े विधायकों का कहना है कि असम राइफल्स की विश्वसनीयता के बारे में सबको पता है. राज्य के आदिवासी समुदाय के लोगों के बीच केंद्रीय सुरक्षा बलों के प्रति पूरा समर्थन है.

पीएमओ को भेजे ज्ञापन में उन्होंने लिखा है कि असम राइफल्स यहां वर्षों से काम कर रहा है और उसे जमीनी हालात के बारे में पूरा पता है.

उन्होंने लिखा है किअसम राइफल्स आदिवासी समुदाय के उपद्रवियों से निपटने में काफी सख्त रहा है लेकिन अपने गैर-पक्षपाती रवैये से उसने साबित किया है वह पूरी तरह मानवता को ध्यान में रख कर काम कर रहा है.

मणिपुर

इमेज स्रोत, Getty Images

छोड़कर पॉडकास्ट आगे बढ़ें
कहानी ज़िंदगी की

मशहूर हस्तियों की कहानी पूरी तसल्ली और इत्मीनान से इरफ़ान के साथ.

एपिसोड

समाप्त

ज्ञापन में आगे लिखा गया है, ''जो लोग आदिवासियों को निशाना बनाने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं वो असम राइफल्स पर आरोप मढ़ रहे हैं.''

कुकी विधायकों ने पीएमओ से गुजारिश की है असम राइफल्स की यूनिटों को राज्य से न हटाया जाए क्योंकि इसकी मांग करने वाले मैतेई विधायक पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं.

उन्होंने ये भी मांग की है कि राज्य सुरक्षा बलों पर नियंत्रण किया जाए और उनकी शक्तियों को कम किया जाए. उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय से कहा है कि वो केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों को बफर जोन का उल्लंघन न करने का निर्देश दें.

मणिपुर में 3 मई को हिंसा की शुरुआत से ही पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी-जोमी और घाटी में रहने वाले मैतेई समुदाय के लोगों के बीच पुलिस, राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के लेकर गहरे मतभेद देखने को मिल रहे हैं.

घाटी में रहने वाले कुकी समुदाय के लोगों को पहाड़ी इलाकों और पहाड़ी इलाकों में रहे वाले मैतेई समुदाय के लोगों को घाटी में जाने को मजबूर होना पड़ा है.

राज्य पुलिस में अपने अविश्वास की वजह से कुकी जोमी समुदाय के लोग पिछले दो सप्ताह से राज्य पुलिस को मोरेह नहीं पहुंचने दे रहे हैं, जहां हिंसा हो रही है.

मीरा पैबी कही जाने वाली मैतेई महिलाएं केंद्रीय बलों खास कर असम राइफल्स का विरोध कर रही हैं. उनका कहना है कि केंद्रीय बलों की यूनिटें कुकी समुदाय लोगों का पक्ष ले रही हैं.

मणिपुर

इमेज स्रोत, Getty Images

अयोध्या परियोजना में गड़बड़ी- सीएजी ने लोकसभा में पेश की रिपोर्ट

सीएजी (नियंत्रक और महालेखा परीक्षक) ने कहा है कि अयोध्या में विकास परियोजनाओं को लागू करने में अनियमितता पाई गई है.

सीएजी का कहना है इन अनियमितताओं में ठेकेदारों को गलत ढंग से फायदा दिया गया. केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन स्कीम के तहत अयोध्या में विकास परियोजनाओं पर काम हो रहा है.

‘इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़ कैग ने जनवरी स्वदेश दर्शन स्कीम की जनवरी 2015 से लेकर मार्च 2022 की अवधि को परफॉरमेंस ऑडिट किया था.

2015 में ही इस स्कीम की शुरुआत की थी. परफॉरमेंस ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि इस स्कीम के तहत छह राज्यों में छह परियोजनाओं और सर्किटों में ठेकेदारों को 19.73 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ पहुंचाया गया. ये रिपोर्ट लोकसभा में बुधवार को रखी गई थी.

रिपोर्ट में इस बात का पूरा ब्योरा दिया गया है कि अयोध्या प्रोजेक्ट में ठेकेदारों को कैसे लाभ पहुंचाया गया.

रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम ने जिन ठेकेदारों से इन परियोजनाओं में काम करवाया उन्हें ठेके की कुल रकम 62.17 करोड़ रुपये के पांच फीसदी के हिसाब से परफॉरमेंस गारंटी जमा करना था, जो 3.11 करोड़ रुपये बैठते हैं.

लेकिन सिर्फ 1.86 करोड़ रुपये ही जमा किए गए. इसकी कोई वजह भी नहीं बताई गई.

अयोध्या विकास परियोजना रामायण सर्किट परियोजना का एक हिस्सा है. यह परियोजना स्वदेश दर्शन स्कीम के तहत चलाई जा रही है.

सितंबर 2017 में इसके लिए सरकार ने 127.21 करोड़ जारी किए थे. इसके तहत अब तक 115.46 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं. रामायण सर्किट के तहत उत्तर प्रदेश में अयोध्या के अलावा चित्रकूट और श्रृंगवेरपुर में दो परियोजनाओं पर काम हुआ है.

अयोध्या

इमेज स्रोत, Getty Images

इमेज कैप्शन, अयोध्या में राम मंदिर का मॉडल

आरबीआई ने लोन सस्ता क्यों नहीं किया, क्या है चुनौती?

आरबीआई

इमेज स्रोत, EPA

इमेज कैप्शन, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास

आरबीआई ने इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार है.

दरअसल महंगाई बढ़ने के आसार की वजह से एमपीसी की बैठक के बाद आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला किया है. रेपो रेट वो दर है जिस पर बैंक आरबीआई से कर्ज लेते हैं.

इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान महंगाई का आकलन 5.1 फीसदी से बढ़ा कर 5.4 कर दिया है.

‘इकोनॉमिक टाइम्स’ ने आरबीआई की पॉलिसी रेट से जुड़े फैसले की रिपोर्ट में लिखा है कि अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई दर 5.2 फीसदी रहने के आसार जताए गए हैं. लिहाजा कर्ज सस्ता होने का इंतजार लंबा हो गया है.

दरअसल महंगाई दर काबू न हो पाने की वजह से आरबीआई रेपो रेट में कटौती नहीं कर पा रहा है. सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी की वजह से खुदरा महंगाई दर कम नहीं हो पा रही है.

हालांकि कुछ महीनों के बाद सब्जियों के दाम में गिरावट देखने को मिल सकती है और इससे खुदरा महंगाई दर में भी कमी दिखेगी. इसके बाद आरबीआई को रेपो रेट में कटौती का मौका मिल सकता है.

वर्ल्ड कप में चौथे नंबर कर कौन करेगा बैटिंग, रोहित शर्मा ने क्या बताया?

रोहित शर्मा

इमेज स्रोत, Getty Images

इमेज कैप्शन, रोहित शर्मा

अमर उजाला ने वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले भारत के चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के चुनाव पर खबर छापी है.

अख़बार लिखता है कि भारत में होने वाले वनडे विश्व कप में अब दो महीने से भी कम समय बचा है. पांच अक्तूबर को इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच होने वाले मैच से टूर्नामेंट का आगाज हो जाएगा, लेकिन मेजबान भारत अभी भी टीम संयोजन को लेकर उलझा हुआ है.

2019 विश्व कप की तरह प्लेइंग-11 में एक स्थान जो भारत को परेशान कर रहा है वह नंबर चार है. इसे लेकर कप्तान रोहित शर्मा भी चिंतित हैं. वो इस बात को लेकर परेशान हैं कि विश्व कप में चौथे स्थान पर कौन सा बल्लेबाज फिट बैठेगा.

भारतीय कप्तान रोहित भारत में स्पेन के फुटबॉल लीग 'ला लिगा' के ब्रांड एंबेसडर हैं.

उन्होंने गुरुवार को 'ला लिगा' के एक कार्यक्रम में कहा कि युवराज सिंह के संन्यास लेने के बाद से कोई भी बल्लेबाज भारतीय वनडे टीम में चौथे स्थान पर जगह बनाने में सफल नहीं हुआ है.

लंबे समय से चोटिल चल रहे युवा बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने 20 मैचों में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी की थी. इस दौरान 47.35 की औसत से उन्होंने 805 रन बनाए. अय्यर ने दो शतक और पांच अर्द्धशतक लगाए.

रोहित ने कहा, ''देखिए नंबर चार हमारे लिए लंबे समय से एक मुद्दा रहा है. युवराज सिंह के बाद किसी ने आकर खुद को उस क्रम पर स्थापित नहीं किया है. हालांकि, लंबे समय से श्रेयस अय्यर ने इस नंबर पर बल्लेबाजी की है और उसने अच्छा प्रदर्शन किया है.''

ये भी पढ़ें : -

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)