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ग़ज़ा को दो हिस्सों में बांटती इसराइल की नई सड़क, सैटेलाइट तस्वीरों से सामने आया सच
- Author, आब्दिरहीम सईद, टॉम स्पेंसर, पॉल ब्राउन और रिचर्ड इरविन-ब्राउन
- पदनाम, बीबीसी अरबी और बीबीसी वेरिफ़ाई
इसराइल डिफ़ेंस फ़ोर्सेस (आईडीएफ़) ने उत्तरी ग़ज़ा पट्टी में पूरब से लेकर पश्चिम तक नई सड़क के निर्माण का काम पूरा कर लिया है.
सैटेलाइट तस्वीरों से ये पता चला है, जिन्हें बीबीसी ने सत्यापित किया है.
इसराइल का कहना है कि वो एक सप्लाई रूट का निर्माण कर रहा है, लेकिन कुछ एक्सपर्ट ने चिंता ज़ाहिर की है कि यह स्थाई ढांचा हो सकता है.
उन्हें डर है कि यह एक सीमा के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा और फ़लस्तीनियों को उत्तर में अपने घरों की ओर लौटने में बाधा पैदा करेगा.
नई सड़क नहाल ओज़ किबुत्ज़ के पास इसराइल से लगती सीमा की बाड़बंदी से शुरू होती है. यह पूरे ग़ज़ा को पार करती है और पश्चिम में समुद्र तट पर समाप्त होती है.
रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल जैकब नागेल, इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू के पूर्व सुरक्षा सलाहकार रह चुके हैं.
उन्होंने बीबीसी अरबी को बताया कि नए रास्ते का मकसद था कि ताज़ा ख़तरों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को तेज़ी से पहुंचाया जाए.
लेकिन कुछ विश्लेषकों ने चिंता ज़ाहिर की है कि यह सड़क, मौजूदा संघर्ष ख़त्म होने के बाद भी इसराइल के ग़ज़ा में रहने की योजना का ही हिस्सा है.
नई सड़क उत्तरी ग़ज़ा में फैली है, इसके नीचे मध्य और दक्षिणी इलाके हैं.
हालांकि पूरब से पश्चिम को जोड़ने वाली सड़कों का नेटवर्क पहले से है लेकिन इसराइली सेना का यह रूट सीधे ग़ज़ा को आर पार करता है.
ग़ज़ा पट्टी में एक छोर से दूसरे छोर तक जाने वाली दो बड़ी सड़कों, सलाह अल-दीन और अल-राशिद सड़कों को यह रूट काटता है.
फ़रवरी में प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने युद्ध के बाद ग़ज़ा की अपनी योजना को पेश किया था, जिसमें इसराइल अनिश्चित समय तक सुरक्षा को अपने हाथ में लेगा.
अंतरराष्ट्रीय नेता पहले ही फ़लस्तीनियों को अस्थाई तौर पर विस्थापित करने या ग़ज़ा के आकार को छोटा करने के प्रति इसराइल को आगाह कर चुके हैं.
इस नई सड़क से युद्ध के बाद की इसराइली रणनीति पर फिर से बहस छिड़ सकती है.
नई सड़क पर एक सवाल के जवाब में इसराइली सेना ने बीबीसी के कहा कि वो ज़मीनी कार्रवाई में "पैर जमाने" और सैनिकों व उपकरणों की आवाजाही को आसान बनाने की कोशिश कर रहे थे.
इस सड़के के बारे में और क्या पता है?
बीबीसी ने सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण किया है, जिससे पता चला है कि पहले से ही बनी सड़कों को जोड़ने के लिए इसराइली सेना ने पांच किलोमीटर की नई सड़क बनाई है.
इसराइली सीमा के पास पूर्वी ग़ज़ा में सड़क का शुरुआती हिस्सा बीते अक्टूबर और नवंबर के पहले सप्ताह के दौरान बनाया गया था.
लेकिन अधिकांश नए हिस्सों का निर्माण फ़रवरी और शुरुआती मार्च के बीच हुआ है.
'सालाह अल-दीन' को छोड़ दें तो ग़ज़ा की सामान्य सड़कों के मुकाबले नई सड़क अधिक चौड़ी है.
तस्वीरों के विश्लेषण से ये भी पता चलता है कि इस रास्ते के आस-पास की इमारतें, जो गोदाम हो सकते हैं, उन्हें दिसंबर और जनवरी के बीच ढहा दिया गया था.
इसमें एक इमारत वो भी है जो कई माले की थी.
यह सड़क उस इलाके से होकर गुजरती है जहां ग़ज़ा के अन्य हिस्सों के मुकाबले कम इमारतें थीं और वहां कम घनी आबादी थी.
यह एक अस्थाई और घुमावदार रास्ते के नीचे भी है जिसका इस्तेमाल इसराइली सेना पूरब से पश्चिम की ओर जाने के लिए करती रही थी.
फ़रवरी में इस सड़क के बारे में एक इसराइली टीवी चैनल ने रिपोर्ट करते हुए कहा था कि इसका कोड नेम है "हाईवे 749". चैनल 14 के एक रिपोर्ट ने इस रास्ते के कुछ हिस्सों पर इसराइली सेना के साथ यात्रा की थी.
वीडियो में दिखता है कि इस रास्ते के नए हिस्सों के निर्माण के लिए निर्माण वाहन और जेसीबी काम पर लगे हुए थे.
संभावित इस्तेमाल?
एक डिफ़ेंस इंटेलिजेंस कंपनी जेन्स के एक विश्लेषक ने कहा कि चैनल 14 की फ़ुटेज में जिस प्रकार की कच्ची सड़क दिखती है, वो बख़्तरबंद गाड़ियों के लिए उपयुक्त है.
आईडीएफ़ ने अपने बयान में इस तरह कोई जानकारी नहीं दी है.
बयान के अनुसार, “ज़मीनी अभियान के तौर पर आईडीएफ़ रास्ते के चालू हिस्से का इस्तेमाल करता है.”
इसराइली राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व प्रमुख जनरल जैकब नागेल ने कहा कि सड़क के बारे में सुरक्षा का ख्याल रखा जाता है.
उन्होंने बीबीसी अरबी को बताया, “यह इसराइल को अंदर जाने और बाहर निकलने में मदद करेगा... क्योंकि इसराइल ग़ज़ा की पूरी रक्षा, सुरक्षा और ज़िम्मेदारी लेने जा रहा है.”
आई़डीएफ़ में काम कर चुके मेजर जनरल याकोव अमिड्रोर का भी यही मानना है.
उन्होंने कहा कि नई सड़क का मुख्य मकसद "क्षेत्र में रसद और सैन्य नियंत्रण को आसान बनाना था."
एक पूर्व ब्रिटिश आर्मी अफ़सर जस्टिन क्रंप एक रिस्क इंटेलिजेंस कंपनी सिबिलाइन चलाते हैं.
उनका कहना है कि नया मार्ग बहुत अहम था.
क्रंप ने कहा, “निश्चित तौर पर यह दिखता है कि यह ग़ज़ा पट्टी में कम से कम किसी प्रकार का सुरक्षा हस्तक्षेप और नियंत्रण रखने की एक लंबे समय की रणनीति है.”
अमेरिका के मिडिल ईस्ट इंस्टीट्यूट में सीनियर फ़ेलो खालेद एलगिंडी का भी मानना है कि यह सड़क एक लंबी अवधि की परियोजना है.
उन्होंने बीबीसी से कहा, "ऐसा लगता है कि इसराइली सेना अनिश्चित काल के लिए ग़ज़ा में रहेगी."
इंस्टीट्यूट में फ़लस्तीनी-इसराइली मामलों के प्रोग्राम डायरेक्टर खालेद ने कहा, “ग़ज़ा को आधा बांटकर इसराइल केवल ग़ज़ा में आवागमन को ही नियंत्रित नहीं करेगा बल्कि ग़ज़ा के अंदर आवाजाही को भी नियंत्रित करेगा.”
उन्होंने कहा, “इसमें संभवतः 15 लाख विस्थापित फ़लस्तीनियों को उत्तर में अपने घरों को लौटने से रोकना भी शामिल है.”
अतिरिक्त रिपोर्टिंग पॉल क्यूसैक, एलेक्स मुरे और एरवान रिवॉल्ट
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