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पाकिस्तानी एशिया कप में हाइब्रिड मॉडल को हार और जीत दोनों क्यों बता रहे हैं?
15 सालों के बाद पाकिस्तान एक बार फिर एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन करने वाला है.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की प्रबंधन कमिटी के प्रमुख नजम सेठी ने हाइब्रिड मॉडल में होने वाले इस टूर्नामेंट की तारीख़ों की घोषणा की है.
नजम सेठी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर इसके बारे में जानकारी दी. उन्होंने लिखा, "पाकिस्तान क्या आप तैयार हैं? एशिया कप आ रहा है."
उन्होंने कहा कि एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) ने हाइब्रिड मॉडल के तहत पाकिस्तान में एशिया कप के आयोजन को स्वीकृति दे दी है.
इससे पहले 2008 में पाकिस्तान में इस तरह का टूर्नामेंट आयोजित किया गया था, जिसमें कई देशों की टीमें शामिल हुई थीं. उस वक़्त 50 ओवर वाले मैचों के एशिया कप टूर्नामेंट में कुल छह देशों की टीमों ने हिस्सा लिया था.
नजम सेठी ने क्या कहा?
नजम सेठी ने एक बयान जारी कर कहा, "मुझे ख़ुशी है कि एसीसी ने हमारे हाइब्रिड मॉडल के प्रस्ताव को मंज़ूर कर लिया है. इसके बाद टूर्नामेंट का आयोजन पीसीबी ही करेगा, लेकिन मैच पाकिस्तान और श्रीलंका में खेले जाएंगे."
सोशल मीडिया में जारी किए वीडियो में नजम सेठी ने कहा, "जैसा हमने वादा किया था एशिया कप पाकिस्तान आ रहा है. ये हाइब्रिड मॉडल एक नई पेशकश हैं. इसके साथ आने वाले वक़्त में और भी दरवाज़े खुल सकते हैं. ये पुराने सभी मसलों का हल है."
"आख़िरी बार 2008 में पाकिस्तान में कई टीमें खेलने आई थीं. उसके बाद 2016 में पीसीबी पाकिस्तान में पाकिस्तान सुपर लीग लेकर आया और इसका हर संस्करण एक के बाद एक बेहतर होते गए और बड़े-बड़े खिलाड़ी इसमें शामिल हुए. इसके बाद कई मुल्कों मे पाकिस्तान का दौरा किया. कई देशों को साथ मिलकर कोई टूर्नामेंट का आयोजन कराना था, अब मैंने आपको इसकी ख़बर दे दी है."
क्या भारत लेगा हिस्सा?
एसीसी ने 2023 में एशिया कप के आयोजन के अधिकार बीते साल पाकिस्तान को दिया था. इसके बाद बीसीसीआई ने कहा कि भारत की टीम पड़ोसी मुल्क में जाकर मैच नहीं खेलेगी.
एसीसी के अध्यक्ष जय शाह ने कहा था कि पाकिस्तान को लेकर भारत की अपनी नीति है और बीसीसीआई उसका पालन करेगी.
उन्होंने कहा था, "भारत 2023 का एशिया कप न्यूट्रल वेन्यू में खेलेगा. भारत की टीम पाकिस्तान नहीं जा सकती, वहीं पाकिस्तान की टीम भारत नहीं आ सकती. पहले भी एशिया कप के मैच न्यूट्रल वेन्यू में हुए हैं."
इसके बाद एशिया कप के आयोजन को लेकर सवाल खड़े हो गए. मामला इतना बिगड़ा कि पाकिस्तान ने भारत में होने वाले वर्ल्ड कप टूर्नामेंट से पीछे हटने की चेतावनी तक दे दी.
अब गुरुवार को नजम सेठी ने कहा कि भारत की टीम पाकिस्तान में आकर खेल नहीं सकेगी इसलिए हाइब्रिड इस तरह की व्यवस्था की गई है.
भारतीय टीम टूर्नामेंट में हिस्सा तो लेगी लेकिन नजम सेठी ने बताया कि भारतीय टीम पाकिस्तान में कोई मैच नहीं खेलेगी.
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के फैन्स चाहते हैं कि 15 सालों के बाद पहली बार वो भारतीय टीम को पाकिस्तान में खेलते देख सकें. लेकिन हम भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की स्थिति समझते हैं. पीसीबी की तरह बीसीसीआई को भी सीमा पार करने से पहले सरकार की इजाज़त की ज़रूरत होती है. ऐसे में हाइब्रिड मॉडल का रास्ता ही बढ़िया समाधान था और मैंने इसके लिए ज़ोर लगाया."
उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि हम इस टूर्नामेंट के लिए बेहतर व्यवस्था कर पाएंगे. इसमें हिस्सा लेने वाली टीमों की हम बेहतर खातिरदारी कर पाएंगे, साथ ही 2025 फरवरी-मार्च में पाकिस्तान में होने वाले आईसीसी चेंपियन्स ट्रॉफ़ी के लिए भी तैयारी कर पाएंगे."
"एसीसी के साथ अभी चर्चा जारी है और इसके आयोजन को लेकर हम श्रीलंका क्रिकेट के साथ भी लगातार बात कर रहे हैं. इस टूर्नामेंट के सफल आयोजन में हम कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे."
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हाइब्रिड मॉडल क्या है?
- जब एक टूर्नामेंट के मैचों का आयोजन अलग-अलग देशों में किया जाता है, उसे हाइब्रिड मॉडल कहते हैं.
- 2023 एशिया कप के चार मैच पाकिस्तान में और 9 मैच श्रीलंका में खेले जाएंगे.
कब होंगे मैच?
- टूर्नामेंट 31 अगस्त से लेकर 17 सितंबर तक खेला जाएगा.
कौन-कौन सी टीमें लेंगी हिस्सा?
- एसीसी के अनुसार टूर्नामेंट में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान और नेपाल की टीमें हिस्सा लेंगी.
- नेपाल की टीम पहली बार एशिया में होने वाले किसी टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही है.
- इस दौरान 13 एकदिवसीय मैच खेले जाएंगे.
- 6 टीमों के बीच दो ग्रूप में मैच खेले जाएंगे. हर ग्रूप से दो टीमें सुपर फ़ोर में जगह बनाएंगी. फ़ाइनल मुक़ाबला सुपर फ़ोर स्टेज की दो टीमों के बीच होगा.
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पाकिस्तान की सोशल मीडिया पर क्या हो रही चर्चा?
पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर पीसीबी के प्रस्तावित हाइब्रिड मॉडल को लेकर बीते कई दिनों से चर्चा चल रही है.
कुछ लोगों का कहना था कि पाकिस्तान ने हाइब्रिड मॉडल का प्रास्तव देकर ग़लती की, उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था.
थर्ड अम्पायर नाम के एक यूट्यूब ब्लॉगर ने कहा था, "सारे मैच पाकिस्तान में ही होने चाहिए थे, और जो टीम इसमें शामिल न हो उसके प्वाइंट्स किसी और टीम को दे दिए जाते. ऐसा पहले भी विश्व कप में हो चुका है."
"लेकिन पाकिस्तान खुद ही हल पर हल देता जा रहा था और लग रहा था कि किसी को इससे कोई सरोकार नहीं था. ऐसा लगता है कि एशिया क्रिकेट काउंसिल बीसीसीआई के इर्दगर्द घूम रही है और बीसीसीआई जय शाह के इर्दगिर्द घूम रही है. आने वाले विश्व कप पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है."
सईद ओमर ने सोशल मीडिया पर लिखा, "हमें लॉलिपॉप दिया जा रहा है, हम देश में केवल एक ही मैच खेल पाएंगे. हाइब्रिड मॉडल के हिसाब से भारत एशिया कप में खेलने को राज़ी हो गया है लेकिन पाकिस्तान पूरे विश्व कप के लिए वहां जाएगी."
डॉन न्यूज़ से स्पोर्ट्स एडिटर अब्दुल गफ्फार ने लिखा, "ये अच्छी बात है. मैंने 20 मई को ख़बर दी थी कि एसीसी हाइब्रिड मॉडल के पीसीबी के प्रस्ताव को स्वीकर कर लेगा. टूर्नामेंट के पहले चार मैच पाकिस्तान में होंगे."
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, "नजम सेठी के हाइब्रिड मॉडल के प्रस्ताव ने मामले के रुख़ पीसीबी की तरफ मोड़ दिया. बीसीसीआई ने 2021 अक्तूबर को घोषणा कर दी थी कि एशिया कप का आयोजन पाकिस्तान से बाहर किया जाएगा. उम्मीद है कि पाकिस्तान अब विश्व कप 2023 में हिस्सा लेगा और ये सुनिश्चित कर सकेगा कि 2025 के चैंपियन्स ट्रॉफ़ी में भारत हिस्सा ज़रूर ले."
आरफा फिरोज़ ज़ाकी लिखते हैं, "क्या पीसीबी और बीससीआई के बीच कोई डील हुई है? एशिया कप के लिए हाइब्रिड मॉडल को स्वीकृति का असर 2023 के विश्व कप और 2025 की चैंपियन्स ट्रॉफ़ी पर पड़ेगा. विश्व कप के लिए पाकिस्तान की टीम भारत जाएगी और चैंपियन्स ट्रॉफ़ी का आयोजन पाकिस्तान में होना है."
वो लिखते हैं, "ये नजम सेठी की जीत है. भारतीय मीडिया का प्रोपोगैंडा था कि बीसीसीआई पूरे टूर्नामेंट का आयोजन किसी न्यूट्रल वैन्यू में कराना चाहती है, लेकिन नजम सेठी ने अपना पक्ष मज़बूती से पेश किया."
इसमाइल कुरैशी ने नजम सेठी की तारीफ की. उन्होंने लिखा, "ये भविष्य की दिशा में अच्छा क़दम है. उम्मीद है कि भारत टूर्नामेंट के दौरान थोड़ी समझदारी दिखाएगा और इसके जवाब में 2025 में चैंपियन्स ट्रॉफ़ी के लिए पाकिस्तान आएगा. कम से कम क्रिकेट की खातिर ही सही."
ट्रोल पाकिस्तानी नाम के एक ट्विटर यूज़र ने इस पर तंज कसते हुए एक कार्टून पोस्ट किया. उनका कहना है कि सभी बड़े मैच श्रीलंका में खेले जाएंगे जबकि चार बेकार के मैच पाकिस्तान में होंगे.
शहरयार एजाज़ लिखते है, "आप चार मैचों को लेकर ख़ुश हो रहे हैं. आपने हमसे वादा किया था कि एशिया कप का आयोजन पाकिस्तान में होगा. अगर भारत अपने मैच पाकिस्तान में नहीं खेलेगा तो पाकिस्तान को विश्व कप में अपने मैच भारत में नहीं खेलने चाहिए. लेकिन ये मामला नहीं है. इसके अलावा दूसरी टीमों के मैच भी अब पाकिस्तान में नहीं होंगे, और केवल चार मैचों के लिए आप खुद को हीरो साबित करने की कोशिश कर रहे हैं. भीख मागने वाले को चुनने का अधिकार नहीं होता."
फिरोज़ मंसूरी ने लिखा, "दिन के आख़िर में भारत की टीम पाकिस्तान नहीं आ रही है, लेकिन विश्व कप के लिए पाकिस्तान की टीम भारत जाएगी. ये किस तरह की जीत हुई."
ख़ुर्रम ख़ान ने पोस्ट किया, "चार मैच यानी टूर्नामेंट का 25 फ़ीसदी पाकिस्तान में होगा. ये किसी सूरत में आपकी जीत नहीं है. आप बाकी के चार मैच भी कहीं और होने दे सकते थे. पता नहीं फैन्स के लिए ये कितनी बड़ी ख़बर है."
भारतीय खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार ने एक लेख में कहा है कि शायद यही एक रास्ता बचा रह गया था. इसके बिना पाकिस्तान इसमें खेल नहीं पाता और एसीसी का पूरा मकसद ही कमज़ोर हो जाता क्योंकि इसका मकसद ही सभी एशियाई मुल्कों का एक साथ आना था.
वो लिखते हैं, "अगर भारत और पाकिस्तान आमने-सामने न खेले तो ब्रॉडकास्टर जितने पर सहमति बनी है उसके तीसरा हिस्सा भी देने को तैयार नहीं होगा. आकलन बताते हैं कि एशिया कप के मैचों में 79 फ़ीसदी रिवेन्यू भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए मैचों से मिलता है."
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बीसीसीआई की ताक़त पाकिस्तान के लोग बख़ूबी जानते हैं.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रमीज़ राजा ने कहा था, ''पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड 50 पर्सेंट इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल की फ़ंडिंग पर चलता है और आईसीसी की फ़ंडिंग ये होती है कि वो टूर्नामेंट कराती है और उसके जो पैसे हैं, वो अपने मेंबर बोर्ड में बांट देती है.''
''जो आईसीसी की फ़ंडिंग है, उसका 90 पर्सेंट इंडियन मार्केट से आता है. सो एक तरह से इंडिया के बिज़नेस हाउसेज़ पाकिस्तान क्रिकेट को चला रहे हैं. और कल कोई भारतीय प्रधानमंत्री ये सोच लें कि हम पाकिस्तान को फ़ंडिंग नहीं देंगे तो हमारा क्रिकेट बोर्ड कोलैप्स भी हो सकता है."
वो कहते हैं "एसीसी भारत और पाकिस्तान को हमेशा एक ही ग्रूप में रखता है, क्योंकि ऐसा कर के वो दोनों के बीच कम से दो मैच सुनिश्चित कर सकता है और हो सकता है कि दोनों फ़ाइनल मैच तक भी पहुंचे. मैच चाहे कोई भी जीते आयोजकों के लिए फायदे का सौदा होगा."
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