You’re viewing a text-only version of this website that uses less data. View the main version of the website including all images and videos.
इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली वे कंपनियां जिन पर हुई थी जांच एजेंसियों की कार्रवाई- प्रेस रिव्यू
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने चुनाव आयोग को बॉन्ड खरीदारों की जो लिस्ट सौंपी है, उससे कई अहम जानकारियां सामने आई हैं.
सबसे ज्यादा बॉन्ड खरीदने वालों में कई ऐसी कंपनियां शामिल हैं, जिनके ख़िलाफ़ ईडी और इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई हो चुकी है.
दिलचस्प ये है कि ये कार्रवाइयां बॉन्ड खरीदे जाने के समय के आसपास हुई हैं.
फ्यूचर गेमिंग, वेदांता लिमिटेड और मेघा इंजीनियरिंग जैसी कंपनियां सबसे ज्यादा बॉन्ड खरीदने वालों में शामिल हैं.
लेकिन इन कंपनियों की ओर से ये खरीदारी ईडी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कार्रवाइयों के आसपास हुई है.
‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने अपनी एक ख़ास रिपोर्ट में कहा है कि सिर्फ यही कंपनियां नहीं, करीब दस कंपनियों की बॉन्ड खरीदारी में भी यही पैटर्न दिखता है.
अख़बार लिखता है कि आरपीजीएस की हल्दिया एनर्जी, डीएलएफ, फार्मा कंपनी हेटेरो ड्रग्स, वेलस्पन ग्रुप, डिवीस लेबोरेट्रीज और बायोकॉन की किरण मजूमदार शॉ ने काफी बॉन्ड खरीदे हैं.
लेकिन ये सारी खरीदारी केंद्रीय एजेंसियों की जांच के साये में खरीदे गए हैं.
मसलन, इलेक्टोरल बॉन्ड की चौथी सबसे बड़ी खरीदार हल्दिया एनर्जी पर सीबीआई ने 2020 में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया था.
आरपीएसजी ग्रुप की कंपनियां हल्दिया एनर्जी ने 2019 से लेकर 2024 के बीच 377 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे.
मार्च 2020 में सीबीआई ने हल्दिया एनर्जी और अदानी, वेदांता, जिंदल स्टील, बीआईएलटी समेत 24 कंपनियों के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज किया.
इन कंपनियों पर महानदी कोलफील्ड लिमिटेड को 100 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है.
डीएलएफ, बायोकॉन समेत कई कंपनियों पर छापे
अख़बार लिखता है कि डीएलएफ शीर्ष बॉन्ड खरीदारों में शामिल है. उसने 130 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं.
सीबीआई ने डीएलएफ ग्रुप की कंपनी न्यू गुड़गांव होम्स ग्रुप डेवलपर्स के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया था.
ये केस 1 नवंबर को 2017 में सुप्रीम के निर्देश के बाद दर्ज किया गया था. 25 जनवरी 2019 को सीबीआई ने कंपनी के गुरुग्राम के दफ़्तर और कई ठिकानों पर छापेमारी की थी.
सीबीआई की ये कार्रवाई कंपनी को जमीन आवंटन में कथित अनियमितता की जांच के सिलसिले में हुई थी.
इन कार्रवाइयों के बाद डीएलएफ ने 9 अक्टूबर 2019 से इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने शुरू किए.
कंपनी ने कुल 130 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे.
एक बार फिर 25 नवंबर 2023 को ईडी ने कंपनी के गुरुग्राम में मौजूद दफ़्तरों पर छापेमारी की.
ईडी की ये कार्रवाई रियल एस्टेट फर्म सुपरटेक और इसके प्रमोटरों के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में की गई थी.
फार्मा कंपनी हेटेरो ड्रग्स भी सबसे ज्यादा बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों में शामिल है.
गिरफ़्तारी और कार्रवाइयां
इस कंपनी ने अपनी सहयोगी कंपनी हेटेरो लैब्स और हेटेरो बायोलैब्स के जरिये 60 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे.
ये कंपनी 2021 से इनकम-टैक्स डिपार्टमेंट की निगरानी में थी.
अक्टूबर 2021 में आयकर विभाग ने कंपनी के कई ठिकानों पर छापेमारी की और 140 करोड़ रुपये से ज्यादा का कैश बरामद किया.
विभाग ने दावा किया कि उसने कंपनी के 550 करोड़ रुपये की आय का भी पता लगाया जिसका कोई हिसाब-किताब नहीं था.
अख़बार लिखता है कि इसी तरह की कार्रवाई वेलस्पन, डिवीस डिविस लैबोरेट्रीज और किरण मजूमदार शॉ की कंपनी बायोकॉन के ख़िलाफ़ भी हुई थी.
डिवीस डिविस लैबोरेट्रीज देश की सबसे बड़ी एपीआई मैन्युफैक्चरर्स में शामिल है.
इस कंपनी 2023 में 55 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे. कंपनी के ठिकानों पर 14 से 18 फरवरी तक इनकम टैक्स के छापे पड़े थे.
बायोकॉन की शॉ ने 6 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं.
जून 2022 में बायोकॉन की बायोलॉजिक्स एसोसिएट के वाइस प्रेसिडेंट एल प्रवीण कुमार को सीबीआई ने रिश्वतखोरी के एक मामले में गिरफ़्तार कर लिया था.
इसी तरह वेलस्पन ग्रुप ने भी अपनी कई सहयोगी कंपनियों के साथ मिलकर 55 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे.
कंपनी ने 2019 से 2024 के बीच कई किस्तों में बॉन्ड खरीदे. पहली खरीदारी अप्रैल 2019 में हुई थी.
इससे पहले जुलाई 2017 में आयकर विभाग ने ग्रुप के कुछ ठिकानों पर छापेमारी की थी.
भारत की सड़कों पर टेस्ला की कारों के दौड़ने का रास्ता साफ
भारतीय खरीदारों को जल्द ही एलन मस्क की कंपनी टेस्ला की इलेक्ट्रिक कार खरीदने का मौका मिल सकता है.
भारत सरकार ने शुक्रवार को विदेश में बनी इलेक्ट्रिक कारों के लिए अपनी नीति का एलान किया. सरकार इस नीति के जरिये इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाली विदेशी कंपनियों का निवेश आकर्षित करना चाहती है.
इकनॉमिक टाइम्स की ख़बर में कहा गया है कि इस नीति के मुताबिक़ टेस्ला और विन्फास्ट जैसी इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाली कंपनियों को भारत में कम से कम 4000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश पर छूट मिलेगी.
नई नीति में कहा गया है कि ऐसी कंपनियों की गाड़ियों की इंपोर्ट ड्यूटी 15 फीसदी घटा दी जाएगी.
भारत के भारी उद्योग मंत्रालय की ओर से बनाई गई इस पॉलिसी से विदेशी ऑटोमोबाइल कंपनियों को महंगी गाड़ियों के भारतीय मार्केट में घुसने का मौका मिल सकता है.
इस वक्त़ इस बाज़ार को ऊंची इंपोर्ट ड्यूटी के जरिये संरक्षण दिया जा रहा है.
फिलहाल यहां 35 हजार डॉलर से ज्यादा कीमत की गाड़ियों पर 35 फीसदी की इंपोर्ट ड्यूटी लगती है. इससे ज्यादा कीमत की गाड़ियों पर 100 फीसदी लेवी लगती है.
अमेरिकी बाज़ार में टेस्ला की सबसे सस्ती मॉडल 3 कार की कीमत 38,990 डॉलर है.
अगर टेस्ला सरकार की नीति के मुताबिक़ यहां निवेश करती है तो ये कार यहां 37 लाख रुपये में उपलब्ध हो सकती है.
हालांकि इस पर रोड टैक्स और दूसरी लेवी के अलावा पांच फीसदी लेवी लगती है.
विदेशी इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों के लिए नीति बनाने की चर्चा काफी पहले से थी लेकिन इसे इस समय लाया गया है.
देश में जल्द ही लोकसभा चुनाव होने हैं.
लिहाजा चुनाव आचार संहिता भी अगले कुछ दिनों लागू हो सकती है.
बीजेपी ने झोंकी दक्षिण के राज्यों में ताकत
बीजेपी ने लोकसभा चुनावों से पहले दक्षिण भारत के राज्यों में अपनी ताकत झोंक दी है.
चुनाव तारीखों की घोषणा से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल और तमिलनाडु में रैली की. इसके बाद उन्होंने तेलंगाना में रोड शो किया.
बीजेपी ने इस बार 370 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. लिहाजा वो दक्षिण के राज्यों में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतना चाहती है.
‘इकनॉमिक टाइम्स’ ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक़ मोदी 15 मार्च से 19 मार्च तक दक्षिण के राज्यों में प्रचार करेंगे.
इस दौरान वे हर दिन दो रैली कर सकते हैं. पीएम मोदी तमिलनाडु में तीन और केरल में दो रैली कर सकते हैं.
17 मार्च को पीएम मोदी आंध्र प्रदेश के पालनाडु में रैली कर सकते हैं. यहां वो लंबे समय के बाद टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के साथ मंच साझा करेंगे.
अख़बार लिखता है कि 2019 में टीडीपी एनडीए से अलग हो गई थी. 2019 का चुनाव वो कांग्रेस के साथ मिल कर लड़ी थी.
शुक्रवार को पीएम मोदी ने कन्याकुमारी की एक रैली में तमिलनाडु की डीएमके-कांग्रेस सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि इन दोनों का इतिहास घोटालों का है.
पीएम ने कहा कि केंद्र ने तमिलनाडु के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास की कई परियोजनाएं शुरू की. इससे राज्य के लोगों को फायदा हुआ. लेकिन डीएमके सरकार भ्रष्टाचार करने में लगी रही.
अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर उन्होंने भी डीएमके सरकार को घेरा.
उन्होंने कहा कि डीएमके ने इसका बहिष्कार किया. उसने इसका प्रसारण रोकने की कोशिश की.
पीएम मोदी ने कहा कि ये बताता है कि डीएमके सरकार भारतीय संस्कृति और परंपराओं का आदर नहीं करती.
पीएम मोदी तमिलनाडु में 16 मार्च को भी रैलियों को संबोधित कर सकते हैं. वो एनडीए के घटक दलों के साथ भी बैठक कर सकते हैं.
राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ कहां तक पहुंची
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा रविवार को समाप्त होने वाली है. समापन के एक दिन पहले यानी आज यात्रा मुंबई पहुंचेगी.
‘अमर उजाला’ ने लिखा है कि महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख ने बताया कि कार्यक्रम का समापन एक विशाल रैली के साथ किया जाएगा. रैली में इंडी गठबंधन के नेता भी उपस्थित होंगे.
उन्होंने कहा कि सभी नेता राहुल गांधी का स्वागत करेंगे.
'राहुल देश के लिए लड़ रहे हैं. राहुल ने जो त्याग किया है, वह सब जानते हैं.'
'राहुल गांधी देश की संवैधानिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए लड़ रहे हैं. इंडी गठबंधन दलों के नेताओं और देश की जनता को राहुल से उम्मीद है.'
महाराष्ट्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गांधी की यात्रा का समापन रविवार को मुंबई के शिवाजी पार्क में होगा.
रैली में इंडी गठबंधन के नेताओं के अलावा, आम आदमी पार्टी (आप) के प्रतिनिधि भी रैली में मौजूद रहेंगे. यात्रा शनिवार दोपहर मुंबई में दाखिल होगी.
इसके बाद गांधी दादर में भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार डॉ. भीमराव आंबेडकर के स्मारक 'चैत्य भूमि' का दौरा करेंगे.
राहुल गांधी ने 14 जनवरी को मणिपुर से न्याय यात्रा शुरू की थी. राहुल भारत के 15 राज्यों, 110 जिलों, 100 लोकसभा सीटों और 337 विधानसभा से होते हुए मुंबई पहुंच रहे हैं.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)