प्रयागराज कुंभ: योगी आदित्यनाथ ने खड़गे और अखिलेश को 'सनातन विरोधी' कहा

योगी आदित्यनाथ

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को 'सनातन विरोधी' कहा है.

मल्लिकार्जुन खड़गे और अखिलेश यादव ने प्रयागराज कुंभ में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ का ज़िक्र करते हुए सरकार पर मरने वालों के असली आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया था और इशारा किया था कि सरकार ने जो संख्या सामने रखी है उससे कई गुना ज़्यादा लोगों की भगदड़ में मौत हुई है.

मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, "हम धर्म के इस सबसे बड़े आयोजन का साक्षी बनकर गर्व महसूस कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर सनातन धर्म के ख़िलाफ़ सुपारी लेकर के षडयंत्र करके एक के बाद झूठ के नए प्रतिमान गढ़े जा रहे हैं. देश की संसद में कांग्रेस पार्टी के मल्लिकार्जुन खड़गे और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान इस ओर सबका ध्यान आकर्षित करता है."

'महाकुंभ के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार'

कुंभ भगदड़

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इमेज कैप्शन, मौनी अमावस्या के दिन कुंभ में भगदड़ मचने से 30 लोगों की मौत हो गई थी.

योगी आदित्यनाथ ने कहा, "दोनों का बयान ना सिर्फ़ उनके सनातन विरोधी चरित्र को दिखाता है बल्कि उनकी गिद्धदृष्टि को भी उजागर करता है जो महाकुंभ के ख़िलाफ़ ये लोग पहले दिन से ही दुष्प्रचार कर रहे हैं. ये ना सिर्फ़ सनातन धर्म पर प्रहार है बल्कि निंदनीय भी है और शर्मनाक भी है. "

उन्होंने आगे कहा, "कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है. उन्होंने कहा कि मौनी अमावस्या के दिन हज़ारों लोग मर गए, हमें अफ़सोस होता है. अखिलेश जी कह रहे हैं कि कोई आंकड़े नहीं दिए गए जबकि प्रशासन ने जो आंकड़े रखे वो मैंने भी सामने रखे. ऐसा लग रहा है जैसे दोनों दलों में प्रतिस्पर्धा हो रही हो कि कौन ज़्यादा सनातन विरोधी बयान दे पाता है."

क्या बोले थे खड़गे?

खड़गे

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इमेज कैप्शन, खड़गे ने कुंभ में मरने वालों की संख्या हज़ारों में बता दी और राज्यसभा में हंगामा शुरू हो गया

इससे पहले संसद के बजट सत्र के तीसरे तीन प्रयागराज कुंभ में हुई भगदड़ के मुद्दे पर ज़ोरदार हंगामा हुआ है. दोनों ही सदनों में विपक्षी सांसदों ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की.

विपक्षी सांसदों ने प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ में मरने वालों का 'सही' आंकड़ा जारी करने की मांग की. विपक्ष ने इस मुद्दे पर जमकर नारेबाज़ी भी की और सांकेतिक तौर पर सदन का बहिष्कार भी किया.

कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा पर भाषण की शुरुआत करते हुए कहा, "अपनी बात आरंभ करने से पहले मैं महाकुंभ में दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने हज़ारों की संख्या में वहां पर अपनी जान दी है, कुंभ में."

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खड़गे के इस बयान के बाद सदन में सत्ता पक्ष के सांसदों ने शोर मचाना शुरू कर दिया.

इस पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "ये मेरा अंदाज़ है. ये ग़लत है तो आप बताइए. अगर ये सच नहीं है तो आप बताइए, क्या सच है."

राज्यसभा में क्या हुआ

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इमेज कैप्शन, राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने कुंभ में हुए हादसे पर चर्चा की मांग की
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खड़गे के बयान पर राज्यसभा के सभापति जगदीश धनखड़ ने उनसे अपना बयान वापस लेने की अपील की.

उन्होंने कहा, "विपक्ष के नेता ने हज़ारों की संख्या में आंकड़े दिया है. मैं उनसे अपील करता हूं कि इस सदन में जो भी कहा जाता है, उसका बहुत महत्व होता है. आपने कुछ ऐसा कहा है, उससे सभी स्तब्ध हैं. यहां से जो संदेश जाता है, भले ही उसका खंडन हो, वह पूरी दुनिया में जाता है.''

राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की और कुछ देर के लिए सदन की कार्यवाही का बहिष्कार भी किया. सदन से बाहर निकलकर कई विपक्षी सांसदों ने सरकार के पर सवाल खड़े किए.

विपक्षी सांसदों ने प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले में कथित वीआईपी व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं और आम लोगों पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया है.

समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने सदन से निकलकर पत्रकारों से बात की. उन्होंने कहा, "राज्यसभा में प्रश्नकाल चल रहा है, जलशक्ति के उपर सवाल उठाए गए. सबसे ज़्यादा दूषित पानी इस वक़्त कहां है- कुंभ में है. उसके लिए कोई सफाई नहीं दे रहे हैं. लाश जो पानी में डाल दिए गए हैं, उससे पानी दूषित हुआ है."

तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष ने सदन से बाहर पत्रकारों से बातचीत में कहा, "कुंभ मेले में क्या हुआ था, हम इसका सच चाहते हैं. सबूत सामने आ रहे हैं कि वहां दूसरी भगदड़ भी हुई थी. खोजी पत्रकार बता रहे हैं कि वहां 30 नहीं बल्कि बहुत ज़्यादा लोगों की मौत हुई. हम इस सरकार से जवाब चाहते हैं. सभी विपक्षी सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिया कि हम कुंभ मेले में हुए हादसे पर चर्चा चाहते हैं. सरकार क्यों नहीं बता रही है कि कितने लोग मारे गए हैं. यह अपराध है."

राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने भी इस मुद्दे पर सराकर पर हमला बोला है. संसद परिसर में पत्रकारों से बातचीन में मनोज झा ने कहा, "सिर्फ़ हमारी बात नहीं है पूरा देश परेशान है, अपने लोगों को ढूंढ रहा है.. कुंभ इनसे पहले भी था. कुंभ इनके बाद भी होगा."

"लोग जवाबदेही चाहते हैं. इतनी जानें जाएं और सदन को अनभिज्ञ रखा जाए, यानी देश को अनभिज्ञ रखने की कोशिश. मैं समझता हूं उसी दृष्टिकोण से हमने एक सांकेतिक वॉकआउट किया. मरने के बाद तो लोगों को सम्मान दिया जाए."

लोकसभा में चर्चा की मांग

गौरव गोगोई

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इमेज कैप्शन, गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि सरकार ने विपक्ष की मांग पर बुलडोजर चला दिया

सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने उत्तर प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की.

विपक्षी सांसद प्रश्नकाल के दौरान कुंभ हादसे पर चर्चा की मांग कर रहे थे, हालांकि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इसकी अनुमति नहीं दी और कहा कि प्रश्नकाल के दौरान किसी अन्य विष्य पर चर्चा नहीं हो सकती है.

ओम बिरला के कहने के बाद भी विपक्षी सांसदों ने लगातार नारे लगाने जारी रखे और कुंभ में मारे गए लोगों का आंकड़ा जारी करने की मांग करते रहे.

सदन में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को तल्खी में भी देखा गया और उन्होंने सदस्यों से कहा कि आपको जनता ने यहां सवाल पूछने के लिए भेजा है, मेज तोड़ने के लिए नहीं.

उन्होंने कहा, "अगर मेज ही तोड़ना है तो और ज़ोर से मारिए."

प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सदस्य लगातार कुंभ के मुद्दे पर शोर मचाते रहे और इसी दौरान लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने उठकर विपक्षी सदस्यों के रवैये पर सवाल खड़े किए.

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सदन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कहा, "महाकुंभ को लेकर एक विशेष चर्चा की मांग आज हमने रखी, लेकिन सरकार द्वारा हमारी मांगों पर बुलडोजर चलाया गया."

"लोगों की न्याय की मांग है उस पर सरकार ने बुलडोजर चलाया है. जैसे वो कुंभ में लाशों की संख्या को छुपाने की कोशिश कर रही है, सरकार लोकसभा में अपनी जवाबदेही छुपाने की कोशिश कर रही है."

बीजेपी का जवाब

योगी और घायल

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इमेज कैप्शन, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुंभ हादसे में हुए एक घायल से मिलते हुए (फाइल फोटो)

हालांकि इस मुद्दे पर बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा ने दावा किया है कि कुंभ में शानदार व्यवस्था की गई है.

उनका कहना है, "अगर कुंभ की व्यवस्था अद्भुत नहीं रही होती तो इतने सारे लोग यहां भारी संख्या में सफलता पूर्वक नहीं आ पाते. कुंभ को बदनाम करने के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के इतने बयान आए कि कुंभ फेल हो जाए."

"जो दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, उसका कारण क्या है यह जांच का विषय है. भगदड़ अपने आप हुई या किसी ने कराई यह जांच का विषय है. इन लोगों को दुःखद घटना में राजनीतिक लाभ लेने की जो यात्रा है उसे बंद करना चाहिए."

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को रात के क़रीब 2 बजे भगदड़ मच गई थी. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस भगदड़ में 30 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है, जबकि 60 लोगों के घायल होने की बात कही है.

जबकि विपक्षी दलों दलों का दावा है कि मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में दो जगहों पर भगदड़ हुई थी और इसमें मरने वालों का आंकड़ा कहीं ज़्यादा है.

ख़ासकर उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी इस मामले में राज्य सरकार पर आंकड़े छिपाने का आरोप लगा रही है.

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बार फिर से कुंभ में मौनी अमावस्या के दिन हुए हादसे को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.

अखिलेश यादव ने कहा है, "महांकुभ में जिन लोगों की जान गई और अभी भी सरकार गिनती छिपा रही है. शासन प्रशासन के लोग करोड़ों लोगों के स्नान की गिनती कर सकते हैं. वो लाशों की गिनती क्यों नहीं कर सकते हैं. तमाम लोग हैं जो अपनों को ढूंढ रहे हैं."

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